तथागत बुद्ध प्रथम पुरुष है जिन्होंने जातिबाद ,भाषबाद, क्षेत्रीयता और धर्म एवं सम्प्रदायो द्वारा स्वीकृत हिंसा की मान्यताओ के खिलाफ बुलंद की अपनी आवाज
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लखनऊ : (संदीपा राय – ब्यूरो रिपोर्ट )
भारत के इतिहास मे तथागत बुद्ध प्रथम पुरुष है जिन्होंने जातिबाद ,भाषबाद, क्षेत्रीयता और धर्म एवं सम्प्रदायो द्वारा स्वीकृत हिंसा की मान्यताओ के खिलाप अपनी आवाज बुलंद की थी उन्होंने सभी झुद्र मान्यताओ का कारण मनुष्य का अज्ञान और उसके ही स्वार्थ को बताया है जिसके पीछे उसकी तृष्णा काम करती है उन्होंने सारी मानव जाति को सम्बोधित कर कहा कि सृष्टि मैं मनुष्य से श्रेष्ठ कोई नही है वह स्वयं अपना और अपने संसार का भाग्य विधाता है दुनिया के अच्छा बुरा होने के पीछे मनुष्य की अच्छाई या बुराई एक मात्र कारण है मनुष्य अपने दुखों का कारण स्वयं है उस दुख प्रवाह से उसके लिये मार्ग ही खोल सकता है इसके लिए मनुष्य को खुद अपने को रोशनी बनना पड़ेगा और अपने ही प्रकाश मैं खुद को चलाना पड़ेंगा ।
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