मुरादाबाद में यूपी पुलिस की वेबसाइट हैक की, 15 लाख का चालान डिलीट
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संवाददाता : : मुरादाबाद : :नरोत्तम सिंह :: Date ::7 .10 .2022 :: यूपी पुलिस की वेबसाइट हैक की, 15 लाख का चालान डिलीट हैकरों ने कर दिया, पुलिस ने चेक किया तो…तो पाया कि चोरी से वेबसाइट को हैक कर चुराता है वेबसाइट का डेटा और डेटा में होता है चालान. चालान खोजकर डिलीट कर देता है।ये है कुछ हैकरों की कहानी है. यूपी के हैकर. इन हैकरों ने यूपी पुलिस के सिस्टम को हैक कर लिया. हैक तो कर लिया. बहुत सारे उपाय थे. बहुत कुछ कर सकते थे. लेकिन वो सब नहीं किया. अपने मतलब भर का काम किया. चालान डिलीट कर दिया. कितने का चालान डिलीट किया? 15 लाख रुपए का चालान. 15 लाख से कुछ याद आया ।
मुरादाबाद के मझोला थाना क्षेत्र का मामला है. पुलिस को साइबर गैंग के पास से नकली मोहरें भी मिली हैं. और अरेस्ट हुए हैं दो बंदे – नाम शाने आलम वल्द रमजानी हुसैन और जावेद वल्द नज़ारूल हसन. अंग्रेज़ी वाले सन ऑफ़ की जगह पढ़ें वल्द।
आज तक की रिपोर्ट के अनुसार, ये गैंग एक कंप्यूटर की दुकान में लोगों के चालान भरने के बहाने उनके चालान की राशि कम करने का लालच देता था. वेबसाइट पर भरी डिटेल्स को हैक करके वो उनका चालान कम कर देते थे और उनसे पैसे वसूलते थे. एसएसपी मुरादाबाद हेमंत कुठियाल ने आज तक को बताया, गैंग टेक्नोलॉजी का गलत इस्तेमाल करके ये फ्रॉड कर रहा था. एसपी ट्रैफिक ने इस गैंग के बारे में पता लगाया. ये लोग ई-चालान पोर्टल पर जाकर लोगों की यूजर आईडी द्वारा उनके चालान की राशि को कम करते थे. कई चालानों को ये लोग पोर्टल से डिलीट भी कर देते थे. इन लोगों के पास से कोर्ट की 15 फर्जी मोहरें भी बरामद की गई है. इनके पास से कई लैपटॉप, एलसीडी, कंप्यूटर और पेन ड्राइव्स भी मिले हैं.” एक बार गैंग का सदस्य शाने आलम कुशीनगर गया था, जहां पर चालान जमा करने वाले कर्मचारी का आईडी पासवर्ड देख लिया था. फिर लौटकर काम शुरू किया. काम शुरू करने के बाद गाड़ी चल निकली. फिर OTP का सिस्टम आ गया तो कुछ ‘जुगाड़’ लगाकर एक आईडी के साथ अपना नम्बर भी लगा दिया. OTP की दिक़्क़त भी नहीं रही. फिर वेबसाइट खोलकर सटाक से चालान डिलीट।गैंग के तीन कथित मेंबर फ़रार भी हैं. नाम – अभिकुमार लाल मिश्रा वल्द आर्य कुमार, अहमद रजा वल्द साजिद. और दीपक राज. इनकी तलाश जारी है।
एसएसपी ने आगे बताया कि सिर्फ मुरादाबाद जनपद के ही नहीं, इन लोगों ने कई और जनपद के भी चालान हटाए हैं. इस गैंग का कोई मुखिया नहीं है, इन लोगों ने एक दूसरे से ही ये सब सीखी हैं. अभी तक इन लोगों ने 15 लाख रुपये के फ्रॉड की बात मानी है, पर ये और भी ज्यादा हो सकता है. पुलिस ने ये भी बताया कि ये गैंग लोगों को नहीं बताता था कि कैसे उनका चालान कम होगा. मगर ये लोग लीगल तरीके से चालान कम करने की बात करते थे. अब कोर्ट के आदेश के आधार पर इन लोगों से फ्रॉड की राशि वसूली जाएगी।
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