Uttar Pradesh ::सरकारी नौकरी UP – रोजगार समाचार उत्तर प्रदेश आवेदन फॉर्म ऑनलाइन
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Uttar Pradesh ::सरकारी नौकरी UP – रोजगार समाचार उत्तर प्रदेश आवेदन फॉर्म ऑनलाइन
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संवाददाता :: :: {} :: Dt.28 .12.2022 :: सरकारी नौकरी UP – रोजगार समाचार उत्तर प्रदेश आवेदन फॉर्म ऑनलाइन
सरकारी नौकरी UP (Up Govt Jobs) में पुलिस, वन, स्वास्थ्य और बिजली आदि विभागों के शाखा में जो रोजगार समाचार उत्तर प्रदेश ऑनलाइन आवेदन चल रही है। इस Up Sarkari Naukri 2023 में रोजगार हेतु उम्मीदवार को आवेदन के लिए दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए अपने निवासी पता सरकारी फॉर्म ऑनलाइन भरना होगा। आप उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा आयोजित उत्तर प्रदेश में सरकारी नौकरी भर्ती 2023 के लिए आधिकारिक साइट up.gov.in के माध्यम से ऑनलाइन फॉर्म डाल सकते हैं।
उत्तर प्रदेश सरकारी विभाग कांस्टेबल, वनरक्षक, स्टाफ नर्स और अन्य पद के इच्छुक व्यक्ति UP Government Jobs 2023 फॉर्म ऑनलाइन पंजीयन करवा सकते हैं। एक ऑनलाइन फार्म भरें, जिसके बाद आपको रोजगार संबंधी अवसरों के लिए सहायता उपलब्ध कराई जाती है। इस Uttar Pradesh Job के लिए आप पोर्टल पर लॉगइन कर, अपने विवरण डाल सकते हैं। सरकारी विभाग उत्तर प्रदेश पोर्टल पर उत्तर प्रदेश सरकारी कर्मचारियों भर्ती ऑनलाइन आवेदन करने के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई है। आवेदक उत्तर प्रदेश विभाग के साथ ऑनलाइन पंजीकरण की प्रक्रिया और आवेदन से संबंधित जानकारी पा सकते हैं।
रोजगार समाचार, साप्ताहिक सरकारी नौकरी – Dec 28, 2022
रोजगार समाचार पत्र आपको तीन भाषाओं (हिंदी, अंग्रेजी, उर्दू) में उपलब्ध करवाई जाती हैं। जो कि हर सप्ताह जारी की जाती है।
रोजगार समाचार पत्र सम्बन्धित अन्य जानकारी जैसे- रोजगार समाचार पत्र को कैसे डाउनलोड कर सकते हैं ? व पत्रिका के क्या क्या लाभ प्राप्त होते हैं आदि जानकारी आपको आर्टिकल में दी जा रही है, जिसके लिए आपको हमारे आर्टिकल को सावधानी पूर्वक अंत तक पढ़ना होगा।
यहाँ हम आपको रोजगार समाचार पत्रिका से जुडी सूचना देने जा रहें हैं। इन सूचनाओं को प्राप्त करने के लिए आप हमारे द्वारा दी गयी सारणी में सूचनायें देखें और जाने
कार्यालय नई दिल्ली
लाभार्थी भारतीय नागरिकों को
मंत्रालय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय
शुरुआत 1976
आवेदन ऑनलाइन / ऑफलाइन
भाषा हिंदी, अंग्रेजी, उर्दू
रोजगार समाचार पत्र (30 दिसंबर 2022 – 06 जनवरी 2023), रोजगार समाचार, सप्ताहिक रोजगार समाचार पत्रिका
30 दिसंबर 2022 – 06 जनवरी 2023 के रोजगार समाचार पत्र को अद्यतन किया गया है। आप इस पृष्ठ पर सभी नौकरियों का विवरण पा सकते हैं। रोजगार समाचार (शुक्रवार) को उपलब्ध था। साप्ताहिक केंद्र, राज्य सरकार, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम स्वायत्त निकायों, विश्वविद्यालयों, व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के लिए प्रवेश नोटिस, परीक्षा नोटिस और परिणाम आदि के लिए विज्ञापन देता है और विभिन्न नौकरी विवरणों का वर्णन करता है।
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रोजगार समाचार पत्र (24 – 30 दिसंबर 2022), रोजगार समाचार, सप्ताहिक रोजगार समाचार पत्रिका
24 – 30 दिसंबर 2022 के रोजगार समाचार पत्र को अद्यतन किया गया है। आप इस पृष्ठ पर सभी नौकरियों का विवरण पा सकते हैं। रोजगार समाचार (शुक्रवार) को उपलब्ध था। साप्ताहिक केंद्र, राज्य सरकार, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम स्वायत्त निकायों, विश्वविद्यालयों, व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के लिए प्रवेश नोटिस, परीक्षा नोटिस और परिणाम आदि के लिए विज्ञापन देता है और विभिन्न नौकरी विवरणों का वर्णन करता है।
रोजगार समाचार पत्र (17 – 23 दिसंबर 2022), रोजगार समाचार, सप्ताहिक रोजगार समाचार पत्रिका
17 – 23 दिसंबर 2022 के रोजगार समाचार पत्र को अद्यतन किया गया है। आप इस पृष्ठ पर सभी नौकरियों का विवरण पा सकते हैं। रोजगार समाचार (शुक्रवार) को उपलब्ध था। साप्ताहिक केंद्र, राज्य सरकार, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम स्वायत्त निकायों, विश्वविद्यालयों, व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के लिए प्रवेश नोटिस, परीक्षा नोटिस और परिणाम आदि के लिए विज्ञापन देता है और विभिन्न नौकरी विवरणों का वर्णन करता है।
रोजगार समाचार पत्र (10 – 16 दिसंबर 2022), रोजगार समाचार, सप्ताहिक रोजगार समाचार पत्रिका
10 – 16 दिसंबर 2022 के रोजगार समाचार पत्र को अद्यतन किया गया है। आप इस पृष्ठ पर सभी नौकरियों का विवरण पा सकते हैं। रोजगार समाचार (शुक्रवार) को उपलब्ध था। साप्ताहिक केंद्र, राज्य सरकार, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम स्वायत्त निकायों, विश्वविद्यालयों, व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के लिए प्रवेश नोटिस, परीक्षा नोटिस और परिणाम आदि के लिए विज्ञापन देता है और विभिन्न नौकरी विवरणों का वर्णन करता है।
रोजगार समाचार पत्र (3 – 9 दिसंबर 2022), रोजगार समाचार, सप्ताहिक रोजगार समाचार पत्रिका
3 – 9 दिसंबर 2022 के रोजगार समाचार पत्र को अद्यतन किया गया है। आप इस पृष्ठ पर सभी नौकरियों का विवरण पा सकते हैं। रोजगार समाचार (शुक्रवार) को उपलब्ध था। साप्ताहिक केंद्र, राज्य सरकार, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम स्वायत्त निकायों, विश्वविद्यालयों, व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के लिए प्रवेश नोटिस, परीक्षा नोटिस और परिणाम आदि के लिए विज्ञापन देता है और विभिन्न नौकरी विवरणों का वर्णन करता है।
रोजगार समाचार पत्र (26 नवंबर – 2 दिसंबर 2022), रोजगार समाचार, सप्ताहिक रोजगार समाचार पत्रिका
26 नवंबर – 2 दिसंबर 2022 के रोजगार समाचार पत्र को अद्यतन किया गया है। आप इस पृष्ठ पर सभी नौकरियों का विवरण पा सकते हैं। रोजगार समाचार (शुक्रवार) को उपलब्ध था। साप्ताहिक केंद्र, राज्य सरकार, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम स्वायत्त निकायों, विश्वविद्यालयों, व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के लिए प्रवेश नोटिस, परीक्षा नोटिस और परिणाम आदि के लिए विज्ञापन देता है और विभिन्न नौकरी विवरणों का वर्णन करता है।
रोजगार समाचार पत्र (19 – 25 नवंबर 2022), रोजगार समाचार, सप्ताहिक रोजगार समाचार पत्रिका
19 – 25 नवंबर 2022 के रोजगार समाचार पत्र को अद्यतन किया गया है। आप इस पृष्ठ पर सभी नौकरियों का विवरण पा सकते हैं। रोजगार समाचार (शुक्रवार) को उपलब्ध था। साप्ताहिक केंद्र, राज्य सरकार, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम स्वायत्त निकायों, विश्वविद्यालयों, व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के लिए प्रवेश नोटिस, परीक्षा नोटिस और परिणाम आदि के लिए विज्ञापन देता है और विभिन्न नौकरी विवरणों का वर्णन करता है।
रोजगार समाचार पत्र (12 – 18 नवंबर 2022), रोजगार समाचार, सप्ताहिक रोजगार समाचार पत्रिका
12 – 18 नवंबर 2022 के रोजगार समाचार पत्र को अद्यतन किया गया है। आप इस पृष्ठ पर सभी नौकरियों का विवरण पा सकते हैं। रोजगार समाचार (शुक्रवार) को उपलब्ध था। साप्ताहिक केंद्र, राज्य सरकार, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम स्वायत्त निकायों, विश्वविद्यालयों, व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के लिए प्रवेश नोटिस, परीक्षा नोटिस और परिणाम आदि के लिए विज्ञापन देता है और विभिन्न नौकरी विवरणों का वर्णन करता है।
रोजगार समाचार पत्र (5 – 11 नवंबर 2022), रोजगार समाचार, सप्ताहिक रोजगार समाचार पत्रिका
5 – 11 नवंबर 2022 के रोजगार समाचार पत्र को अद्यतन किया गया है। आप इस पृष्ठ पर सभी नौकरियों का विवरण पा सकते हैं। रोजगार समाचार (शुक्रवार) को उपलब्ध था। साप्ताहिक केंद्र, राज्य सरकार, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम स्वायत्त निकायों, विश्वविद्यालयों, व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के लिए प्रवेश नोटिस, परीक्षा नोटिस और परिणाम आदि के लिए विज्ञापन देता है और विभिन्न नौकरी विवरणों का वर्णन करता है।
रोजगार समाचार पत्र (29 अक्टूबर – 4 नवंबर 2022), रोजगार समाचार, सप्ताहिक रोजगार समाचार पत्रिका
29 अक्टूबर – 4 नवंबर 2022 के रोजगार समाचार पत्र को अद्यतन किया गया है। आप इस पृष्ठ पर सभी नौकरियों का विवरण पा सकते हैं। रोजगार समाचार (शुक्रवार) को उपलब्ध था। साप्ताहिक केंद्र, राज्य सरकार, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम स्वायत्त निकायों, विश्वविद्यालयों, व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के लिए प्रवेश नोटिस, परीक्षा नोटिस और परिणाम आदि के लिए विज्ञापन देता है और विभिन्न नौकरी विवरणों का वर्णन करता है।
रोजगार समाचार पत्र (22-28 अक्टूबर 2022), रोजगार समाचार, सप्ताहिक रोजगार समाचार पत्रिका
22-28 अक्टूबर 2022 के रोजगार समाचार पत्र को अद्यतन किया गया है। आप इस पृष्ठ पर सभी नौकरियों का विवरण पा सकते हैं। रोजगार समाचार (शुक्रवार) को उपलब्ध था। साप्ताहिक केंद्र, राज्य सरकार, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम स्वायत्त निकायों, विश्वविद्यालयों, व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के लिए प्रवेश नोटिस, परीक्षा नोटिस और परिणाम आदि के लिए विज्ञापन देता है और विभिन्न नौकरी विवरणों का वर्णन करता है।
रोजगार समाचार पत्र (15-21 अक्टूबर 2022), रोजगार समाचार, सप्ताहिक रोजगार समाचार पत्रिका
15-21 अक्टूबर 2022 के रोजगार समाचार पत्र को अद्यतन किया गया है। आप इस पृष्ठ पर सभी नौकरियों का विवरण पा सकते हैं। रोजगार समाचार (शुक्रवार) को उपलब्ध था। साप्ताहिक केंद्र, राज्य सरकार, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम स्वायत्त निकायों, विश्वविद्यालयों, व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के लिए प्रवेश नोटिस, परीक्षा नोटिस और परिणाम आदि के लिए विज्ञापन देता है और विभिन्न नौकरी विवरणों का वर्णन करता है।
रोजगार समाचार पत्र (8-14 अक्टूबर 2022), रोजगार समाचार, सप्ताहिक रोजगार समाचार पत्रिका
8-14 अक्टूबर 2022 के रोजगार समाचार पत्र को अद्यतन किया गया है। आप इस पृष्ठ पर सभी नौकरियों का विवरण पा सकते हैं। रोजगार समाचार (शुक्रवार) को उपलब्ध था। साप्ताहिक केंद्र, राज्य सरकार, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम स्वायत्त निकायों, विश्वविद्यालयों, व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के लिए प्रवेश नोटिस, परीक्षा नोटिस और परिणाम आदि के लिए विज्ञापन देता है और विभिन्न नौकरी विवरणों का वर्णन करता है।
रोजगार समाचार पत्र (1-7 अक्टूबर 2022), रोजगार समाचार, सप्ताहिक रोजगार समाचार पत्रिका
1-7 अक्टूबर 2022 के रोजगार समाचार पत्र को अद्यतन किया गया है। आप इस पृष्ठ पर सभी नौकरियों का विवरण पा सकते हैं। रोजगार समाचार (शुक्रवार) को उपलब्ध था। साप्ताहिक केंद्र, राज्य सरकार, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम स्वायत्त निकायों, विश्वविद्यालयों, व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के लिए प्रवेश नोटिस, परीक्षा नोटिस और परिणाम आदि के लिए विज्ञापन देता है और विभिन्न नौकरी विवरणों का वर्णन करता है।
रोजगार समाचार पत्र (24-30 सितंबर 2022), रोजगार समाचार, सप्ताहिक रोजगार समाचार पत्रिका
24-30 सितंबर 2022 के रोजगार समाचार पत्र को अद्यतन किया गया है। आप इस पृष्ठ पर सभी नौकरियों का विवरण पा सकते हैं। रोजगार समाचार (शुक्रवार) को उपलब्ध था। साप्ताहिक केंद्र, राज्य सरकार, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम स्वायत्त निकायों, विश्वविद्यालयों, व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के लिए प्रवेश नोटिस, परीक्षा नोटिस और परिणाम आदि के लिए विज्ञापन देता है और विभिन्न नौकरी विवरणों का वर्णन करता है।
रोजगार समाचार पत्र (17-23 सितंबर 2022), रोजगार समाचार, सप्ताहिक रोजगार समाचार पत्रिका
17-23 सितंबर 2022 के रोजगार समाचार पत्र को अद्यतन किया गया है। आप इस पृष्ठ पर सभी नौकरियों का विवरण पा सकते हैं। रोजगार समाचार (शुक्रवार) को उपलब्ध था। साप्ताहिक केंद्र, राज्य सरकार, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम स्वायत्त निकायों, विश्वविद्यालयों, व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के लिए प्रवेश नोटिस, परीक्षा नोटिस और परिणाम आदि के लिए विज्ञापन देता है और विभिन्न नौकरी विवरणों का वर्णन करता है।
रोजगार समाचार पत्र (10-16 सितंबर 2022), रोजगार समाचार, सप्ताहिक रोजगार समाचार पत्रिका
10-16 सितंबर 2022 के रोजगार समाचार पत्र को अद्यतन किया गया है। आप इस पृष्ठ पर सभी नौकरियों का विवरण पा सकते हैं। रोजगार समाचार (शुक्रवार) को उपलब्ध था। साप्ताहिक केंद्र, राज्य सरकार, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम स्वायत्त निकायों, विश्वविद्यालयों, व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के लिए प्रवेश नोटिस, परीक्षा नोटिस और परिणाम आदि के लिए विज्ञापन देता है और विभिन्न नौकरी विवरणों का वर्णन करता है।
रोजगार समाचार पत्र (3-9 सितंबर 2022), रोजगार समाचार, सप्ताहिक रोजगार समाचार पत्रिका
3-9 सितंबर 2022 के रोजगार समाचार पत्र को अद्यतन किया गया है। आप इस पृष्ठ पर सभी नौकरियों का विवरण पा सकते हैं। रोजगार समाचार (शुक्रवार) को उपलब्ध था। साप्ताहिक केंद्र, राज्य सरकार, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम स्वायत्त निकायों, विश्वविद्यालयों, व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के लिए प्रवेश नोटिस, परीक्षा नोटिस और परिणाम आदि के लिए विज्ञापन देता है और विभिन्न नौकरी विवरणों का वर्णन करता है।
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रोजगार समाचार, सप्ताहिक रोजगार समाचार पत्रिका 2022 के रोजगार समाचार पत्र को अद्यतन किया गया है। आप इस पृष्ठ पर सभी नौकरियों का विवरण पा सकते हैं। रोजगार समाचार (शुक्रवार) को उपलब्ध था। साप्ताहिक केंद्र, राज्य सरकार, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम स्वायत्त निकायों, विश्वविद्यालयों, व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के लिए प्रवेश नोटिस, परीक्षा नोटिस और परिणाम आदि के लिए विज्ञापन देता है और विभिन्न नौकरी विवरणों का वर्णन करता है।
इस पत्रिका का उद्देश्य भारत के हर एक नागरिक को रोजगार का अवसर दिलाना है। जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगो तक रोजगार समाचार पत्र के माध्यम से सरकारी नौकरी की रिक्तियों को पहुँचाया जाए। इन पत्रिकाओं के माध्यम से आपको सरकार द्वारा निकाली गयी सभी नवीनतम वैकेंसियों के बारे में पता चलता है।
Rojgar Samachar में निकलने वाली भर्तियाँ रोजगार समाचार पत्र के माध्यम से जिन सरकारी नौकरियों की वेकेंसी निकलती है। उन नौकरियों की जानकारी आपको नीचे आर्टिकल में दी जा रही है।
रेलवे .बैंक.एसएससी
पुलिस कर्मियों की रिक्ति (यूपी पुलिस, एमपी पुलिस, राजस्थान पुलिस, आदि)
केवीएस रिक्ति
दिल्ली मेट्रो रेल
शिक्षण रिक्ति (टीजीटी, पीजीटी,सीटीईटी, यूपी टीईटी आदि)
नौसेना, वायु सेना, सेना के लिए रिक्ति आदि।
ग्रुप बी, ग्रुप डी, ग्रुप सी, ग्रुप ए,
एनवीएस रिक्ति
यूपीपीएससी, यूपीएससी, एसीएस, बीएएस, जीसीएस, यूपीएसएसएससी
सीआईएसएफ, बीएसएफ, आईटीबीपी, आदि
एनआईएसीएल, जीआईसी, यूआईआईसीएल, एनआईएसीएल आदि।
जेई, सिविल इंजीनियर आदि
अन्य सरकारी सार्वजानिक क्षेत्र में
रोजगार समाचार पत्र ऑफलाइन सब्सक्रिप्शन
रोजगार समाचार के लिए आप ऑफलाइन सदस्यता भी ले सकते हैं। जिसके लिए आपको साल में एक बार पैसे भरने होते हैं। शुल्क भुगतान की जानकारी आपको नीचे टेबल में दी जा रही है।
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आप सब्सक्रिप्शन के लिए ऑनलाइन व ऑफलाइन दोनों तरीके से अप्लाई कर सकते हैं इसकी पूरी प्रक्रिया आपको ऊपर आर्टिकल में दी गयी है।
रोजगार समाचार कौन प्रकाशित करता है।
रोजगार समाचार, सूचना और प्रसारण मंत्रालय के तहत प्रकाशन विभाग का एक साप्ताहिक प्रकाशन सरकारी नौकरी रिक्तियों को प्रकाशित करता है। इसे 1976 में देश के बेरोजगार और बेरोजगार युवाओं को रोजगार के अवसरों की जानकारी देने के उद्देश्य से शुरू किया गया था।
यह एक रोजगार पत्रिका है जिस सूचना व प्रसारण मंत्रालय द्वारा जारी किया जाता है। जिसमे सरकार द्वारा निकली गयी सभी वेकेंसियों की जानकारी प्राप्त होती है। यह पत्रिका आपको सप्ताह में एक बार प्राप्त होती है।
रोजगार समाचार में कौन-कौन सी वेकेंसी प्राप्त होती हैं ।
बैंक, रेलवे, दिल्ली मेट्रो रेल, एसएससी, पुलिस कर्मियों की रिक्ति, शिक्षण रिक्ति, एनवीएस रिक्ति, केवीएस रिक्ति आदि प्राप्त होती हैं।
रोजगार समाचार पत्र हिंदी, उर्दू व अंग्रेजी में उपलब्ध है इस पत्रिका का उद्देश्य हर जगह नौकरी के अवसर को पहुंचाना है जिसके माध्यम से बेरोजगार लोगो को रोजगार की प्राप्ति हो सके। व लोग अपनी शैक्षिक योग्यता अनुसार अपने लिए नौकरी का चुनाव कर सकें।
क्या मैं इस हफ्ते का एम्प्लॉयमेंट न्यूज़ पेपर डाउनलोड कर सकता हूँ।
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सभी से अनुरोध है की आवेदन करने से पहले विस्तृत अधिसूचना और अन्य जानकारियों जैसे विभागीय नोटिफिकेशन या विज्ञापन का स्वयं अवलोकन कर लें | पात्रता सम्बंधित निर्देशों को समझ कर आवेदन करें | किसी भी स्थिति में विभागीय विज्ञापन में दिए गए निर्देश ही मान्य होंगे |आप सभी से निवेदन है कि इस अधिसूचना को अधिक से अधिक WhatsApp और facebook पर शेयर करें। आपके दोस्तों को इस जॉब अधिसूचना अच्छे रोजगार के अवसर प्राप्त कर सकती है |
संवाददाता :: मेरठ :: राजीव नानू {c016} :: Dt.27.12.2022 ::शारुखान की फिल्म पठान में भगवा पहनकर बेशर्म रग नामक गाना हिंदू भावनाओं को ठेस पहुंचाने फूका पुतला

जनपद मेरठ। हिंदू जागरण मंच मेरठ महानगर के बैनर तले जिलाअधिकारी दीपक कुमार मीणा को दिया ज्ञापन प्रधानमंत्री के नाम शारुखान की फिल्म पठान में भगवा पहनकर बेशर्म रग नामक गाना हिंदू भावनाओं को ठेस पहुंचाने हेतु सम्बन्ध में शाहरुख खान व दिपिका की फिल्म पठान को बहुत ही अश्लील तरीके से फिल्माया है गया और जानबूझकर भगवा रंग बिकनी पहनी गई है शाहरुख खान की फिल्म पठान में भगवा बिकनी पहनकर बेशर्म गीत से हिंदू भावनाओं को ठेस पहुंचाई गई है जो कि बर्दाश्त योग्य नहीं है और समस्त हिन्दू समाज इसका कडा विरोध करता है ऐसी फिल्म को तुरंत बंद किया जाए चौकी यह फिल्म हिंदू समाज के रीति-रिवाजों को ठेस पहुंचाने का काम कर रही है और ऐसे फिल्म कलाकारो के कठोर कार्यवाही होनी चाहिए जिससे कि भविष्य में इस तरह की फिल्म बनाने की कोशिश ना करें क्योंकि यह फिल्म कोई बड़ा रूप भी ले सकती है और इस फिल्म के जो प्रोड्यूसर है उनके ऊपर भी कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए क्योंकि इस तरीके की फिल्मों से हिंदू समाज में काफी रोज देखने को मिल रहा है इस मौके पर उपस्थित रहे ललित गुप्ता संयोजक मेरठ महानगर संजय वर्मा सह संयोजक मेरठ महानगर कुलदीप वर्मा सह संयोजक मेरठ मेरठ प्रान्त सदस्य कमल खटीक वंदना वर्मा अभिषेक चौहान सह संयोजक मेरठ महानगर ममता महिला प्रदीप कौशिक आर्थिक व्यवस्था संजय सूचना संग्रह पवि कन्नौजिया सम्पर्क राजीव प्रसार आदि लोग मौजूद रहे और शासन प्रशासन से पठान फिल्म को बंद करने गुहार लगाई और अन्यथा अगर इस फिल्म को बंद नहीं किया गया तो हमारा संगठन बडा आंदोलन करने से पिछे नहीं हटेगा और इस मौके पर शाहरुख खान की पुतला भी फूंका गया है और हिन्दू जागरण मंच मेरठ महानगर के सभी पदाधिकारीयों में जबरदस्त रोष देखने को मिल रहा है रिपोर्टर राजीव नानू जिला मेरठ से
चाणक्य नीति : “आदमी अपने जन्म से नहीं अपने कर्मों से महान होता है।” :- आचार्य चाणक्य ।

हिंदी के महान लेखक और कवि डॉ श्यामसुन्दर दास का संक्षिप्त परिचय और योगदान : डॉ श्यामसुन्दर दास का जन्म सन् 1875 ई. काशी (वाराणसी) में हुआ था।; और मृत्यु- 1945 ई.में हुई। डॉ श्यामसुन्दर दास ने जिस निष्ठा से हिन्दी के अभावों की पूर्ति के लिये लेखन कार्य किया और उसे कोश, इतिहास, काव्यशास्त्र भाषाविज्ञान, अनुसंधान पाठ्यपुस्तक और सम्पादित ग्रन्थों से सजाकर इस योग्य बना दिया कि वह इतिहास के खंडहरों से बाहर निकलकर विश्वविद्यालयों के भव्य-भवनों तक पहुँची।
डॉ श्यामसुन्दर दास के पूर्वज लाहौर के निवासी थे और पिता लाला देवी दास खन्ना काशी में कपड़े का व्यापार करते थे। इन्होंने 1897 ई. में बी.ए. पास किया था। यह 1899 ई. में हिन्दू स्कूल में कुछ दिनों तक अध्यापक रहे। उसके बाद लखनऊ के कालीचरन स्कूल में बहुत दिनों तक हैडमास्टर रहे। सन् 1921 ई. में काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग के अध्यक्ष पद पर नियुक्त हुए।
श्यामसुन्दर दास जी ने परिचयात्मक और आलोचनात्मक ग्रंथ लिखने के साथ ही कई दर्जन पुस्तकों का संपादन किया। पाठ्यपुस्तकों के रूप में इन्होंने कई दर्जन सुसंपादित संग्रह ग्रंथ प्रकाशित कराए। डॉ श्यामसुन्दर दास ने वैसे तो 70 साहित्य-कृतियों की रचना की लेकिन डॉ श्यामसुन्दर दास की प्रमुख साहित्य-कृतियाँ निम्नलिखित हैं।
चन्द्रावली’ अथवा ‘नासिकेतोपाख्यान’ पृथ्वीराज रासो ,मेघदूत, परमाल रासो, रानी केतकी की कहानी, भारतेन्दु नाटकावली ,नूतन संग्रह, हम्मीर रासो ,साहित्यलोचन जैसी प्रसिद्ध रचनाओं का निर्माण किया। जिनकी रचनाओं को बीए और एमए की कक्षा में आज पढ़ाया जाता है।
बहुजन प्रेरणा ( हिंदी दैनिक समाचार पत्र ) व बहुजन इंडिया 24 न्यूज़ (डिजिटल मीडिया)

(सम्पादक- मुकेश भारती एड0 ): किसी भी शिकायत के लिए सम्पर्क करे – 9336114041

” मैं ऐसे धर्म को मानता हूं जो स्वतंत्रता, समानता और भाईचारा सिखाता है। ” बाबा साहेब : डॉ भीम राव अम्बेडकर।
” जिन्दगी का हर एक छोटा हिस्सा ही
हमारी जिदंगी की सफ़लता का बड़ा हिस्सा होता है।”
आईपीसी की धारा 323 में विधि का क्या प्राविधान है ?
IPC की धारा 323 का विवरण :जो कोई किसी अगर कोई अपनी इच्छा से किसी को चोट या नुकसान पहुंचाता है, तो ऐसा करने पर उसे 1 साल तक की कैद या 1 हजार रुपये का जुर्माना या दोनों की सजा हो सकती है तो वह व्यक्ति धारा 323 के अंतर्गत दंड एवं जुर्माने से दण्डित किया जाएगा।
विधिक सलाहकार -मुकेश भारती एड0।Dt.27-12-2022
अथवा
स्वेच्छया उपहति/चोट कारित करने के लिए दण्ड। उस दशा के सिवाय जिसके लिए धारा 334 में उपबंध है ,जो कोई स्वेच्छया उपहति करीत करेगा वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से , जिसकी अवश्य एक वर्ष तक की हो सकरगि , या जुर्माने से जो 1000 रूपये तक का हो सकेगा , या दोनों से , दण्डित किया जायेगा।
उपहति /चोट से आशय ; जो कोई किसी व्यक्ति को शारीरिक पीड़ा , रोग या अंग -शैथिल्य कारित करता है, वह उपहति करता है। यह कहा जाता है।
विधिक सलाहकार -मुकेश भारती एड0।Dt.27-12-2022
नोट : दण्ड प्रक्रिया संहिता के अनुसार : यह जमानतीय और असंज्ञेय अपराध है जमानत कोई जुडिसियल मजिस्ट्रेट दे सकता है।
“पोथी पढ़ि पढ़ि जग मुआ, पंडित भया न कोय,
ढाई आखर प्रेम का, पढ़े सो पंडित होय।”
अर्थ – कबीर दास जी के दोहे से समझ में आता है कि संसार की बड़ी-बड़ी पुस्तकें पढ़कर कितने ही लोग मृत्यु के द्वार तक पहुंच गए, मगर वे सभी विद्वान नहीं हो सके थे। वे कहते हैं कि इतन पढ़ने के बजाय अगर कोई प्रेम या प्रेम के ढाई अक्षर ही पढ़ ले यानी कि प्रेम के वास्तविक रूप को पहचान ले तो वह सच्चा ज्ञानी माना जाएगा।
Dt.27.12.2022 । Virendra Kumar। (History Department) Usmani Degree College Lakhimpur Kheri वीरेंद्र कुमार : प्रवक्ता – उस्मानी डिग्री कॉलेज लखीमपुर खीरी (यूजीसी नेट-इतिहास ) Dt. 27-12-2022
जलियांवाला बाग हत्याकांड:
आज़ादी के आंदोलन में हज़ारों निहत्थे पुरुष, महिलाएँ और बच्चे : 13 अप्रैल, 1919 को जलियांवाला बाग में आयोजित एक शांतिपूर्ण बैठक में रॉलेट एक्ट 1919 का शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन में शामिल लोगों पर बिना बताये ब्रिगेडियर जनरल रेगीनाल्ड डायर ने गोली चलाने का आदेश दिया था, जिसमें हज़ारों निहत्थे पुरुष, महिलाएँ और बच्चे मारे गए थे। इस कांड में मारे गए लोग रॉलेट एक्ट 1919 का शांतिपूर्ण विरोध कर रहे थे। इस हत्या काण्ड का बदला लेने के लिए वर्ष 1940 में सरदार उधम सिंह ने जनरल डायर की हत्या कर दी थी। वीरेंद्र कुमार : प्रवक्ता – उस्मानी डिग्री कॉलेज लखीमपुर खीरी (यूजीसी नेट-इतिहास ) Dt. 27-12-2022

क्या है रॉलेट एक्ट 1919 को जाने :
प्रथम विश्व युद्ध (1914-18) के दौरान भारत की ब्रिटिश सरकार ने दमनकारी आपातकालीन शक्तियों की एक शृंखला बनाई जिसका उद्देश्य विध्वंसक गतिविधियों का मुकाबला करना था।इस संदर्भ में सर सिडनी रॉलेट की अध्यक्षता वाली राजद्रोह समिति की सिफारिशों पर यह अधिनियम पारित किया गया था। इस अधिनियम ने सरकार को राजनीतिक गतिविधियों को दबाने के लिये अधिकार प्रदान किये और दो साल तक बिना किसी मुकदमे के राजनीतिक कैदियों को हिरासत में रखने की अनुमति दी।
जलियांवाला बाग हत्या काण्ड की पृष्ठभूमि: महात्मा गांधी इस तरह के अन्यायपूर्ण कानूनों के खिलाफ अहिंसक सविनय अवज्ञा आंदोलन शुरू करना चाहते थे, जो 6 अप्रैल, 1919 को शुरू हुआ। 9 अप्रैल, 1919 को पंजाब में दो राष्ट्रवादी नेताओं सैफुद्दीन किचलू और डॉ सत्यपाल को ब्रिटिश अधिकारियों ने बिना किसी वारेंट के गिरफ्तार कर लिया। इससे भारतीय प्रदर्शनकारियों में आक्रोश पैदा हो गया जो 10 अप्रैल को हज़ारों की संख्या में अपने नेताओं के साथ एकजुटता दिखाने के लिये निकले थे।भविष्य में इस प्रकार के किसी भी विरोध को रोकने हेतु सरकार ने मार्शल लॉ लागू किया और पंजाब में कानून-व्यवस्था ब्रिगेडियर-जनरल डायर को सौंप दी गई। घटना का दिन: 13 अप्रैल, बैसाखी के दिन अमृतसर में निषेधाज्ञा से अनजान ज़्यादातर पड़ोसी गाँव के लोगों की एक बड़ी भीड़ जालियांवाला बाग में जमा हो गई।इस बड़ी भीड़ को तितर बितर करने के लिए ब्रिगेडियर- जनरल डायर अपने सैनिकों के साथ घटनास्थल पर पहुँचा। सैनिकों ने जनरल डायर के आदेश के तहत सभा को घेर कर एकमात्र निकास द्वार को अवरुद्ध कर दिया और निहत्थे भीड़ पर गोलियाँ चलाना शुरू कर दी दीं, जिसमें 1000 से अधिक निहत्थे पुरुषों, महिलाओं और बच्चों की मौत हो गई।
जलियांवाला बाग हत्याकांड की घटना का महत्त्व:जलियांवाला बाग भारत के स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में एक महत्त्वपूर्ण स्थल बन गया और अब यह देश का एक महत्त्वपूर्ण स्मारक है।जलियांवाला बाग त्रासदी उन कारणों में से एक थी जिसके कारण महात्मा गांधी ने अपना पहला, बड़े पैमाने पर और निरंतर अहिंसक विरोध (सत्याग्रह) अभियान, असहयोग आंदोलन (1920–22) का आयोजन शुरू किया।इस घटना के विरोध में बांग्ला कवि और नोबेल पुरस्कार विजेता रवींद्रनाथ टैगोर ने वर्ष 1915 में प्राप्त नाइटहुड की उपाधि का त्याग कर दिया।भारत की तत्कालीन सरकार ने घटना (हंटर आयोग) की जाँच का आदेश दिया, जिसने वर्ष 1920 में डायर के कार्यों के लिये निंदा की और उसे सेना से इस्तीफा देने का आदेश दिया। वीरेंद्र कुमार : प्रवक्ता – उस्मानी डिग्री कॉलेज लखीमपुर खीरी (यूजीसी नेट-इतिहास ) Dt. 27-12-2022
घरेलू उपचार :5 मिनट में खांसी से छुटकारा कैसे पाएं?
दिसंबर और जनवरी के महिने में हम सभी को अक्सर सर्दी -जुकाम और खासी की शिकायत रहती है। घरेलू उपचार से सर्दी खासी से निजात

पाये।
अदरक और नमक:अदरक से भी सूखी खांसी में आराम मिलता है। इसके लिए अदरक की एक गांठ को कूटकर उसमें एक चुटकी नमक मिला लें और दाढ़ के नीचे दबा लें। उसका रस धीरे-धीरे मुंह के अंदर जाने दें। 5 मिनट तक उसे मुंह में रखें और फिर कुल्ला कर लें।सर्दी -जुकाम और खासी में फाफी रहत आप को मिलेगी। डॉ अजय अनंत चौधरी Dt.27-12-2022
लौंग और शहद खाएं- खांसी या जुकाम होने पर आप लौंग का सेवन करें
तुलसी अदरक की चाय- अगर आप बहती नांक और खांसी से परेशान हैं तो आपको गर्म तासीर की चीजों का सेवन करना चाहिए ।शहद और अदरक का रस- जुकाम एक ऐसी समस्या है जो हफ्तों में जाकर ठीक होती है। भाप लें- सर्दी-खांसी में सबसे ज्यादा राहत भाप लेने से मिलती है।
सर्दी-खांसी और जुकाम से राहत के लिए घरेलू उपचार | Home Remedies For Common Cold And Cough के लिए निम्न का भी सेवन करके ठीक हो सकते है।
1-अदरक की चाय (Ginger Tea) का सेवन करें।
2-आंवला का सेवन (Amla Consumption) का सेवन करें।
3-शहद का सेवन (Honey Consumption) का सेवन करें।
4-खांसी के लिए रामबाण दवा है तुलसी (Tulsi Home Remedy For Cough In Hindi) का सेवन करें।
5-हल्दी दूध (Turmeric Milk) का सेवन करें। घरेलू उपचार से सर्दी -जुकाम ,खासी से निजात पाये। डॉ अजय अनंत चौधरी Dt.27-12-2022
प्रथम विश्व युद्ध
ऑस्ट्रिया के सिंहासन के उत्तराधिकारी आर्चड्युक फर्डिनेंड और उनकी पत्नी का वध इस युद्ध का तात्कालिक कारण था। यह घटना 28 जून 1914, को सेराजेवो में हुई थी। एक माह के बाद ऑस्ट्रिया ने सर्बिया के विरुद्ध युद्ध घोषित किया। रूस, फ़्रांस और ब्रिटेन ने सर्बिया की सहायता की और जर्मनी ने आस्ट्रिया की।
साम्राज्यवाद (Imperialism): प्रथम विश्व युद्ध से पहले अफ्रीका और एशिया के कुछ हिस्से कच्चे माल की उपलब्धता के कारण यूरोपीय देशों के बीच विवाद का विषय बने हुए थे। जब जर्मनी और इटली इस उपनिवेशवादी दौड़ में शामिल हुए तो उनके विस्तार के लिये बहुत कम संभावना बची। इसका परिणाम यह हुआ कि इन देशों ने उपनिवेशवादी विस्तार की एक नई नीति अपनाई। यह नीति थी दूसरे राष्ट्रों के उपनिवेशों पर बलपूर्वक अधिकार कर अपनी स्थिति को सुदृढ़ किया जाए। बढ़ती प्रतिस्पर्द्धा और अधिक साम्राज्यों की इच्छा के कारण यूरोपीय देशों के मध्य टकराव में वृद्धि हुई जिसने समस्त विश्व को प्रथम विश्व युद्ध में धकेलने में मदद की। इसी प्रकार मोरक्को तथा बोस्निया संकट ने भी इंग्लैंड एवं जर्मनी के बीच प्रतिस्पर्द्धा को और बढ़ावा दिया।
अपने प्रभाव क्षेत्र में वृद्धि करने के उद्देश्य से जर्मनी ने जब बर्लिन-बगदाद रेल मार्ग योजना बनाई तो इंग्लैंड के साथ-साथ फ्राँस और रूस ने इसका विरोध किया, जिसके चलते इनके बीच कटुता मेंऔर अधिक वृद्धि हुई।
बहुजन प्रेरणा दैनिक समाचार पत्र व बहुजन इंडिया 24 न्यूज़ (सम्पादक- मुकेश भारती ) किसी भी शिकायत के लिए सम्पर्क करे – 9336114041

सैन्यवाद (Militarism): 20वीं सदी में प्रवेश करते ही विश्व में हथियारों की दौड़ शुरू हो गई थी। वर्ष 1914 तक जर्मनी में सैन्य निर्माण में सबसे अधिक वृद्धि हुई। ग्रेट ब्रिटेन और जर्मनी दोनों ने इस समयावधि में अपनी नौ-सेनाओं में काफी वृद्धि की। सैन्यवाद की दिशा में हुई इस वृद्धि ने युद्ध में शामिल देशों को और आगे बढ़ने में मदद की।
वर्ष 1911 में आंग्ल जर्मन नाविक प्रतिस्पर्द्धा के परिणामस्वरूप ‘अगादिर का संकट’ उत्पन्न हो गया। हालाँकि इसे सुलझाने का प्रयास किया गया परंतु यह प्रयास सफल नहीं हो सका। वर्ष 1912 में जर्मनी में एक विशाल जहाज़ ‘इम्प रेटर’ का निर्माण किया गया जो उस समय का सबसे बड़ा जहाज़ था। इससे इंग्लैंड और जर्मनी के मध्य वैमनस्य एवं प्रतिस्पर्द्धा में वृद्धि हुई।
राष्ट्रवाद (Nationalism): जर्मनी और इटली का एकीकरण भी राष्ट्रवाद के आधार पर ही किया गया था। बाल्कन क्षेत्र में राष्ट्रवाद की भावना अधिक प्रबल थी। चूँकि उस समय बाल्कन प्रदेश तुर्की साम्राज्य के अंतर्गत आता था, अतः जब तुर्की साम्राज्य कमज़ोर पड़ने लगा तो इस क्षेत्र में रहने वाले लोगों ने स्वतंत्रता की मांग शुरू कर दी।
बोस्निया और हर्जेगोविना में रहने वाले स्लाविक लोग ऑस्ट्रिया-हंगरी का हिस्सा नहीं बना रहना चाहते थे, बल्कि वे सर्बिया में शामिल होना चाहते थे और बहुत हद तक उनकी इसी इच्छा के परिणामस्वरूप प्रथम विश्व युद्ध की शुरुआत हुई। इस तरह राष्ट्रवाद युद्ध का कारण बना।रूस का मानना था कि स्लाव यदि ऑस्ट्रिया-हंगरी एवं तुर्की से स्वतंत्र हो जाता है तो वह उसके प्रभाव में आ जाएगा, यही कारण रहा कि रूस ने अखिल स्लाव अथवा सर्वस्लाववाद आंदोलन को बल दिया। स्पष्ट है कि इससे रूस और ऑस्ट्रिया–हंगरी के मध्य संबंधों में कटुता आई।इसी तरह के और भी बहुत से उदाहरण रहे जिन्होंने राष्ट्रवाद की भावना को उग्र बनाते हुए संबंधों को तनावपूर्ण स्थिति में ला खड़ा किया। ऐसा ही एक उदाहरण है सर्वजर्मन आंदोलन।
आईपीसी की धारा 207 में विधि का क्या प्राविधान है

IPC की धारा 207 का विवरण :जो कोई किसी सम्पत्ति को, या उसमें के किसी हित को, यह जानते हुये कि ऐसी सम्पत्ति या हित पर उसका कोई अधिकार या अधिकारपूर्ण दावा नहीं है, कपटपूर्वक प्रतिगृहीत करेगा, प्राप्त करेगा, या उस पर दावा करेगा, अथवा किसी संपत्ति या उसमें के किसी हित पर किसी अधिकार के बारे में जानते हुए की इस पर उसका कोई वैधानिक अधिकार नहीं है और हड़पने , छीनने के आशय से मिथ्या दावा करेगा तो वह व्यक्ति धारा 207 के अंतर्गत दंड एवं जुर्माने से दण्डित किया जाएगा। विधिक सलाहकार -मुकेश भारती एड0
संत रैदास ने ऊँच-नीच की भावना तथा ईश्वर-भक्ति के नाम पर किये जाने वाले विवाद को सारहीन तथा निरर्थक बताया और जातिपाति का घोर खंडन किया और सबको परस्पर मिलजुल कर प्रेमपूर्वक रहने का उपदेश दिया।Bahujan Movement:
संत रैदास स्वयं मधुर तथा भक्तिपूर्ण भजनों की रचना करते थे और उनके शिष्य उन्हें भाव-विभोर होकर सुनाते थे। उनका विश्वास था कि वेद, कुरान, पुराण आदि ग्रन्थों में जिस परमेश्वर राम, कृष्ण, करीम, राघव आदि का गुणगान किया गया है।सब एक ही परमेश्वर के विविध नाम हैं। एक ही अलौकिक शक्ति है और कोई दूजा नहीं है। सभी मनुष्य सामान है कोई ऊच नीच नहीं है।ऊच नीच जैसी सामाजिक बुराई सभी चालाक लोग अपने फायदे के लिए बनाये है। ईश्वर सभी को सामान दृष्टि से देखता है। मानव मानव में कोई भेद नहीं है।
कृस्न, करीम, राम, हरि, राघव, जब लग एक न पेखा।
वेद कतेब कुरान, पुरानन, सहज एक नहिं देखा ॥
चारो वेद के करे खंडौती । जन रैदास करे दंडौती।।
संत रविदास का विश्वास था कि ईश्वर की भक्ति के लिए सदाचार, परहित-भावना तथा सद्व्यवहार का पालन करना अत्यावश्यक है। अभिमान त्याग कर दूसरों के साथ व्यवहार करने और विनम्रता तथा शिष्टता के गुणों का विकास करने पर उन्होंने बहुत बल दिया। अपने एक भजन में उन्होंने कहा है-
कह रैदास तेरी भगति दूरि है, भाग बड़े सो पावै।
तजि अभिमान मेटि आपा पर, पिपिलक हवै चुनि खावै॥
संत रविदास के विचारों का आशय यही है कि ईश्वर की भक्ति बड़े भाग्य से प्राप्त होती है। अभिमान शून्य रहकर काम करने वाला व्यक्ति जीवन में सफल रहता है जैसे कि विशालकाय हाथी शक्कर के कणों को चुनने में असमर्थ रहता है जबकि लघु शरीर की पिपीलिका (चींटी) इन कणों को सरलतापूर्वक चुन लेती है। इसी प्रकार अभिमान तथा बड़प्पन का भाव त्याग कर विनम्रतापूर्वक आचरण करने वाला मनुष्य ही ईश्वर का भक्त हो सकता है Bahujan Movement:
” मैं ऐसे धर्म को मानता हूं जो स्वतंत्रता, समानता और भाईचारा सिखाता है। ” बाबा साहेब : डॉ भीम राव अम्बेडकर।
“पोथी पढ़ि पढ़ि जग मुआ, पंडित भया न कोय,
ढाई आखर प्रेम का, पढ़े सो पंडित होय।”
अर्थ – कबीर दास जी के दोहे से समझ में आता है कि संसार की बड़ी-बड़ी पुस्तकें पढ़कर कितने ही लोग मृत्यु के द्वार तक पहुंच गए, मगर वे सभी विद्वान नहीं हो सके थे। वे कहते हैं कि इतन पढ़ने के बजाय अगर कोई प्रेम या प्रेम के ढाई अक्षर ही पढ़ ले यानी कि प्रेम के वास्तविक रूप को पहचान ले तो वह सच्चा ज्ञानी माना जाएगा
पेरियार रामास्वामी जयंती 17 सितम्बर मनाई जाती है। पेरियार रामास्वामी जयंती 17 सितम्बर 2023 को मनाई जायेगी ।
जीवन परिचय : Periyar saheb :पेरियार इरोड वेंकट नायकर रामासामी (जन्म 17 सितम्बर, 1879-मृत्यु 24 दिसम्बर, 1973) जिन्हे पेरियार (तमिल में अर्थ -सम्मानित व्यक्ति) नाम से भी जाना जाता था, पेरियार का जन्म पश्चिमी तमिलनाडु के इरोड में एक सम्पन्न, परम्परावादी हिन्दू धर्म की बलीजा जाति में हुआ था।जो उत्तर भारत में पाल और गड़ेरिया जाति के सामान समकक्ष है।

और ओबीसी जाति का प्रतिनिधित्व करती है।Bahujan Movement: 1885 में उन्होंने एक स्थानीय प्राथमिक विद्यालय में अध्ययन हेतु दाखिला लिया था । पर कोई पाँच साल से कम की औपचारिक शिक्षा मिलने के बाद ही उन्हें अपने पिता के व्यवसाय से जुड़ना पड़ा। कई पीढ़ियों से उनके घर पर भजन , कीर्तन तथा उपदेशों का सिलसिला चलता ही रहता था। बचपन से ही वे तर्कशील और विवेकवान व्यक्तित्व वाले व्यक्ति थे धार्मिक ग्रन्थ और उपदशों में कही बातों की प्रामाणिकता पर सवाल उठाते रहते थे जिससे उनके पिता बहुत नाराज रहते थे । हिन्दू महाकाव्यों तथा पुराणों में कही बातों की परस्पर विरोधी तथा बाल विवाह, देवदासी प्रथा, विधवा पुनर्विवाह के विरुद्ध अवधारणा, स्त्रियों तथा दलितों के शोषण के घोर विरोधी थे। अपने काशी यात्रा के बाद उन्होंने हिन्दू वर्ण व्यवस्था और कुरीतियों का भी विरोध ही नहीं बल्कि बहिष्कार भी किया। 19 वर्ष की उम्र में उनकी शादी नगम्मल नाम की 13 वर्षीय स्त्री से हुई। उन्होंने अपना पत्नी को भी अपने विचारों से ओत प्रोत किया। तर्कशक्ति के कारण भारत ही नहीं बल्कि एशिया का सुकरात कहा जाता है।
Periyar saheb : पेरियार साहेब वैज्ञानिक दृष्टिकोण के व्यक्ति थे और तर्कशील थे। 20वीं सदी के तमिलनाडु के एक प्रमुख राजनेता व दलित शोषित, गरीबों के मसीहा थे।और बाबा साहेब डॉ भीम राव अम्बेडकर के समकालीन थे। अपने सिद्धांतो से समाज में फैली बुराइयों का नाश किया। इन्होंने जस्टिस पार्टी का गठन किया जिसका सिद्धान्त जातिवादी व गैर बराबरी वाले हिन्दुत्व का विरोध था। पेरियार अपनी मान्यता का पालन करते हुए मृत्युपर्यंत जाति और हिंदू-धर्म से उत्पन्न असमानता और अन्याय का विरोध करते रहे। ऐसा करते हुए उन्होंने लंबा, सार्थक, सक्रिय और सोद्देश्यपूर्ण जीवन जीया था।
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