मनरेगा योजना में सरकारी धन के दुरुपयोग के आरोप में फंसे बीडीओ मुजेहना – बहुजन इंडिया 24 न्यूज

मनरेगा योजना में सरकारी धन के दुरुपयोग के आरोप में फंसे बीडीओ मुजेहना

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मनरेगा योजना में सरकारी धन के दुरुपयोग के आरोप में फंसे बीडीओ मुजेहना
बहुजन प्रेरणा :संवाददाता -गोंडा- राम बहादुर मौर्य ।

 आठ करोड़ 43 लाख के अनियमित भुगतान मामले में सीडीओ ने बीडीओ को जारी किया कारण बताओ नोटिस विकासखण्ड मुजेहना में माह अप्रैल 2021 से अब तक पंचायत भवन, आंगनबाड़ी केन्द्र, सामुदायिक शौचालय, सीसी रोड ण्वं इंटर लाकिंग एवं पुलिया निर्माण में बड़ी गड़बड़ी का मामला प्रकाश में आया है। मुख्य विकास अधिकारी शशांक त्रिपाठी ने प्रभारी खण्ड विकास अधिकारी/सहायक अभियन्ता सरयू नहर खण्ड-2 सिंचाई विभाग मनोज को कारण बताओ नोटिस जारी जवाब मांगा है तथा जवाब न आने पर विधिक एवं विभागीस कार्यवाही की चेतावनी दी है।
मुख्य विकास अधिकारी ने बताया कि विकासखण्ड मुजेहना में 16 पंचायत भवनों के निर्माण की जांच कराई गई जिसमें बीडीओ द्वारा जांच टीम को एक भी पत्रावली नहीं उपलब्ध कराई गई। जबकि ब्लाक मुजेहना में वित्तीय वर्ष 2021-22 में नरेगा योजनान्तर्गत कुल 741 कार्यों को प्रारम्भ कराया गया जिसके सापेक्ष श्रम व्यय में 674.96 लाख रुपए तथा सामग्री व्यय में 137.47 लाख रुपए सहित कुल 812.43 लाख रुपए की धनराशि का भुगतान किया गया है। जांच में विकासखंड मुजेहना में तैनात लेखाकार मनोज कुमार श्रीवास्तव एवं अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी राजेश कुमार सोनी द्वारा मात्र 67 कार्यों की पत्रावलियां ही उपलब्ध कराई गई। मामले में तकनीकी सहायकों की भी भूमिका संदिग्ध पाई गई है जांच के लिए बुलाने पर तकनीकी सहायक बंशीधर पाठक, शिव प्रसाद शुक्ला, एवं राकेश कुमार द्विवेदी हाजिर नहीं हुए। विकासखण्ड में पंचायत भवन खीरभारी सहित निर्माण कराए जा रहे 16 पंचायत भवनों की जांच में पत्रावलियां न मिलने, प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति रजिस्टर का रख रखाव समुचित न किए जाने एवं स्टाफ द्वारा जांच में सहयोग न किए जाने एवं जांच टीम को पत्रावलियां न उपलब्ध कराए जाने से सरकारी धन के गबन की पुष्टि हुई है। सीडीओ ने खण्ड विकास अधिकारी को कारण बताओ नोटिस जारी कर लगाए गए आरोपों के सम्बन्ध में अपना स्पष्टीकरण 11 मार्च तक प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं। सीडीओ ने बताया कि यदि बीडीओ द्वारा सरकारी धन के गबन के आरोपों के सम्बन्ध में स्पष्टीकरण ने देने पर उनके विरुद्ध मनरेगा अधिनियम 2005 में प्राविधानित व्यवस्थानुसार विधिक कार्यवाही के साथ-साथ विभागीय कार्यवाही की जाएगी।

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