बलरामपुर आवारा पशुओं के कारण तबाह हो रही फसलें
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बहुजन इंडिया 24 न्यूज़ व बहुजन प्रेरणा दैनिक समाचार पत्र ( सम्पादक मुकेश भारती- सम्पर्क सूत्र 9161507983)
बलरामपुर : ( बी०पी० बौद्ध – ब्यूरो रिपोर्ट ) दिनांक- 25 – अगस्त- 2021- बुधवार
बलरामपुर आवारा पशुओं के कारण तबाह हो रही फसलें
छुट्टा व आवारा पशु बहुत समय से लोगों की मुसीबत का सबब बने हुए हैं। इन दिनों इस समस्या ने गांवों में भी पैर पसार लिया है। छुट्टा जानवरों की समस्या किसी एक इलाके की नहीं,बल्कि पूरे रेहरा बाजार विकास खण्ड की है। उनके लिए सुरक्षा का उपाय नहीं होने से पशु फसलों को तबाह कर रहे हैं। किसानों को छुट्टा मवेशियों से राहत नहीं मिल पा रही है। बरसात के सीजन में खेतों में गन्ना, धान , तिलहन, उड़द की फसलें लहलहा रही हैं। इसके अलावा मवेशियों को चारा खिलाने के लिए किसानों ने खेतों में चरी की बोआई की है। छुट्टा जानवरों से पहले किसान वनरोज व जंगली सुअर से परेशान थे। अब जंगली सुअर के साथ ही आवारा मवेशियों ने किसानों की चिंता दोगुनी कर दी है। जिले के सभी विकास खंड क्षेत्रों में आवारा पशुओं को रखने के लिए गो-आश्रय केंद्र खोले गए हैं वही उतरौला तहसील के अन्तर्गत विकास खण्ड रेहरा बाजार क्षेत्र मुबारकपुर व अन्य ग्राम पंचायतों में गौशालाएं कही नजर नहीं आ रही है जिसके कारण गांव के खेत खलिहान में आवारा मवेशी घूमते रहते हैं। खेतों में फसल तैयार होने से पहले ही ये मवेशी फसल चट कर जा रहे हैं।धान की रोपाई के बाद ही झुंड में जाकर आवारा पशु उसे खाने के साथ ही पैर से कुचल दे रहे हैं। किसान रात रात भर जागकर जानवरों को खदेड़ रहे है लेकिन वे फिर वापस आ जा रहे है ।किसानों को आवारा पशुओं की समस्या से निपटने के लिए कोई तरकीब नहीं सूझ रहा है।किसानों ने बताया कि पहले जंगली जानवरों से फसल की सुरक्षा करनी पड़ रही थी। अब छुट्टा जानवर गाढ़ी कमाई को चट कर रहें हैं। रतजगा करने के बाद भी अपनी फसलें नहीं बच पा रही हैं।कुछ किसानों ने बांस-बल्ली, लगा कर फसलों की घेराबंदी भी की है। इसके बाद भी फसल बचाना कठिन हो रहा है। क्षेत्र के मुबारकपुर, पिपराग्रण्ट, भैसाहीं, नथईपुर कुंवर, बैरिया सुर्जनपुर, मद्दौभट्ठा, खानपुर, नीशकपुरवा, आदि सभी गावों में यह समस्या बनी है। क्षेत्र में छुट्टा जानवर किसानों की फसलों को चट करने के साथ जानलेवा साबित हो रहे हैं। रात में फसलों की रखवाली करना जान जोखिम में डालना है। मेहनत से तैयार फसलों को जानवरों के चट करने से किसान तबाही की कगार पर पहुंच गए हैं।इन गांवों के किसान गया प्रसाद,तौफीक अहमद खान,राम नरायन, पाटेश्वरी प्रसाद, रमेश चन्द्र, मोहम्मद नसीम, शिवप्रसाद सोनकर, रंजन वर्मा, रोहित कुमार आदि का कहना है कि महंगाई के समय में खाद के साथ धान की रोपाई करने के बाद लागत निकालना मुश्किल हो गया है। खानपुर निवासी दिलीप कुमार वर्मा का कहना है कि छुट्टा जानवर के हमले में जान भी जा सकती है।
कृष्ण भजन | राज्जी बोलजा राधा
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