Lakhimpur Kheri News ::लखीमपुर खीरी में छ: माह हुई रिपेयरिंग लेकिन छ: घंटे भी नही चल पाई सरयू सहकारी चीनी मिल बेलरायां
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संवाददाता : :लखीमपुर खीरी ::अमरेंद्र सिंह :: Date ::01 : .12 .2022 :: लखीमपुर खीरी में छ: माह हुई रिपेयरिंग लेकिन छ: घंटे भी नही चल पाई सरयू सहकारी चीनी मिल बेलरायां
लखीमपुर खीरी छ: माह हुई रिपेयरिंग लेकिन छ: घंटे भी नही चल पाई सरयू सहकारी चीनी मिल बेलरायां निघासन-लखीमपुर खीरी। क्षेत्र की एकमात्र सरयू सहकारी चीनी मिल भ्रष्टाचार के आकंठ में डूबी। बीती 25 नवंबर को नवीन पेराई सत्र के शुभारंभ के लिए चीनी मिल के पंडितों द्वारा विधि विधान से हवनकुंड मे आहुतियों के साथ प्रारंभ कराया गया था और जिलाधिकारी द्वारा डोंगे में गन्ना डालकर चीनी मिल में गन्ना पेराई शुरू कर दी गई लेकिन जैसे ही जिलाधिकारी समेत सभी अतिथियों का काफिला चीनी मिल गेट से बाहर हुआ चीनी मिल में तकनीकी खराबी आ जाने के कारण बंद हो गई।
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लखीमपुर खीरी छ: माह हुई रिपेयरिंग लेकिन छ: घंटे भी नही चल पाई सरयू सहकारी चीनी मिल बेलरायां निघासन-लखीमपुर खीरी। क्षेत्र की एकमात्र सरयू सहकारी चीनी मिल भ्रष्टाचार के आकंठ में डूबी। बीती 25 नवंबर को नवीन पेराई सत्र के शुभारंभ के लिए चीनी मिल के पंडितों द्वारा विधि विधान से हवनकुंड मे आहुतियों के साथ प्रारंभ कराया गया था और जिलाधिकारी द्वारा डोंगे में गन्ना डालकर चीनी मिल में गन्ना पेराई शुरू कर दी गई लेकिन जैसे ही जिलाधिकारी समेत सभी अतिथियों का काफिला चीनी मिल गेट से बाहर हुआ चीनी मिल में तकनीकी खराबी आ जाने के कारण बंद हो गई।जिसका कारण बताया जा रहा है बिना देखरेख के संचालन हो रहा है जिसे मिल अधिकारियों द्वारा तकनीकी खराबी का नाम दिया जा रहा है । क्षेत्रीय किसानों ने बताया तकनीकी खराबी नही है मिल बंद होने का कारण मिल की साफ्ट टूट जाना है लोगो मे यह भी चर्चा है अभी मिल चली भी नही साफ्ट टूट गई जिसको मिल प्रशासन की भाषा मे कहा जाऐ तो तकनीकी खराबी है। क्षेत्रीय किसानों द्वारा बताया जा रहा है चीनी मिल के द्वारा मोबाइल फोन पर मैसेज भेजा गया है मैसेज में तकनीकी खराबी के कारण चीनी मिल बन्द होने की बात बताई गई है । मैसेज में अग्रिम सूचना तक गन्ना आपूर्ति न करने को कहा गया हैं। *शुरुआत होने से पहले हुई तकनीकी खराबी जिसको दुरुस्त करने मे छः माह लगे रहे मिल के वफादार, कर्मठ, जुझारू वर्कर और लाखों रुपए भी खर्च करने के बाद भी नहीं चल पाई चीनी मिल। किसानों को जिम्मेदार अधिकारियों की हठधर्मिता का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है।
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