बसपा के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष पहुंचे गृह जनपद अयोध्या हुआ भव्य स्वागत
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संवाददाता ::अयोध्या :: फूलचन्द्र {C01} :: Date ::23 ::12::.2022:बसपा के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष पहुंचे गृह जनपद अयोध्या, अयोध्या जिले के सहादतगंज बाईपास सहित कई जगहों पर बसपाइयों ने नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष विश्वनाथ पाल का किया भव्य स्वागत, प्रदेश अध्यक्ष विश्वनाथ पाल का बयान, मायावती ने एक कार्यकर्ता को जो जिम्मेदारी दी है
वह जिम्मेदारी तन मन से निभाएंगे, नगर निगम चुनाव हो या फिर लोकसभा चुनाव, बहुजन समाज पार्टी जीतेगी, करेगी अच्छा प्रदर्शन, मायावती बनेगी प्रधानमंत्री, राम पथ चौड़ीकरण के जद में आ रहे पीड़ित व्यापारियों को लेकर कहा, व्यापारियों को मिलना चाहिए उचित मुआवजा।शहर का विकास हो रहा है अच्छी बात है लेकिन किसी की जमीन जा रही है

तो उसको उसका मुआवजा मिलना चाहिए, प्रदेश का पाल समाज ओबीसी व सर्व समाज बसपा के साथ। सर्व समाज बसपा के साथ था बसपा के साथ है तभी 2007 में मायावती बनी थी मुख्यमंत्री। निकाय चुनाव को लेकर बसपा की बड़ी तैयारी। मायावती ने 2 अक्टूबर को ही मीटिंग कर दे दिया था संदेश। निकाय चुनाव में बहुजन समाज पार्टी करेगी अच्छा प्रदर्शन= विश्वनाथ पाल
“पोथी पढ़ि पढ़ि जग मुआ, पंडित भया न कोय,
ढाई आखर प्रेम का, पढ़े सो पंडित होय।”
अर्थ – कबीर दास जी के दोहे से समझ में आता है कि संसार की बड़ी-बड़ी पुस्तकें पढ़कर कितने ही लोग मृत्यु के द्वार तक पहुंच गए, मगर वे सभी विद्वान नहीं हो सके थे। वे कहते हैं कि इतन पढ़ने के बजाय अगर कोई प्रेम या प्रेम के ढाई अक्षर ही पढ़ ले यानी कि प्रेम के वास्तविक रूप को पहचान ले तो वह सच्चा ज्ञानी माना जाएगा
तुरंत ब्लड शुगर लेवल के स्तर को कैसे कम करें? Sugar Level Kam Karne ka Gharelu Upay
पहला उपाय : ये है कि जिस मरीज का ब्लड शुगर लेवल बड़ा हुआ है उसके लिए ब्लड शुगर लेवल के स्तर को कम करने लिए सुबह उठकर खाली पेट दो से तीन तुलसी की पत्ती चबाएं,या फिर आप चाहें तो तुलसी का रस भी पी सकते हैं । इससे आपका ब्लड शुगर नियंत्रण में आ जाएगा । तुलसी के सेवन के साथ में यदि आप शुगर को कम करने वाली दवाओं का सेवन कर रहे हैं तो ध्यान रखें और डॉक्टर्स से परामर्श जरूर लें । क्योंकि शुगर को तेजी से कम करने का काम करती है ।
दूसरा उपाय: ये है कि जिस मरीज का ब्लड शुगर लेवल बड़ा हुआ है उसके लिए ब्लड शुगर लेवल के स्तर को कम करने का सबसे आसान तरीका है पानी। इस दौरान अगर आप पानी पीते हैं तो यह आपके रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है। आपको बता दें कि पानी के जरिए किडनी टॉक्सिन्स और इंसुलिन को शरीर से बाहर निकालने का काम करता है।

शुगर को कम करने के लिए क्या खाना चाहिए ?
डायबिटीज में अरहर की दाल, काबुली चने, हरे चने, कुलथी की दाल का सेवन अधिक करना चाहिए. डायबिटीज में कौन-से फल खाने चाहिए? शुगर के मरीज सेब, संतरा, आड़ू, बेरीज, चेरी, एप्रिकोट, नाशपाती और कीवी जैसे फल हर दिन खा सकते हैं. आप बिना गुड़ के उबाली हुई शकरकंद का सेवन भी कर सकते हैं. डॉ अजय अनंत चौधरी Dt.21-12-2022
मधुमेह के लिए प्राकृतिक घरेलू उपचार का अवलोकन।
मधुमेह रोग (Diabetes) एक ऐसी स्थिति है जिसमें किसी व्यक्ति के रक्त शर्करा ( blood sugar ) का स्तर सामान्य शर्करा के स्तर से ऊपर होता है। हम जो भी खाना खिलते है उसके पाचन के बाद वह ग्लूकोस बन जाता है। यह ग्लूकोस (glucose) खून के ज़रिये विभिन शरीर की कोशिकाओं तक पहुँचता है। और ऊर्जा पैदा होती है। इसलिए खाना खाते ही ग्लूकोस की मात्रा खून मे बढ़ जाती है। ग्लूकोस की मात्रा बढ़ते ही इन्सुलिन (insulin) नाम का हॉर्मोन (hormone) सतर्क हो जाता है और वह इस ग्लूकोस को शरीर की कोशिकायों मे प्रवेश करने मे मदद करता है।
जब इन्सुलिन की कमी होती है या शरीर इन्सुलिन प्रतिरोधक (insuline resistance) हो जाता है तो ग्लूकोस का कोशिकाओं मे प्रवेश कम हो जाता है। जिस कारण ग्लूकोस की मात्रा खून मे ज़ायदा हो जाती है। इस स्तिति को डायबिटीज या मधुमेह कहते है।
डायबिटीज को नियंत्रण करने के लिए ऐसा खाना, खाना चाहिए जो आप के ग्लूकोस की मात्रा को ज़ायदा नहीं बढ़ाये या अचानक तेज़ी से ग्लूकोस के स्तर को असंतुलित कर दे। डायबिटीज के मरीज़ों को इसलिए अपने खान पान पर बहुत धयान देना चाहिए।
घर पर प्राकृतिक रूप से मधुमेह का इलाज कैसे करें, इसका सरल उपाय है कि हमें अपने द्वारा खाए जाने वाले भोजन को भली भांति समझना चाहिए। कुछ खाद्य पदार्थ रक्त शर्करा के स्तर को तेजी से बढ़ाते हैं। ये उच्च ग्लाइसेमिक इंडेक्स (High Glycemic index) वाले खाद्य पदार्थ कहलाते हैं। जबकि कुछ खाद्य उत्पाद बहुत धीरे-धीरे ग्लूकोज छोड़ने के लिए जाने जाते हैं। ये लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स (low glycemic index) वाले खाद्य पदार्थ कहलाते हैं। इस प्रकार, निम्न और उच्च ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले प्राकृतिक खाद्य पदार्थों का उचित चयन ग्लूकोस के स्तर को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है।डॉ अजय अनंत चौधरी Dt.21-12-2022
तुरंत ब्लड शुगर लेवल के स्तर को कैसे कम करें? Sugar Level Kam Karne ka Gharelu Upay
पहला उपाय : ये है कि जिस मरीज का ब्लड शुगर लेवल बड़ा हुआ है उसके लिए ब्लड शुगर लेवल के स्तर को कम करने लिए सुबह उठकर खाली पेट दो से तीन तुलसी की पत्ती चबाएं,या फिर आप चाहें तो तुलसी का रस भी पी सकते हैं । इससे आपका ब्लड शुगर नियंत्रण में आ जाएगा । तुलसी के सेवन के साथ में यदि आप शुगर को कम करने वाली दवाओं का सेवन कर रहे हैं तो ध्यान रखें और डॉक्टर्स से परामर्श जरूर लें । क्योंकि शुगर को तेजी से कम करने का काम करती है ।
दूसरा उपाय: ये है कि जिस मरीज का ब्लड शुगर लेवल बड़ा हुआ है उसके लिए ब्लड शुगर लेवल के स्तर को कम करने का सबसे आसान तरीका है पानी। इस दौरान अगर आप पानी पीते हैं तो यह आपके रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है। आपको बता दें कि पानी के जरिए किडनी टॉक्सिन्स और इंसुलिन को शरीर से बाहर निकालने का काम करता है।

शुगर को कम करने के लिए क्या खाना चाहिए ?
डायबिटीज में अरहर की दाल, काबुली चने, हरे चने, कुलथी की दाल का सेवन अधिक करना चाहिए. डायबिटीज में कौन-से फल खाने चाहिए? शुगर के मरीज सेब, संतरा, आड़ू, बेरीज, चेरी, एप्रिकोट, नाशपाती और कीवी जैसे फल हर दिन खा सकते हैं. आप बिना गुड़ के उबाली हुई शकरकंद का सेवन भी कर सकते हैं. डॉ अजय अनंत चौधरी Dt.21-12-2022
मधुमेह के लिए प्राकृतिक घरेलू उपचार का अवलोकन।
मधुमेह रोग (Diabetes) एक ऐसी स्थिति है जिसमें किसी व्यक्ति के रक्त शर्करा ( blood sugar ) का स्तर सामान्य शर्करा के स्तर से ऊपर होता है। हम जो भी खाना खिलते है उसके पाचन के बाद वह ग्लूकोस बन जाता है। यह ग्लूकोस (glucose) खून के ज़रिये विभिन शरीर की कोशिकाओं तक पहुँचता है। और ऊर्जा पैदा होती है। इसलिए खाना खाते ही ग्लूकोस की मात्रा खून मे बढ़ जाती है। ग्लूकोस की मात्रा बढ़ते ही इन्सुलिन (insulin) नाम का हॉर्मोन (hormone) सतर्क हो जाता है और वह इस ग्लूकोस को शरीर की कोशिकायों मे प्रवेश करने मे मदद करता है।
जब इन्सुलिन की कमी होती है या शरीर इन्सुलिन प्रतिरोधक (insuline resistance) हो जाता है तो ग्लूकोस का कोशिकाओं मे प्रवेश कम हो जाता है। जिस कारण ग्लूकोस की मात्रा खून मे ज़ायदा हो जाती है। इस स्तिति को डायबिटीज या मधुमेह कहते है।
डायबिटीज को नियंत्रण करने के लिए ऐसा खाना, खाना चाहिए जो आप के ग्लूकोस की मात्रा को ज़ायदा नहीं बढ़ाये या अचानक तेज़ी से ग्लूकोस के स्तर को असंतुलित कर दे। डायबिटीज के मरीज़ों को इसलिए अपने खान पान पर बहुत धयान देना चाहिए।
घर पर प्राकृतिक रूप से मधुमेह का इलाज कैसे करें, इसका सरल उपाय है कि हमें अपने द्वारा खाए जाने वाले भोजन को भली भांति समझना चाहिए। कुछ खाद्य पदार्थ रक्त शर्करा के स्तर को तेजी से बढ़ाते हैं। ये उच्च ग्लाइसेमिक इंडेक्स (High Glycemic index) वाले खाद्य पदार्थ कहलाते हैं। जबकि कुछ खाद्य उत्पाद बहुत धीरे-धीरे ग्लूकोज छोड़ने के लिए जाने जाते हैं। ये लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स (low glycemic index) वाले खाद्य पदार्थ कहलाते हैं। इस प्रकार, निम्न और उच्च ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले प्राकृतिक खाद्य पदार्थों का उचित चयन ग्लूकोस के स्तर को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है।डॉ अजय अनंत चौधरी Dt.21-12-2022
संविधान के अनुच्छेद
अनुच्छेद 14 से 18 समानता का अधिकार:
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14, 15, 16, 17 और 18 के तहत समानता का अधिकार दिया गया है। ये लेख नागरिकों को कानून के समक्ष समान व्यवहार और कानून की समान सुरक्षा, सार्वजनिक रोजगार में समान अवसर सुनिश्चित करते हैं और भेदभाव और अस्पृश्यता को रोकते हैं जो सामाजिक बुराइयाँ हैं।
अनुच्छेद 14 से 18 समानता का अधिकार:
अनुच्छेद 14 के अनुसार : भारत राज्य क्षेत्र में राज्य के किसी व्यक्ति को विधि के समक्ष समता और विधियों के समान संरक्षण से वंचित नहीं किया जाएगा इस अनुच्छेद में की दो बातें निहित है। यह अनुच्छेद बहुत व्यापक दृश्टिकोण के लिए संविधान में सम्मलित किया गया है।
विधि के समक्ष समानता : विधि के समक्ष समानता यह ब्रिटिश संविधान से ग्रसित किया गया है यह अनुच्छेद कानून समानता का नकारात्मक दृष्टिकोण है इसमें निम्न तीन अर्थ निकलता है।
1 – देश में कानून का राज: देश में सभी व्यक्ति चाहे वे जिस जाति धर्म व भाषा के हो सभी एक समान कानून के अधीन हैं कोई भी व्यक्ति कानून के ऊपर नहीं है।
2 – विधियों का समान संरक्षण: विधियों के समान संरक्षण यह अमेरिका संविधान से ग्रसित किया गया इसका अर्थ यह है कि समय परिस्थिति वाले व्यक्तियों को कानून के समक्ष सामान समझा जाएगा क्योंकि समानता का अधिकार का मतलब सब की समानता ना होकर सामान रूप में समानता है अर्थात एक ही प्रकार की योग्यता रखने वाले व्यक्तियों के साथ जाति धर्म भाषा व लिंग के आधार पर कोई भेदभाव ना किया जाए।
3-विधानी वर्गीकरण : भारतीय संविधान की विधानी वर्गीकरण के सिद्धांत का प्रतिपादन करता है जो अनुच्छेद 14 का उल्लंघन नहीं करता है विधानी वर्गीकरण का अर्थ है कि यदि एक व्यक्ति की अपनी आवश्यकता है परिस्थितियों के अनुसार अन्य से भिन्न है तो उसे एक वर्ग माना जाएगा और समानता का सिद्धांत उस पर अकेले लागू होगा लेकिन इसका आधार वैज्ञानिक तर्कसंगत या युक्त होना चाहिए।
इसमें नैसर्गिक न्याय का सिद्धांत निहित है। यह अनुच्छेद भारतीय संविधान का मूल ढांचा है। इसमें विधि के शासन का उल्लेख है। इसमें सर्वग्राही समानता का सिद्धांत पाया जाता है।
आईपीसी की धारा 208 में विधि का क्या प्राविधान है

IPC की धारा 208का विवरण :जो कोई किसी व्यक्ति के बाद में ऐसी राशि के लिए, जो ऐसे व्यक्ति को शोध्य न हो या शोध्य राशि से अधिक हो, या किसी ऐसी संपत्ति या संपत्ति में के हित के लिए, जिसका ऐसा व्यक्ति हकदार न हो, अपने विरुद्ध कोई डिक्री या आदेश कपटपूर्वक पारित करवाएगा, या पारित किया जाना सहन करेगा अथवा तो वह व्यक्ति धारा 208के अंतर्गत दंड एवं जुर्माने से दण्डित किया जाएगा। विधिक सलाहकार -मुकेश भारती एड0।Dt.18-12-2022
अथवा
भारतीय दंड संहिता की धारा 208 के अनुसार
ऐसी राशि के लिये, जो शोध्य न हो, कपटपूर्वक डिक्री होने देना सहन करना-जो कोई किसी व्यक्ति के वाद में ऐसी राशि के लिये, जो ऐसे व्यक्ति को शोध्य न हो या शोध्य राशि से अधिक हो, या किसी ऐसी सम्पत्ति या सम्पत्ति में के हित के लिये, जिसका ऐसा व्यक्ति हकदार न हो, अपने विरुद्ध कोई डिक्री या आदेश कपटपूर्वक पारित करवायेगा, या पारित किया जाना सहन करेगा अथवा किसी डिक्री या आदेश को उसके तुष्ट कर दिये जाने के पश्चात् या किसी ऐसी बात के लिये, जिसके विषय में उस डिक्री या आदेश की तुष्टि कर दी गयी हो, अपने विरुद्ध कपटपूर्वक निष्पादित करवायेगा या किया जाना सहन करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि दो वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से दण्डित किया जायेगा।विधिक सलाहकार -मुकेश भारती एड0।Dt.23-12-2022
दृष्टान्त
य के विरुद्ध एक वाद क द्वारा संस्थित न्यायलय में किया जाता है। य यह सम्भाव्य जानते हुये कि क उसके विरुद्ध डिक्री अभिप्राप्त कर लेगा, ख के बाद में, जिसका उसके विरुद्ध कोई न्यायसंगत दावा नहीं है, अधिक रकम के लिये अपने विरुद्ध निर्णयः किया जाना इसलिये कपटपूर्वक सहन करता है कि ख स्वयं अपने लिये या य के फायदे के लिये य की सम्पत्ति के किसी ऐसे विक्रय के आगमों का अंश ग्रहण करे, जो क की डिक्री के अधीन दिया जाये। य ने इस धारा के अधीन अपराध किया है।विधिक सलाहकार -मुकेश भारती एड0 ।Dt.23-12-2022
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