सीहोर के ग्राम ग्वाली में गायों के साथ छाबड़ा खेलने की परंपरा निभाई – बहुजन इंडिया 24 न्यूज

सीहोर के ग्राम ग्वाली में गायों के साथ छाबड़ा खेलने की परंपरा निभाई

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संवाददाता : : जावर सीहोर:: कुमेर सिंह आंवले :: Date :: 26 .10 .2022 ::गायों के साथ छाबड़ा खेलने की परंपरा निभाई

ग्राम ग्वाली में दीपावली के एक दिन बाद गांव में गायों के साथ छाबड़ा खेलने की परंपरा निभाई गई। इस खेल को देखने के लिए बड़ी संख्या में ग्रामीण एकत्रित हुए । गांव में छाबड़ा खेलने की परंपरा वर्षों से चली आ रही है। इसके लिए अमावस्या की रात्रि में ग्रामीणों ने बांस की लकड़ी में छाबड़ा बकान के पौधों की पत्तियां व डंठल बांधा।

इसके बाद ग्राम के पटेल राजाराम पटेल के बाड़े में गायों के साथ छाबड़ा खेलने का क्रम शुरू हुआ। ग्रामीणों ने पहले गायों उनके बछड़े से दूर किया। गाय अपने बछड़े के पास भीड़ को अलग कर आने लगी। इस दौरान गायों के सामने छाबड़ा दिखाया, गायों ने इन्हें सिंग से तहस-तहस नहस कर दिया और अपने बछड़ों के पास पहुंच गई। द्वापर युग में भगवान कृष्ण गोवर्धन पर्वत पर विचरण कर रही गायों को अपने पास बुलाने के लिए उनके बछड़ों को लेकर पर्वत के नीचे आ जाते थे। यह देख गाय भी दौड़कर आ जाती थी। उसी समय से यह परंपरा चली आ रही है। गाय अपने बछड़े को खोजते हुए कई किमी तक चली जाती है। हमें गायों का महत्व समझना होगा। गायों के संरक्षण से ही सुख-समृद्धि आ सकेगी।

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