थाना फरधान पीरपुर गांव में ठेकेदार ने बिना परमिट के कटवाए गए हरे भरे आम के पेड़ – बहुजन इंडिया 24 न्यूज

थाना फरधान पीरपुर गांव में ठेकेदार ने बिना परमिट के कटवाए गए हरे भरे आम के पेड़

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थाना फरधान पीरपुर गांव में ठेकेदार ने बिना परमिट के कटवाए गए हरे भरे आम के पेड़
थाना फरधान खीरी:शारदा नगर वन क्षेत्र के गांव पीरपुर में ग्राम समाज की जगह से कटवाए गए हरे भरे आम के पेड़। जांच करने पहुंचे फारेस्ट गार्ड फिर भी नही हुई कोई कार्यवाही। बताया जाता है गांव के श्रीकेशन के पट्टे की जमीन पर खड़े हरे आम के पेड़ एक ठेकेदार को बेंच दिया था। ठेकेदार ने बिना परमिशन लिए 19 दिसंबर को कटवाए थे। ग्रामीणों ने इसकी शिकायत वन विभाग और पुलिस से किया था।

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Mehtab Ali: Bureau Report-Behjam LMP

वह विभाग से आये फारेस्ट गार्ड ने मौके की जाँच कर ली थी आज तीसरा दिन हो गया है लेकिन फिर भी अभी तक कोई कार्यवाही नही हुई है।महताब अंसारी जिला क्राईम रिपोर्टर


महरोली ।दिल्ली:अधिकार अपराध समाधान द्वारा जरुरत मंद लोगो को बाटे गर्म कमबल व कपडे
अधिकार अपराध समाधान के पदाधिकारियों द्वारा सर्दी के हालात को देखते हुए जरूरत मद लोगो को सर्दी* से बचाने के उद्देश्य से पब्लिक में गर्म कंबल और कपड़े बाटे गए। संगठन द्वारा समय समय पे जरुरत मंद लोगो की मदद की और आगे भी करता रहेगा तथा अलग अलग राज्यों मे संगठन द्वारा गर्म कपडे व मास्क वितरण का कार्यक्रम रखा गया है। अधिकार अपराध समाधान जन हित में कार्य जोरो पर कर रहा है।

बहुजन इंडिया 24 न्यूज़ (सम्पादक मुकेश भारती- सम्पर्क सूत्र 9336114041 )
 दिनांक- 21 – दिसंबर – 2021 -मंगलवार । 
कम्बल व कपडे वितरण के साथ साथ संगठन के सदस्य को आईडी कार्ड भी दिए गए l जनता खुशी से जागरुक होकर अधिकार अपराध समाधान के साथ जुड़ रही है ।वितरण कार्यक्रम मे राष्ट्रीय अध्यक्ष महिला प्रकोष्ठ आरती, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष महिला प्रकोष्ठ शिखा शर्मा, राष्ट्रीय सचिव महिला प्रकोष्ठ मंजू सिसोदिया, प्रदेश प्रभारी महिला प्रकोष्ठ पूनम सिंह, जिला अध्यक्ष दक्षिण दिल्ली मुशर्रफ, जिला चेयरमैन दक्षिण दिल्ली राम लाल, जिला मंत्री दक्षिण दिल्ली वसीम खान,उत्तराखण्ड प्रदेश चेयरमैन मोनिका शर्मा, जिला उपाध्यक्ष दक्षिण दिल्ली पूनम गिरी,महरौली कानूनी सलाहकार नफीस अहमद, सदस्य मोहम्मद फारुक मोनिका जी आदि लोगो मौजूद रहे ।संगठन का प्रमुख उदेश्य अधिकार अपराध समाधान के संग, अपराध का अंत ।


फसल को शीत लहर व पाले से बचाने के लिये उपयोगी सलाह

वर्तमान में चल रही शीत लहर और कड़ाके की ठंड से फसलों को नुकसान होने की संभावना रहती है। किसान कल्याण तथा कृषि ‍विकास विभाग ने फसलों को पाले से बचाने के लिये उपयोगी सलाह दी है।

सवाददाता :शिवपुरी मध्य प्रदेश-संजीव सुर्यवंशी शिवपुरी, 21 दिसंबर 2021/
कृषि विशेषज्ञों के अनुसार जब तापमान पाँच डिग्री सेल्सियस से कम होने लगता है तब पाला पड़ने की संभावना बढ़ जाती है। हवा का तापमान जमाव बिंदु से नीचे गिर जाए, दोपहर बाद अचानक हवा चलना बंद हो जाए, आसमान साफ रहे या उस दिन आधी रात से ही हवा रूक जाए, ऐसी परिस्थितियों में पाला पड़ने की संभावना अधिक रहती है। रात को विशेषकर तीसरे एवं चौथे पहर में पाला पड़ने की संभावना रहती है। साधारणत: तापमान चाहे कितना ही नीचे चला जाए यदि शीत लहर हवा के रूप में चलती रहे तो कोई नुकसान नहीं होता। पर इसी बीच हवा चलना रूक जाए और आसमान साफ हो तभी पाला पड़ता है, जो फसलों के लिये काफी नुकसानदेह साबित होता है।

शीत लहर एवं पाले से फसलों की सुरक्षा के उपाय
जब भी पाला पड़ने की संभावना हो या मौसम विभाग द्वारा पाले की चेतावनी दी गई हो, ऐसी स्थिति में फसल में हल्की सिंचाई कर देना चाहिए। हल्की सिंचाई से तापमान जीरो डिग्री सेल्सियस से नीचे नहीं गिरेगा और फसल पाले से बच जायेगी। सिंचाई करने से खेत के तापमान में 0.5 से लेकर 2 डिग्री सेल्सियस तक तापमान में बढ़ोत्तरी हो जाती है।
पाले से सबसे अधिक नुकसान नर्सरी में होता है। पाले से बचाने के लिये नर्सरी में पौधों को रात में प्लास्टिक की चादर से ढंकने की सलाह दी जाती है। ऐसा करने से तापमान 2.3 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ जाता है और सतह का तापमान जमाव बिंदु तक नहीं पहुँच पाता व पौधे पाले से बच जाते हैं। पॉलीथिन की जगह पर पुआल का उपयोग भी किया जा सकता है। पौधे ढंकते समय इस बात का जरूर ध्यान रखें कि पौधों का दक्षिणी पूर्वी भाग खुला रहे, जिससे पौधों को सुबह और दोपहर की धूप मिल सके। खेत के पास उत्तरी पश्चिमी दिशा की खेत की मेडों पर रात्रि में धुंआ करना चाहिए जिससे तापमान गलाव बिंदु तक नहीं पहुंचे।
इसी तरह पाले से बचने के लिये कुछ रासायनिक उपचार भी हैं। फसलों पर गंधक के तेजाब के 0.1 प्रतिशत घोल का छिड़काव करने की सलाह दी जाती है। इसके लिये एक लीटर गंधक के तेजाब को एक हजार लीटर पानी में घोलकर एक हैक्टेयर रकबे में प्लास्टिक के स्पेयर से छिड़काव किया जा सकता है। ध्यान रखना चाहिए कि पौधों पर घोल की फुहार अच्छी तरह लगे। इस छिड़काव का असर दो हफ्ते तक रहता है। यदि इसके बाद भी शीतलहर व पाले की संभावना बनी रहे तो 15 दिन के अंतराल से यह छिड़काव फिर से किया जा सकता है। इसी प्रकार थायोयूरिया 500 पीपीएम (आधा ग्राम) प्रति लीटर पानी का घोल बनाकर छिड़काव किया जा सकता है।


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