रामपुर आज 2 अक्टूबर है गाँधी जयंती न सिर्फ पूरा हिन्दुस्तान, बल्कि दुनिया के कई देश 152वीं गांधी जयंती मना रहे हैं – बहुजन इंडिया 24 न्यूज

रामपुर आज 2 अक्टूबर है गाँधी जयंती न सिर्फ पूरा हिन्दुस्तान, बल्कि दुनिया के कई देश 152वीं गांधी जयंती मना रहे हैं

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बहुजन इंडिया 24 न्यूज़ व बहुजन प्रेरणा दैनिक समाचार पत्र ( सम्पादक मुकेश भारती- सम्पर्क सूत्र 9161507983)

रामपुर : ( सुमित कुमार – ब्यूरो रिपोर्ट ) दिनांक- 02 – अक्टूबर – 2021-शनिवार ।


           रामपुर आज 2 अक्टूबर है गाँधी जयंती न सिर्फ पूरा हिन्दुस्तान, बल्कि दुनिया के कई देश 152वीं गांधी जयंती मना रहे हैं

रामपुर 2अक्टूबर 2021 गाँधी जी की 152वीं जयंती विशेष आजादी से पेहले दो बार रामपुर आये थे बापू आज 2 अक्टूबर है गाँधी जयंती न सिर्फ पूरा हिन्दुस्तान, बल्कि दुनिया के कई देश 152वीं गांधी जयंती मना रहे हैं। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था। उनका पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था। आगे चलकर लोगों के बीच वह बापू के नाम से पुकारे जाने लगे। अहिंसा के साथ देश को अजादी दिलने वाले राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी का रामपुर से गहरा नाता रहा है अजादी से पेहले महात्मा गांधी रामपुर दो बार आये थे । दोनो बार वह मोलाना मोहम्मद अली जौहर से मिलने रामपुर आये थे । उनके बताये रास्ते पर चलकर तमाम समाजसेवियो व राजनेताओं ने बुलंदियो को छुआ ।आज पूरा देश गाँधी जयंती मना रहा है वही रामपुर मे गाँधी जयंती का उत्सव अलग मायने रखता है। इसकी वजह है बापू का रामपुर से गहरा नाता देश की स्वतंत्रता मे अहम योगदान देने वाले अली ब्रदर्श यानी मोहम्मद अली जोहर और शोकत अली के जीवन पर भी बापू की अमिट छाप थी बापू की सोच से प्रभावित होकर जौहर अली ने देश की स्वतंत्रता मे अहम योगदान दिया आज भी स्वतंत्रता सेनानियों मे उनका नाम बड़े गर्व से लिया जाता है की रामपुर के नबाब परिवार से लेकर अली ब्रदर्श तक ने बापू को प्रभावित किया। इसी कारण राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी अपने जीवन मे रामपुर दो बार आये। राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी की समाधि दिल्ली के राजघाट के अलावा रामपुर मे भी है रामपुर रियासत के आखिरी नबाब रजा अली खाँ बापू की अस्थियो को यहा लाए और चाँदी के कलश मे इन अस्थियो को विसर्जित किया तथा कुछ अस्थियो यहा दफन कि गयी । और फिर यहाँ गाँधी समाधि बनायी गयी मौजूदा समय मे गाँधी समाधि रामपुर की शान बन चुकी है बापू की हत्या के बाद रामपुर के आखिरी नबाब रजा अली खाँ 11 फरवरी 1948 को बापू की अस्थियो को रामपुर लाए थे। दिल्ली के बाद रामपुर ही ऐसा स्थान है जहाँ बापू की अस्थियो दफन है पूर्ववर्ती सरकार मे रामपुर की इस गाँधी समाधि के सौंदीकरण पर करोड़ों रुपये खर्च कर इसे भव्य रूप दिया गया जो आज शहर के बिच स्थित रामपुर की शान है ।


बहुजन इंडिया 24न्यूज -सुमित कुमार रामपुर

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