धार्मिक भावना के ठेस पर दलित प्रोफेसर डॉ0 रतनलाल को जेल और नुपूर शर्मा को सुरक्षा क्या ये है दोहरे मापदंड नहीं – बहुजन इंडिया 24 न्यूज

धार्मिक भावना के ठेस पर दलित प्रोफेसर डॉ0 रतनलाल को जेल और नुपूर शर्मा को सुरक्षा क्या ये है दोहरे मापदंड नहीं

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धार्मिक भावना के ठेस पर दलित प्रोफेसर डॉ0 रतनलाल को जेल और नुपूर शर्मा को सुरक्षा क्या ये है दोहरे मापदंड नहीं

बीजेपी शासन में कानून व्यवस्था के दोहरे मापदंड भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14 विधि के समक्ष समानता का उलंघन

Dr. Ratan Lal

मामला ज्ञानवापी मस्जिद वाराणसी यूपी का है खुदाई के दौरान मचे बवाल के दौरान दिल्ली विश्वविद्यालय के हिन्दू कॉलेज में इतिहास के सहायक प्रोफेसर डॉ. रतन लाल (Assistant Professor Dr. Ratan Lal) जी के कहने का तात्पर्य था कि ज्ञानवापी मस्जिद की में मिला शिवलिंग तोड़ा नहीं काटा गया है। ( 17 मई 2022 फेसबुक पर लिखे शब्दों का कोट ” यदि यह शिव लिंग है तो लगता है शायद शिव जी का भी खतना कर दिया गया था ” )। प्रोफेसर डॉ. रतन लाल के डिग्री और रैंक व पद के हिसाब से शब्द अप्रासंगिक और असंवैधानिक भी था।प्रोफेसर डॉ. रतन लाल बाद में अपने बयान में कहाँ कि मेरा आशय ये नहीं था कि मैं किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचे जाय।बुजुर्ग कह गए है कि तीर से निकला कमान और मुँह से निकला शब्द वापस नहीं होते है जो 17 मई 2022 को अपने फेसबुक-रतन लाल पर लल्लनटॉप के फोटो के साथ साझा किया कुछ ही घण्टों में हजारों की संख्या में विरोध भरे कमेंट आने लगे। हिन्दू संघठनों ने धार्मिक भावना से जोड़ दिया गया और प्रोफेसर डॉ0 रतनलाल के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 153ए (धर्म, जाति, जन्मस्थान, निवास, भाषा आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच वैमनस्य फैलाने) और 295ए ( धर्म का अपमान कर किसी वर्ग की धार्मिक भावना को जानबूझकर आहत करना) एफ आई आर दर्ज करवा दी और गिरफ्तारी की मांग उठी और दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार भी कर लिया।प्रोफेसर डॉ. रतन लाल ने अपनी जमानत कराई और फिर रिहा कर दिया गया अब कोर्ट तय करेगी शब्दों से धार्मिक भावना से आहत के दोषी है या निर्दोष फिर हाल उनको सोसल मिडिया और फ़ोन पर जान से मरने की धमकी भी खूब मिल रही है जिसके लिए प्रोफेसर डॉ. रतन लाल ने सुरक्षा की मांग सरकार से किया हुआ है। ——————

कुछ ऐसा ही मामला नुपूर शर्मा के साथ घटा मामला ज्ञानवापी मस्जिद वाराणसी यूपी का जिस पर टीवी डिवेट चल रही थी मौलाना और मुस्लिम पक्षधर हिन्दू देवी देवताओं और मंदिर मस्जिद पर नुपूर शर्मा को उकसाया नूपुर शर्मा ने प्रतिउत्तर में उड़ते हुए घोड़े और प्रोफेट मुहम्मद साहेब के जीवन में की गयी विवाह का हवाला देते हुए कहा कि 6 साल की लड़की से विवाह और 9 साल में ———शर्मनाक टिप्पणी को मुस्लिम समुदाय ने अपनी धार्मिकता से जोड़ दिया। देश भर में बवाल हुआ मामला तूल पकड़ा और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहुंच गया। नूपुर शर्मा के खिलाफ एक नहीं दो दो एफ आई आर दर्ज हुई लेकिन कार्यवाही के नाम पर केवल पार्टी की सदस्यता ख़ारिज कर बीजेपी पार्टी से निष्कासित किया गया पुलिस ने गिरफ्तार नहीं की और जाएं माल की सुरक्षा को दयँ में रखते हुये प्रोटेक्शन दे रखी है देखा जाये तो दोनों मामले धार्मिक भावना से आहत के साथ जुड़े है तो एक की गिरफ्तारी और दूसरे की तरफदारी यह स्पष्ट करता है कि अनुसूचित जाति और सवर्ण दोनों अलग अलग कानून से गवर्न होते है जो कि संविधान के मूल स्प्रिट के विरुद्ध है।

‘शिवलिंग’ को लेकर की गई विवादितफेसबुक पोस्ट पर DU के हिन्दू कॉलेज में प्रोफेसर डॉ रतन लाल गिरफ्तार:-

वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Mosque) में शिवलिंग के दावों पर सोशल मीडिया पर टिप्पणी को लेकर दिल्ली विश्वविद्यालय के हिन्दू कॉलेज में सहायक प्रोफेसर डॉ0 रतनलाल (Assistant Professor Dr. Ratan Lal) को गिरफ्तार कर लिया गया है। ये कार्यवाही सुप्रीम के वकील विनीत जिंदल की शिकायत के आधार पर डॉ. रतन लाल के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था ।

प्रो. रतनलाल की पृष्ठभूमि, कौन है प्रो. रतनलाल ?

 प्रोफेसर डॉ0 रतनलाल बिहार मुजफ्फरपुर के रहने वाले हैं। शुरुआती शिक्षा के बाद उन्होंने देशबंधु कॉलेज दिल्ली विश्वविद्यालय में पढ़ाई की. बाद में उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के रामजस कॉलेज में इतिहास में मास्टर ऑफ आर्ट्स की पढ़ाई की। डॉक्टर रतनलाल लगभग दो दशकों से अध्यापन और शोध कर रहे हैं और वर्तमान में हिंदू कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय में इतिहास के एसोसिएट प्रोफेसर हैं उन्होंने जाति, मानवाधिकार और लिंग सहित विभिन्न आधुनिक राजनीतिक और बौद्धिक विषयों पर हिंदी प्रकाशनों और सोशल मीडिया साइटों पर व्याख्यान दिए और विभिन्न निबंध भी लिखे।

रतनलाल भारत के प्रसिद्ध इतिहासकार, पुरातत्व के अंतर्राष्ट्रीय ख्याति के विद्वान् एवं हिन्दी साहित्यकार काशी प्रसाद जायसवाल के कार्यों के तीन-खंड संग्रह के संपादक के साथ-साथ “और कितने रोहित?” के लेखक भी हैं।
सोशल मीडिया पर उनकी गिरफ्तारी की निंदा की जा रही है और उनकी तत्काल रिहाई की मांग की जा रही है। प्रोफेसर डॉ0 रतनलाल की गिरफ्तारी के बाद बहुजन कार्यकर्ताओं में आक्रोश देखने को मिल रहा है और #ReleasedrRatanlal हैशटैग चलाया जा है. तो आखिर कौन हैं प्रोफेसर डॉ0 रतनलाल जिनकी सोशल मीडिया पर पोस्ट से गिरफ्तारी को लेकर बहुजनों में आक्रोश हैं और सैकड़ों लोग सड़कों पर उतर आये हैं?

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वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद में शिवलिंग मिलने के दावे पर दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर रतन लाल ने विवादित बयान दिया था, जिस पर उनके खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है. अब प्रोफेसर रतन लाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर एके-56 का लाइसेंस देने की मांग की है. प्रोफेसर रतन लाल – अपने यूट्यूब वीडिओ के जरिये से बताया ) (प्रोफेसर रतन लाल ने कहा, ‘इतिहास का छात्र हूं और इतिहास का छात्र अपने हिसाब से चलता है. अगर आधा गिलास पानी है तो आप कह सकते आधा भरा हुआ है और आधा खाली…जो शिवलिंग की बात कही जा रही है वह तोड़ा हुआ नहीं लग रहा है, काटा हुआ लग रहा है मैंने क्या लिखा कि अगर मुसलमान इस देश में आए और उन्होंने कन्वर्जन कराया तो पहला काम क्या होता है, इस्लाम धर्म में खतना होता है )

अपने शिक्षण करियर के अलावा, वह एक दलित कार्यकर्ता और शिक्षार्थी भी हैं. उन्होंने एक मेहनती सामाजिक और राजनीतिक कार्यकर्ता के रूप में दलित और मानवाधिकार समस्याओं पर अनगिनत साहसिक और सफल अभियानों का नेतृत्व किया है. डॉक्टर लाल ‘आंबेडकरनामा’ के संस्थापक और प्रधान संपादक भी हैं।

मौजूदा दौर में भी रतनलाल बेबाकी से अपने मुद्दों को रखते आये हैं. सोशल पोस्ट को लेकर मिल रही धमकी के बाद उन्होनें इसे बोलने की आज़ादी पर सीधा हमला बताते हुए कहा कि कल को मुझे कुछ होता हैं तो ये पूरे बहुजनों पर हमला है, देश के संविधान पर हमला है. ज्ञानवापी मस्जिद परिसर से मिले कथित शिवलिंग को लेकर आपत्तिजनक पोस्ट करने वाले दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डॉ0 रतनलाल को गिरफ्तार कर लिया गया है।
नई दिल्ली. ज्ञानवापी मस्जिद परिसर से मिले ‘शिवलिंग’ को लेकर आपत्तिजनक पोस्ट करने वाले दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर रतन लाल को गिरफ्तार कर लिया गया है. पुलिस के मुताबिक, एसोसिएट प्रोफेसर रतन लाल को भारतीय दंड संहिता की धारा 153ए (धर्म, जाति, जन्मस्थान, निवास, भाषा आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच वैमनस्य फैलाने) और 295ए ( धर्म का अपमान कर किसी वर्ग की धार्मिक भावना को जानबूझकर आहत करना) के तहत गिरफ्तार किया गया है. साइबर पुलिस ने इनकी गिरफ्तारी की है।

दरअसल, ज्ञानवापी मस्जिद परिसर से मिले ‘शिवलिंग’ को लेकर दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डॉ0 रतनलाल ने विवादित पोस्ट किया था. इसके बाद इस मामले पर काफी हंगामा हुआ था और बुधवार को रतन लाल के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी. उनके खिलाफ गैर जमानती धराओं के तहत मुकदमा दर्ज हुआ था. रतन लाल पर धार्मिक भावनाएं भड़काने का आरोप लगा था. उनकी पोस्ट सामने आने के बाद दिल्ली पुलिस में शिकायत दर्ज की गई थी मैंने किसी की भावनाएं आहत नहीं की हैं।
डीयू के हिन्दू कॉलेज में प्रोफेसर डॉ0 रतनलाल हिस्ट्री के प्रोफेसर हैं। उन्होंने ज्ञानवापी मामले को लेकर कुछ सवाल खड़े किए तो बवाल शुरू हो गया उधर प्रोफेसर डॉ0 रतनलाल अपनी सफाई में कहा कि मैंने किसी की भावनाएं आहत नहीं की हैं। उनका कहना था कि मैंने सिर्फ एक संभावना व्यक्त की है अगर मेरे वक्तब्य मात्र देने से रिलीजियस सेंटीमेंट्स हर्ट हो जायेगा तो किसी पौराणिक पर कोई विद्वान् अपना कैसे मत प्रकट और बौद्धिक विमर्श कैसे दे पायेगा की हिस्टोरिकल प्लेस की पहले क्या स्थिति थी और आज क्या है ?’

प्रोफेसर डॉ रतन लाल के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के फैसले की अवमानना का क्या भी लगा चार्ज ?
प्रोफेसर डॉ रतन लाल के वरिष्ठ अधिवक्ता महमूद प्राचा ने जानकारी दी कि प्रोफेसर डॉ0 रतनलाल के खिलाफ झूठा मुकदमा दर्ज किया गया है। कोई मामला ही नहीं बनता है। FIR में कोई ऐसी बात नहीं है जो संज्ञेय अपराध की श्रेणी में आता हो. IPC की धारा 153A और 295A के तहत गिरफ्तारी नहीं की जा सकती। पुलिस के पास वह शक्ति ही नहीं है कि प्रोफेसर डॉ रतन लाल की गिरफ्तारी करे। वरिष्ठ अधिवक्ता महमूद प्राचा ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद की सुनवाई के लिए सिविल कोर्ट से जनपद कोर्ट को सुनवाई के लिए ट्रांसफर किया है।वाराणसी जनपद के जज अपनी देख रेख में सर्वे करवा रहे है। प्रोफेसर डॉ रतन लाल का उससे कोई लेना देना नहीं है प्रोफेसर डॉ रतन लाल ने केवल एक विषय विशेष्ज्ञ के रूप में अपना बयान दिया है सुप्रीम कोर्ट के फैसले की कोई अवमानना नहीं की है। वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद में शिवलिंग मिलने के दावे पर दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर रतन लाल ने जो विवादित बयान दिया था, जिस पर उनके खिलाफ कोर्ट की अवमानना भी बताया गया। जो की निराधार है लेकिन जिस अपराध संख्या 50 /2022 के FIR में जो धारा लगाई गयी है उसमे पुलिस द्वारा की गयी गिरफ्तारी सुप्रीम कोर्ट के डायरेक्शन की अवमानना है। संवैधानिक रूप से पुलिस गिरफ्तार नहीं कर सकती। गिरफ्तारी के लिए सक्षम कोर्ट से आदेश लेना आवश्यक है।
प्रोफेसर डॉ रतन लाल की गिरफ़्तारी और जमानत : प्रोफेसर डॉ रतन लाल की गिरफ़्तारी दिल्ली पुलिस ने 20 मई दिन शुक्रवार की रात में उनके आवास से की गई जिसकी पुष्टि दिल्ली पुलिस के डीएसपी (उत्तरी ) सागर सिंह कलसी ने किया उन्होंने बताया की अपराध संख्या 50 /2022 के तहत प्रोफेसर डॉ रतन लाल को गिरफ्तार किया गया है और 21 मई को तीस हजारी कोर्ट ने उनको जमानत दे दी।
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वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Masjid) के सर्वे का काम पूरा हो गया है. पिछले तीन दिन से सर्वे का काम जारी था। सोमवार को मस्जिद परिसर में दो घंटे तक सर्वे किया गया. इसी बीच ज्ञानवापी सर्वे के दौरान हिंदू पक्ष के सामाजिक कार्यकर्ता व वरिष्ठ वकील विष्णु जैन ने बड़ा दावा किया है। सामाजिक कार्यकर्ता व वरिष्ठ विष्णु जैन ने कहा कि कुएं के अंदर सर्वे के दौरान शिवलिंग मिला है। सूत्रों के मुताबिक टीम ने आज नंदी के सामने बने कुएं में कैमरा डालकर भी सर्वे किया. सर्वे के लिए वाटर रेसिस्टेंट कैमरे का इस्तेमाल किया गया. ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे का आज तीसरा दिन है. इससे पहले सर्वे का करीब 80 फीसदी काम पूरा हो चुका था. सर्वे के बाद 17 मई से पहले इसकी रिपोर्ट कोर्ट में पेश की जानी है।ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वे ( Gyanvapi Masjid Survey) के समय हुई वीडियोग्राफी?

Gyanvapi Masjid Survey: सर्वे में कुएं के अंदर मिला शिवलिंग, हिंदू पक्ष के वकील विष्णु जैन ने किया बड़ा दावा गुंबद के पास की दीवार पर दिखे हिंदू चिन्ह- हिंदू पक्ष रविवार को सर्वे के बाद हिंदू पक्ष की ओर से दावा किया गया कि गुंबद की तरफ सर्वे के दौरान एक दीवार जिस पर हिन्दू परंपरा के आकार दिख रहे हैं वहां संगमरमर दिख रहा है, उसे सफेद चूने से रंग गया है। टीम ने इन सभी की वीडियोग्राफी की है सर्वे टीम को अंदर एक मिट्टी का ढेर भी मिला है जिसे सफेद चूने से रंगा गया है जो लिंगायत समाज में काशी में लिंग दान का प्रचलन है। तहखाने में उस परम्परा के टूटे लिंग मिले हैं। सर्वे का काम अब पूरा हो गया है और अब सर्वे का ड्राफ्ट तैयार किया गया उसके बाद सभी पक्षकारों के दस्तखत कराए गए। जिससे दोनों पक्षों की उपस्थिति दर्ज हो सके।

हिंदू पक्ष का दावा शिवलिंग होने के पुख्ता है सबूत – उम्मीद से ज्यादा ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Mosque) में शिवलिंग मिलने का पूरे प्रमाण है जो बताते है की मस्जिद से पहले था भगवान शिव का मंदिर जिसको आक्रांताओं ने हिन्दुओं को कुचलने के लिए किया था मंदिर को नष्ट। शनिवार को सर्वे के बाद विश्व वैदिक सनातन संघ के प्रमुख जितेंद्र सिंह बिसेन ने बताया कि वहां कल्पना से बहुत कुछ ज्यादा देखने को मिला , सर्वे के दौरान कुछ ताले खोले गए और कुछ तोड़ने पड़े। अभी वहां सर्वे के लिए बहुत कुछ है बाकी है जैसा माननीय कोर्ट का आदेश होगा वैसा होगा।

कौन है नूपुर शर्मा कैसे विवादों में घिरी :-

नुपूर शर्मा का जन्म नई दिल्ली में हुआ और दिल्ली पब्लिक स्कूल (डीपीएस), से स्कूली शिक्षा पूरी कर बीए किया। दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदू कॉलेज से इन्होंने अर्थशास्त्र (ऑनर्स) में डिग्री ली। इसके साथ ही इन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के संकाय से लॉ डिग्री (एलएल बी) भी प्राप्त की और लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से एलएलएम भी किया। नूपुर शर्मा कॉलेज से ही राजनीति में सक्रिय रही हैं और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के टिकट पर दिल्ली यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स यूनियन (डीयूएसयू) की अध्यक्ष बन चुकी है।
निजी जीवन और पूरा नाम :- नुपूर शर्मा जन्म तिथि 23 Apr 1985 (उम्र 37) जन्म स्थान नई दिल्ली पार्टी का नाम Bharatiya Janta Party शिक्षा स्नातकोत्तर व्यवसाय राजनीतिज्ञ और वकील पिता का नाम विनय शार्मा : स्थाई पता 5-बी, गिरधर अपार्टमेंट, फिरोजशाह रोड, नई दिल्ली।

नुपूर शर्मा की उपलब्ध‍ियां:- ‘टीच फोर इंडिया’ जैसे प्रोग्राम के लिए नुपूर शर्मा युवा राजदूत का भी काम कर चुकी है। इन्होंने बीजेपी में विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है जैसे बीजेपी की युवा विंग बीजेवाईएम की राष्ट्रीय कार्यकारी समिति की सदस्य, बीजेवाईएम के राष्ट्रीय मीडिया सह-प्रभारी और भाजपा की कार्यकारी समिति और भाजपा दिल्ली की राज्य कार्यकारी समिति की सदस्य भी रह चुकी है। रोचक तथ्‍य नुपूर शर्मा दिल्ली भाजपा की राज्य कार्यकारी समिति की सदस्य होने के साथ ही भाजपा के युवा विंग भारतीय जनता युवा मोर्चा (बीजेवाईएम) का एक प्रमुख चेहरा भी है। राजनीतिक घटनाक्रम 2015 2015 के दिल्ली विधानसभा चुनावों में पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (एएपी) के प्रमुख अरविंद केजरीवाल के खिलाफ भाजपा उम्मीदवार के रूप में नुपूर शर्मा को चुना गया लेकिन इस चुनाव में वे केजरीवाल से हार गयी थीं। 2015 नुपूर को भाजपा प्रवक्ता नियुक्त किया गया और यह मीडिया में अपनी पार्टी का प्रतिनिधित्व करने के लिए विभिन्न मुद्दों में हिस्सा लेती है।

क्या है ज्ञानवापी मस्जिद का पूरा मामला?
इन दिनों वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद मामले को लेकर देशभर में चर्चा छिड़ी हुई है। शुक्रवार 27 मई को नुपुर एक नेशनल टेलीविजन न्यूज चैनल की डिबेट में पहुंचीं। बहस के दौरान उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ लोग हिंदू आस्था का लगातार मजाक उड़ा रहे हैं। अगर यही है तो वह भी दूसरे धर्मों का मजाक उड़ा सकती हैं। नुपुर ने इसके आगे इस्लामी मान्यताओं का जिक्र किया, जिसे मोहम्मद जुबैर ने अपने ट्विटर अकाउंट से शेयर किया और नुपुर पर पैगंबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी करने का आरोप लगाया। नुपुर का कहना है कि जुबैर के वीडियो क्लिप शेयर करते ही इस्लामिक कट्टरपंथी उन्हें रेप, सिर धड़ से अलग करने की धमकियां देने लगे। इसके लिए जुबैर जिम्मेदार हैं। नुपुर ने कहा, ‘मैंने पुलिस कमिश्नर और दिल्ली पुलिस को सूचना दे दी है। मुझे संदेह है कि मुझे और मेरे परिवार के सदस्यों को नुकसान हो सकता है। अगर मुझे या मेरे परिवार के सदस्यों को कोई नुकसान होता है तो मोहम्मद जुबैर पूरी तरह से जिम्मेदार होंगे।’
नुपुर शर्मा पर अबतक की हुई कार्यवाही :- फिर हाल केवल बीजेपी पार्टी से निष्काशन के सिवाय और कोई ठोस कार्यवाही नहीं की गयी जिसके चलते मुस्लिम समुदाय आक्रोश में है और जुमा की नमाज़ के बाद कुछ जिलों में प्रदर्शन और हिंसा देखने को मिली है मुस्लिम समुदाय लगातार नुपुर शर्मा की गिरफ़्तारी की मांग कर रहा है लेकिन सरकार बचाने की पूरी कोशिश कर रही है ऐसा दावा मुस्लिम समुदाय कर रहा है।

सऊदी अरब बहरीन जैसे देश भी नूपुर शर्मा के विवादित वयं से आहत दिखे और भारतीय सामान की बिक्री पर अपने अपने देश में रोक लगा रखी है। कुछ कट्टर मुस्लिम देश अपने यहां के दूतावास के अधिकारीयों को तालाब कर के अपनी नाराजगी व्यक्त की है।

जिस पर दूतावास के अधिकारीयों ने नूपुर शर्मा के विवादित बयान को फ्रिंज बतया है। जबकि हिन्दू कट्टर पंथी संगठन के लोग नूपुर शर्मा के साथ खड़े दिख रहे है।

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