Sitapur:: सीतापुर उत्तर प्रदेश – बहुजन इंडिया 24 न्यूज

Sitapur:: सीतापुर उत्तर प्रदेश

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Sitapur:: सीतापुर उत्तर प्रदेश

सीतापुर भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के सीतापुर ज़िले में स्थित एक नगर है। यह ज़िले का मुख्यालय भी है।उत्तर प्रदेश राज्य के अवध क्षेत्र में लखनऊ एवं शाहजहांपुर मार्ग के मध्य में सरायन नदी के किनारे पर स्थित है। यह जिला सदैव धार्मिक सहिष्णुता और गंगा जमुनी तहज़ीब को शिखर पर ले जाने वाले जिलों में शुमार किया जाता है। सीतापुर नगर में भारत का

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प्रसिद्ध नेत्र अस्पताल है। सीतापुर गुड़, गल्ला, दरी की बड़ी मंडी है। यहाँ एक बहुत बड़ा आँख का अस्पताल जिसकी स्थापना प्रसिद्ध नेत्र चिकित्सक डॉ महेश प्रसाद मेहरे ने की थी, सैनिक छावनी तथा उत्तर एवं पूर्वोत्तर रेलवे के जंक्शन हैं, प्लाईवुड और तीन बड़े शक्कर के मिल हैं। आजकल ये जनपद औद्योगिक बिन्दु से महुत महत्वपूर्ण नहीं है । इस ज़िले में 5 चीनी मिले , चावल व आटा मिलें कार्यरत हैं। यह जनपद मुख्य रूप से सूती व ऊनी दरियों के लिये प्रसिद्ध है । लहरपुर और खैराबाद विशेष रूप से इसके उत्पादन एवं निर्यात के लिए प्रसिद्ध हैं । यहाँ बनने वाली सूती और ऊनी दरियां देश ही नहीं विदेशों में भी प्रसिद्ध हैं।

यदि सीतापुर के प्राचीन इतिहास को देखें तो संपूर्ण ज़िला भारशिव काल की इमारतों और गुप्त काल तथा गुप्त प्रभावित मूर्तियों तथा इमारतों से भरा हुआ था। मनवाँ, हरगाँव, बड़ा गाँव, नसीराबाद आदि पुरातात्विक महत्व के स्थान हैं। विजयेन्द्र

Sitapur:: सीतापुर उत्तर प्रदेश
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कुमार माथुर ने लेख किया है। हट, ऊजठ (AS, p.104) उत्तर प्रदेश के सीतापुर ज़िले में स्थित है। 9वीं शताब्दी ईस्वी के एक मंदिर के अवशेष यहाँ से उत्खनन द्वारा प्राप्त हुए हैं। उत्तर प्रदेश शासन ने ऊजठ में विस्तृत रूप से खुदाई की थी। ‘नैमिषारण्य’ और ‘मिसरिख’ पवित्र तीर्थ स्थल हैं। सीतापुर जिले में महाराज छीता पासी ने सीतापुर क्षेत्र, लहरी पासी ने लहरपुर क्षेत्र तथा खैरा पासी ने खैराबाद को बसाया था। यह सूफियों एवं पैगंबरों की धरती है। इस पावन धरती पर ऋषि वेद व्यास द्वारा पुराणों की रचना की गई । हिन्दू मतानुसार , “पाँच धाम यात्रा” तब तक पूर्ण नहीं मानी जाती जब तक नीमसार अथवा नैमिषारण्य के दर्शन नहीं कर लिए जाते । नैमिषारण्य सीतापुर का एक प्राचीन धार्मिक स्थल है। हज़रत मखदूम साहब, खैराबाद और हज़रत गुलज़ार शाह , बिसवां की दरगाह सामाजिक समरसता की मिसालें हैं ।

प्रारंभिक मुस्लिम काल के लक्षण केवल भग्न हिन्दू मंदिरों और मूर्तियों के रूप में ही उपलब्ध हैं। इस युग के ऐतिहासिक प्रमाण शेरशाह सूरी द्वारा निर्मित कुओं और सड़कों के रूप में दिखाई देते हैं। उस युग की मुख्य घटनाओं में से एक तो खैराबाद के निकट हुमायूँ और शेरशाह के बीच युद्ध और दूसरी राजा सुहेलदेव पासी और सैयद सालार मसूद ग़ाज़ी के बीच बिसवां और तंबौर के युद्ध हैं। सीतापुर के निकट स्थित खैराबाद मूलत: प्राचीन हिन्दू तीर्थ मानसछत्र था। मुस्लिम काल में खैराबाद, सिधौली के निकट बाड़ी, बिसवाँ इत्यादि इस ज़िले के प्रमुख नगर थे। ब्रिटिश काल (1856) में खैराबाद को छोड़कर ज़िले का

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केंद्र सीतापुर नगर में बनाया गया। सीतापुर का तरीनपुर मोहल्ला प्राचीन स्थान है। महाराजा छीता पासी के नाम पर ही इसका प्राचीन नाम छीतापुर पडा,इसका प्रथम उल्लेख राजा टोडरमल के बंदोबस्त में छितियापुर के नाम से आता है। बहुत दिन तक इसे छीतापुर कहा जाता रहा, जो

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गाँवों में अब भी प्रचलित हैं। 1857 के प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में सीतापुर का प्रमुख हाथ था। बाड़ी के निकट सर हीपग्रांट तथा फैजाबाद के मौलवियों के बीच निर्णंयात्मक युद्ध हुआ था।17वीं तथा 18वीं शताब्दी में यह स्थान वस्त्र उद्योग के लिए ख्यात था । ईस्ट इंडिया कंपनी ने खैराबाद और दरियाबाग में बनने वाले हैंडलूम कपड़ों का निर्यात करना प्रारंभ कर दिया । बिसवाँ क्षेत्र मिट्टी के बर्तन बनाने के लिए मशहूर था । यह जनपद दरवाज़ों पर उभरी नक्काशी के लिए भी जाना जाता था। सीतापुर जिले की ही भूमि से ‘सुदामा चरित्र’ लिखने वाले महाकवि नरोत्तमदास, ‘कुरीति गढ़ संग्राम’ रचित करने वाले प्रसिद्ध संत एवं कवि रामआसरे दास नाई , महान क्रांतिकारी और 1857 के गदर के लिए बहादुर शाह जफर को फतवा जारी करने वाले अल्लामा फजले हक खैराबादी, प्रसिद्ध उर्दू विद्वान काज़ी अब्दुल सत्तार, प्रसिद्ध क्रांतिकारी इंद्रदेव सिंह, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी आचार्य नरेंद्र देव एवं बाबू कन्हैया लाल महेंद्र, उर्दू विद्वान एवं कवि जान निसार अख्तर, फिल्म निर्देशक वजाहत मिर्ज़ा, परमवीर चक्र विजेता कैप्टन मनोज पांडे, एवं प्रसिद्ध अवधी कवि बलभद्र प्रसाद दीक्षित जैसे महाज्ञानियो, महापुरुषों ने इस पावन सीतापुर की धरती पर जन्म लिया।

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सीतापुर भारतीय राज्य उत्तर प्रदेश का एक जिला है। जिले का मुख्यालय सीतापुर है। यह जिला नैमिषारण्य तीर्थ के कारण प्रसिद्ध है[1]। प्रारंभिक मुस्लिम काल के लक्षण केवल भग्न हिंदू मंदिरों और मूर्तियों के रूप में ही उपलब्ध हैं। इस युग के ऐतिहासिक प्रमाण शेरशाह द्वारा निर्मित कुओं और सड़कों के रूप में दिखाई देते हैं। उस युग की मुख्य घटनाओं में से एक तो खैराबाद के निकट हुमायूँ और शेरशाह के बीच और दूसरी ओर काल्पनिक श्रावस्ती नरेस सुहेलदेव और सैयद सालार के बीच बिसवाँ और तंबौर के युद्ध हैं। जिले के ब्लॉक गोंदलामऊ में चित्रांशों का प्राकृतिक छठा बिखेरता खूबसूरत व ऐतिहासिक गांव

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असुवामऊ है।इस धार्मिक गांव में शारदीय नवरात्रि के मौके पर सप्तमी की रात भद्रकाली की पूजा पूरी आस्था से मनाई जाती है। सीतापुर नगर जिले के ब्लॉक परसेंडी के राही गांव में ऐतिहासिक प्रति वर्ष विशाल यज्ञ का आयोजन किया जाता है/सीतापुर’र उपर्युक्त ज़िले का प्रशासनिक केंद्र है जो लखनऊ एवं शाहजहाँपुर मार्ग के मध्य में सरायान नदी के किनारे पर स्थित है। सीतापुर नगर में भारत प्रसिद्ध नेत्र अस्पताल है नगर में प्लाइउड का निर्माण का एक कारख़ाना भी है।कुषण काल की संध्या में प्राय: संपूर्ण ज़िला भारशिव काल की इमारतों और गुप्त तथा गुप्त प्रभावित मूर्तियों

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तथा इमारतों से भरा हुआ था। मनवाँ, हरगाँव, बड़ा गाँव, नसीराबाद आदि पुरातात्विक महत्व के स्थान हैं। नैमिष और मिसरिख पवित्र तीर्थ स्थल हैं। सीतापुर के निकट कमलापुर थानान्तर्गत ग्राम महोली में माता महोठेरानी का प्रसिद्ध मंदिर है जहाँ पर हर वर्ष मार्च-अप्रैल में मेले का आयोजन किया जाता है। और इसी थाना क्षेत् के अन्तर्गत आने वाले नागेश्वर नाथ धाम (पतारा) में प्रति वर्ष यज्ञ एवं विशाल संत सम्मलेन का आयोजन भी किया जाता है।सीतापुर के निकट स्थित खैराबाद मूलत: प्राचीन हिंदू तीर्थ मानसछत्र था। मुस्लिम काल में खैराबाद,बाड़ी, बिसवाँ इत्यादि इस ज़िले के प्रमुख नगर थे। ब्रिटिश काल (1856) में खैराबाद मिस्रिख सिव्थान छोड़कर ज़िले का केंद्र सीतापुर नगर में बनाया गया। सीतापुर का तरीनपुर मोहल्ला प्राचीन स्थान है।

सीतापुर का प्रथम उल्लेख राजा टोडरमल के बंदोबस्त में छितियापुर के नाम से आता है। बहुत दिन तक इसे छीतापुर कहा जाता रहा, जो गाँवों में अब भी प्रचलित हैं। 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में सीतापुर का प्रमुख हाथ था। बाड़ी के निकट सर हीपग्रांट तथा फैजाबाद के मौलवी के बीच निर्णंयात्मक युद्ध हुआ था।ब्लॉक गोंदलामऊ के असुवामऊ में चित्रांशों द्वारा शारदीय नवरात्रि की सप्तमी को माँ भद्रकाली की पूजा बड़े विधि विधान से की जाती है।पूर्व ए डी ओ स्व.श्री मनोहर लाल श्रीवास्तव बाबू जी का नाम आज भी असुवामऊ में बड़े आदर के साथ लिया जाता है।राजधानी के करीब सीतापुर जिले में ऐतिहासिक पवित्र तीर्थ स्थल नैमिषारण्य दुनिया भर में प्रसिद्ध है। इसे नीमसार के नाम से जाना जाता है। ऐसा माना जाता है कि सारे धामों की यात्रा करने के बाद यदि इस धाम की यात्रा न की गई तो आपकी यात्रा अपूर्ण है। इस धाम का वर्णन पुराणों में भी पाया जाता है। नीमसार सीतापुर जिले के एक गांव में है। मान्यता यह है कि पुराणों की रचना महर्षि व्यास ने इसी स्थान पर की थी। यह वह जगह है, जहां पर पहली बार सत्यनारायण की कथा हुई थी।सीतापुर जिला, यह भारत के उत्तर प्रदेश राज्य का जिला है सीतापुर के उत्तर में लखीमपुर खीरी, पश्चिम एवं पश्चिम दक्षिण में हरदोई, दक्षिण में लखनऊ, दक्षिण पूर्व में बाराबंकी और पूर्व एवं उत्तर पूर्व में बहराइच जिले हैं।

क्षेत्रफल – 5,743 km2(2,217 sq mi)

जिलाधिकारी – अखिलेश तिवारी (2019 )

समुद्र तल से उचाई -138 m (453 ft)

अक्षांश -27.57° उत्तर

देशांतर – 80.66° पूर्व

औसत वर्षा -965 मि.मी.

एस. टी. डी (STD) कोड – 05862

जनसंख्या व क्षेत्रफल उत्तर प्रदेश में जनगणना संचालन निदेशालय द्वारा उत्तर प्रदेश के एक जिले सीतापुर का एक आधिकारिक जनगणना 2011 का विवरण जारी किया गया है। उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले में जनगणना अधिकारियों द्वारा महत्वपूर्ण व्यक्तियों की गणना भी की गई। 2011 में, सीतापुर में 4,483,992 की जनसंख्या थी, जिसमें पुरुष और महिलाएं

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क्रमशः 2,375,264 और 2,108,728 थीं। 2001 की जनगणना में, सीतापुर की आबादी 3,6 9, 661 थी, जिसमें पुरुष 1,941,374 और शेष 1,678,287 महिलाएं थीं। सीतापुर जिला आबादी कुल उत्तर प्रदेश की आबादी का 2.24 प्रतिशत है।

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2001 की जनगणना में, सीतापुर जिले का यह आंकड़ा उत्तर प्रदेश की जनसंख्या का 2.18 प्रतिशत था। 2001 के अनुसार आबादी की तुलना में आबादी की तुलना में जनसंख्या में 23.88 प्रतिशत परिवर्तन हुआ था। भारत की पिछली जनगणना में 2001, सीतापुर जिले में 1991 की तुलना में इसकी आबादी में 26.6 9 प्रतिशत की वृद्धि हुई2011 जनगणना के अनुसार

कुल जनसंख्या – 4,483,992

कुल पुरूष – 2,375,264

कुल महिला – 2,108,728

दशकीय वृद्धिदर ( % में ) – 23.88%

उत्तर प्रदेश जनसंख्या के अनुपात – 2.24%

लिँगानुपात (प्रति 1000) – 888

जनघनत्व ( व्यक्ति/वर्ग कि. ) – 781

‘बच्चो के लिंगानुपात’ (प्रति 1000) – 930

औसत साक्षरता – 61.12

पुरुष साक्षरता – 70.31

महिला साक्षरता – 50.67
तहसील और निर्वाचन क्षेत्र

सीतापुर में 7 तहसीलें हैं सिधौली, सीतापुर, लहरपुर, मिश्रिख, बिसवां , महोली और महमूदाबाद। जिले का मुख्यालय सीतापुर नगर में है। जिले को 19 ब्लॉक में विभाजित किया गया है। यहाँ तीन लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र तथा ९ विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र

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महोली, सिधौली, सीतापुर, लहरपुर, मिश्रिख, बिसवां , महमूदाबाद , हरगांव, और सेवता हैं।सीतापुर जिले के साहित्यकारों में ‘सुदामाचरित्र’ के रचयिता नरोत्तमदास (बाड़ी), लेखराज, द्विजराज, ब्रजराज, कृष्णबिहारी मिश्र, ब्रजकिशोर मिश्र (गंधौली), अनूप शर्मा (नवीनगर), तथा द्विज बलदेव (बलदेवनगर) उल्लेखनीय हैं।जिले की बलुआ मिट्टी में बाजरा और जौ तथा उपजाऊ चिकनी मिट्टी में गन्ना, गेहूँ और मक्का उगाए जाते हैं। चौका नदी के पश्चिमी भूभाग में धान की खेती की जाती है। कंकड़ या कैल्सियमी चूना पत्थर एकमात्र खनिज है जो खंड के रूप में मिलता है।

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