मान्यवर कांशीराम जी के परिनिर्माण दिवस पर कोटि कोटि नमन-शिवशंकर सिंह यादव – बहुजन इंडिया 24 न्यूज

मान्यवर कांशीराम जी के परिनिर्माण दिवस पर कोटि कोटि नमन-शिवशंकर सिंह यादव

1 min read
😊 Please Share This News 😊

संवाददाता : : मैनपुरी: :मुकेश भारती :: Date ::09.10 .2022 :आज दिनांक 09-10-2022 मान्यवर कांशीराम जी के परिनिर्माण दिवस पर कोटि कोटि नमन💐💐
आप के विचारों से लाखों-करोड़ों शूद्रों को मानसिक गुलामी से आजादी मिली। आज के अवसर पर एक ऐसा ही अनुभव साझा करना उचित समझता हूं।अक्टूबर 1982 मे, मैं सरकारी काम से ITI नैनी इलाहाबाद गया हुआ था। अचानक एक दिन ITI नैनी से इलाहाबाद बस से सफर करते समय, नैनी जेल की दीवार पर लिखा हुआ पढ़ने को मिला ।
ब्राह्मण, क्षत्रिय, बनिया छोर।
और बाकी सब डी-एस-फोर।।
बस के अंदर ही मेरे दिमाग में डी-एस-फोर क्या है? क्लिक कर गया। उसी की तलाश करते- करते मैं मान्यवर कांशीराम जी के नजदीक आया। उनके विचारो से प्रेरित होकर, शोसित समाज के प्रति समर्पण की भावना जागृत हुई। फिर बाबा साहब अम्बेडकर के साहित्य और उनके विचारो को जानने का मौका मिला। विज्ञान का विद्यार्थी और इन्जीनियर होने के कारण साहित्यिक और सामाजिक ज्ञान कोसों दूर था।बाबा साहेब के विचारो से ज्ञान मिलने के बाद ही लगा कि, मैं अब कुछ पढ़ा लिखा हूं। परिणाम यहां तक आया कि, जो उस समय तक हनुमान की पूजा करता था, अपने घर के मंदिर को कचरे के डब्बे मे फेंक दिया और उसी दिन से भगवान् की मानसिक गुलामी से मुक्त हो गया। तर्क किया, तथाकथित भगवान् क्यो चाहिए? नही चाहिए, क्या बिगड़ जाएगा? क्या बिगाड़ लेगा —? जीने के लिए मान सम्मान, रोटी कपड़ा और मकान चाहिए बस! आत्मबल मिला, अपने-आप मे एक ताकत महसूस हुई, अपने कर्म पर 100% भरोसा हुआ। अच्छा परिणाम मिला, खुद भी 1989 मे एक बुक बहुजन चेतना लिखा और प्रकाशित किया। 2015 में मानवीय चेतना और अब उन्हीं के विचारों से प्रभावित होकर मिशन – गर्व से कहो हम शूद्र हैं शुरू किया और इसी नाम से एक बुक भी प्रकाशित किया हूं। उन्हीं के विचारों से प्रेरित होकर, नये जोश और नये सोच के साथ, बहुजन समाज में आपस में भी गहराई से मौजूद, जातीय ऊंच-नींच की भावना, छूआछूत, अछूत, नींच, दुष्ट, पापी आदि घृणित मानसिकता से निजात पाने की कोशिश की जा रही है। इसके लिए इस मिशन के माध्यम से माथे पर लगे इस कलंक को छिपाने के लिए नहीं, अब सदा के लिए मिटाने की कोशिश हो रही है। ताकि इस कलंक को आने वाले अगले जनरेशन को ट्रान्सफर होने से बचाया जा सके।


71 सालों की स्वतंत्रता के बाद, समता, समानता और बंधुत्व आधारित संविधान लागू होते हुए भी, यदि आप के दिमाग से यह कचरा नहीं निकलता है तो, इसके लिए सिर्फ ब्राह्मण दोषी नहीं है। कहीं न कहीं हम और आप उच्च बनने की अहंकारी मानसिकता से ग्रसित खुद ब्राह्मणवादी हैं और इसी बुराई को छिपाने में सभी जाति की और दूसरी कुछ सामाजिक संस्थाएं ब्यस्त है। यदि मैं सिर्फ एक स्लोगन से बदल सकता हूं तो, आप वाट्स एप पर मौजूद हजारों ज्ञानों से क्यों नहीं? यदि नहीं! तो ऐसा लगता है की इस बिमारी के, या तो आप पोषक है या महा बुजदिल है। मेरी उम्र 71 की पूरी हो गई है। इसी महापुरुष की देन है कि, मैं धर्म बिहीन, जाति बिहीन, भगवान् बिहीन, राजा विहीन, भय बिहीन, रोग बिहीन सन्तुष्ट पूर्ण, खुशहाल जिंदगी अभी तक जी रहा हूं।
धन्य है ऐसे महापुरुष!
बामसेफ, DS-4, व बहुजन समाज पार्टी के जन्मदाता, हम बहुजनों के भाग्य विधाता, युग पुरुष मान्यवर कांशीराम साहब के परिनिर्माण दिवस पर कोटि कोटि नमन 💐💐
आप के समान दर्द का हमदर्द साथी! अपील -:गूगल@ गर्व से कहो, हम शूद्र हैं गूगल@ शूद्र शिवशंकर सिंह यादव ।

मानवीय चेतना, लेखक शूद्र शिवशंकर सिंह यादव पुस्तक इस लिंक पर आन लाइन प्राप्त कर सकते हैं। मो0-W-7756816035 ,9869075576

व्हाट्सप्प आइकान को दबा कर इस खबर को शेयर जरूर करें 

स्वतंत्र और सच्ची पत्रकारिता के लिए ज़रूरी है कि वो कॉरपोरेट और राजनैतिक नियंत्रण से मुक्त हो। ऐसा तभी संभव है जब जनता आगे आए और सहयोग करे

Donate Now

[responsive-slider id=1466]
error: Content is protected !!