Bahujan News: Baba Saheb Dr Bheem Rao Ambedkar:बाबासाहब डां अंबेडकर साहब एक उच्च कोटि के अर्थशास्त्री थे – बहुजन इंडिया 24 न्यूज

Bahujan News: Baba Saheb Dr Bheem Rao Ambedkar:बाबासाहब डां अंबेडकर साहब एक उच्च कोटि के अर्थशास्त्री थे

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सम्पादकीय ::मुकेश भारती  {Lucknow} :: Published Dt.29.07.2023 :Time:2:30PM जो मन चंगा कठौती में गंगा -संत शिरोमणि रविदास जी महाराज :बहुजन प्रेस -संपादक: मुकेश भारती :www. Bahujan india 24 news.com


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Lucknow News ।  ब्यूरो रिपोर्ट :मुकेश भारती ।।Date:29 Jully। (Month Jully 2023)- Lucknow News Serial: Weak -05:: (23 Days to 31 Days)(News No-11) (Year 2023 -News No:21)


Bahujan News।बाबासाहब डां अंबेडकर साहब एक उच्च कोटि के अर्थशास्त्री थे ।

20 जुलाई 1920 को प्रोफेसर पद से सेवानिवृति लेकर अपनी अधूरी पढाई पूरी करने के लिए 30 सितम्बर 1920 को बाबासाहब अंबेडकर लन्दन पहुंचे। जून 1921 में उन्हें अर्थशास्त्र में “मास्टर आफ साईंस ” की उपाधि प्रदान की।नवम्बर 1923 में ” दी प्रॉब्लम आफ दा रूपी” की थीसिस पर लंदन विश्वविद्यालय ने अर्थशास्त्र में “डाक्टर आफ साईंस ” की उपाधि प्रदान की। प्रतिदिन 18 घंटे पढाई कर अपनी अधूरी डिग्रियां दो वर्ष तीन माह में पूरी की।जो सामान्यत: पूरा करने में 8 वर्ष लग जाते हैं।bheem rao ambedkar इस दौरान उन्होंने 40 कोर्स पूरे किये।बाबासाहब अंबेडकर साहब न सिर्फ विदेश में इकोनॉमिक्स में पीएच.डी करने वाले पहले भारतीय थे। बल्कि वे इकोनॉमिक्स में डबल डाक्ट्रेट करने वाले पूरे दक्षिण एशिया में पहले व्यक्ति थे। डाक्टर भीमराव अंबेडकर साहब मूलत: बडे अर्थशास्त्री थे।उनकी सारी उपाधियां अर्थशास्त्र में थी।डाक्टर अंबेडकर साहेब एकमात्र भारतीय हैं।

जिसने लन्दन विश्वविद्यालय के 180 वर्ष के इतिहास में अर्थशास्त्र में “डाक्टर आफ साईंस “उपाधि प्राप्त की।नोवेल पुरस्कार विजेता प्रख्यात भारतीय अर्थशास्त्री प्रोफेसर अमर्त्य सेन बाबासाहब को अर्थशास्त्र में अपने पिता मानते थे।डाक्टर अंबेडकर साहब ने हिल्टन आयोग के सामने मुद्रा समस्या के विषय पर महत्वपूर्ण विचार प्रस्तुत किए। इसी रिपोर्ट के आधार पर 1 अप्रैल 1935 को रिजर्व बैंक आफ इंडिया की स्थापना हुई। संकलन टी.आर.भास्कर महासचिव बोधिसत्व बुद्ध विहार अहमदाबाद गुजरात ।

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