Lakhimpur News:मरीज की जान जोखिम में डाल लाखों की काली कमाई में जुटे है जिले में बिना रजिस्ट्रेशन के फर्जी कई अस्पताल, मेडीकल स्टोर्स और धड़ल्ले से चल पैथालाजी सेंटर: Bahujan Press – बहुजन इंडिया 24 न्यूज

Lakhimpur News:मरीज की जान जोखिम में डाल लाखों की काली कमाई में जुटे है जिले में बिना रजिस्ट्रेशन के फर्जी कई अस्पताल, मेडीकल स्टोर्स और धड़ल्ले से चल पैथालाजी सेंटर: Bahujan Press

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संवाददाता ::  लखीमपुर-खीरी ::सर्वेश कुमार राज{LMP} :: Published Dt.01.08.2023 :Time:7:30PM :मरीज की जान जोखिम में डाल लाखों की काली कमाई में जुटे है जिले में बिना रजिस्ट्रेशन के फर्जी कई अस्पताल, मेडीकल स्टोर्स और धड़ल्ले से चल पैथालाजी सेंटर :: बहुजन प्रेस -संपादक -मुकेश भारती :www. bahujan india 24 news.com


Sarvesh kumar Raj
सर्वेश राज: ब्यूरो रिपोर्ट लखीमपुर खीरी

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Lakhimpur News ।  ब्यूरो रिपोर्ट :सर्वेश कुमार राज।। Date:01 August  (Month August 2023- Lakhimpur News Serial: Weak -01):(01Days to 07Days):(Month August News No:I) (Year-2023 News No:47)


मरीज की जान जोखिम में डाल लाखों की काली कमाई में जुटे है जिले में बिना रजिस्ट्रेशन के फर्जी कई अस्पताल, मेडीकल स्टोर्स और धड़ल्ले से चल पैथालाजी सेंटर।

लखीमपुर खीरी।जिले में बिना रजिस्ट्रेशन के कई अस्पताल, मेडीकल स्टोर्स, पैथालाजी सेंटर धड़ल्ले से चल रहे हैं। इनके पास न तो प्रशिक्षित चिकित्सक हैं और न ही स्वास्थ्य कर्मी। फिर भी ये बुखार से लेकर ऑपरेशन तक का जिम्मा (ठेका) लेते हैं।मरीजों की जान जोखिम में डालने से नहीं चूकते हैं। ऐसा एक मामला प्रकाश में आया । शहर लखीमपुर में लालपुर रोड प.दीन दयाल स्कूल के सामने स्थित शुभ आशीर्वाद हॉस्पिटल का है।

शहर से सटे गोला रोड पर संचालित शुभ आशीर्वाद हॉस्पिटल में लखनऊ के डॉ के नाम पर ग्रामीणों के साथ की जाती है ठगी मामला प्रकाश में आया।
शुभ आशीर्वाद हॉस्पिटल में मुन्नालाल 50 वर्ष ग्राम पंचायत अम्बारा थाना भीरा 16.7.2023 को भर्ती कराया जाता है जहां डॉक्टरों ने 16000 में हर्निया नामक बीमारी का ठीक करने ठेका लेते हैं लेकिन 3 दिन भर्ती करने के बाद के डॉक्टरों के द्वारा लखनऊ में ऑपरेशन कराने ले जाया जाता है जहां पर भी 3 दिन भर्ती किया जाता है और लगभग डेढ़ लाख रुपए की मांग की जाती है लेकिन इतने रुपए देने में असमर्थता कारण तब डॉक्टरों ने मरीज को वहां से निकाल देते हैं और कहते हैं ले जाओ मरीज आपका ठीक हो गया है लेकिन मरीज को हालत ठीक न होने के चलते रास्ते में मृत्यु हो जाती है।
इस दौरान मरीज की पत्नी सोनी देवी ने बताया कि लगभग डेढ़ लाख रुपया डॉक्टरों के द्वारा खर्च करा दिया जाता है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार प्राइवेट हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने सरकारी हॉस्पिटल के कंपाउंडर से सांठगांठ के चलते हैं आए दिन ऐसी घटनाएं घटती हैं और इसके गरीब शिकार होते हैं।

पीड़ित परिजन ने पुलिस अधीक्षक लखीमपुर से किया लिखित शिकायत

परिजनों ने पुलिस अधीक्षक लखीमपुर से किया लिखित शिकायत तो शुभ आशीर्वाद हॉस्पिटल के डॉ अपनी टीम  के 4 डॉक्टर साथियों के साथ  समझौता करने पहुंचे अम्बारा गांव जबरन समझौता करने के लिए पीड़ित पर बनाने लगे दबाव लेकिन पीड़ित ने ये कह कर ताल दिया किया की जब तक न्याय नहीं मिल जाता प्रार्थिनी अपनी शिकायत वापस नहीं लेगी।

स्वास्थ्य विभाग की मिली भगत से संचालित होता है फर्जी हॉस्पिटल ,बिना पंजीकरण के अस्पताल चलाना नियम विरुद्ध है
मगर फिर भी जिला मुख्यालय से लेकर गांव , शहर तक कुकुरमुत्ते की तरह क्लीनिक, अस्पताल, पैथालाजी सेंटर संचालित हो रहे हैं। और तो और कई ऐसे भी हैं,कस्बा और गांवों में सैकड़ों की संख्या में अस्पताल चल रहे हैं। इन अस्पतालों के बाहर लगे बोर्ड पर एमबीबीएस से लेकर एमडी एवं सर्जन डॉक्टरों के एक दो नहीं, बल्कि पांच छह डॉक्टरों के नाम लिखे होते हैं।

इस तरह जिले भर में धड़ल्ले से खुल रहे इन अस्पतालों का कोई निरीक्षण करने वाला नहीं है। हालांकि जब इन अस्पतालों में किसी मरीज की मौत हो जाती है, तब विभागीय जिम्मेदार इनमें ताला डलवाकर जांच की खाना पूर्ती कर देते हैं।

लखीमपुर में विगत  दिनों में दो अस्पताल हुए सीज
गत बुधवार को गोला सीएचसी क्षेत्र की एक महिला की मौत होने पर खीरी रोड स्थित विवेकानंद अस्पताल और रविवार को महेवागंज स्थित संजीवनी हॉस्पिटल में प्रसव के दौरान एक नवजात की मौत होने पर इन दोनों अस्पतालों को सीज कर दिया गया।
……
वर्ष 2022-23 में पंजीकृत हॉस्पिटल- 173 ।। नवीनीकरण हुआ- 00 ।। जनवरी से अब तक सीज हुए अस्पताल- 55।।
शपथ पत्र के बाद ताला खुला- 20 ।।= पंजीकृत से लेकर सीज व ताला खुलने वाले अस्पतालों की संख्या अनुमानित —शेष अगले अंक में———–



जो मन चंगा कठौती में गंगा -संत शिरोमणि रविदास जी महाराज : Bahujan Press-Sant Ravidas Ji Maharaj

संत रविदास कौन ?
संत रविदास भारत में 15वीं शताब्दी के संत परंपरा में एक चमकते नेतृत्वकर्ता और उत्तर भारतीय भक्ति आंदोलन को नेतृत्व देते थे. संत रविदास का जन्म माघ पूर्णिमा के दिन हुआ था. इस वर्ष 05 फरवरी 2023 को माघ पूर्णिमा के अवसर पर संत रविदास की जयंती आज मनाई जायेगी।


जो मन चंगा कठौती में गंगा:

Ravidasप्रभु श्री संत शिरोमणि रविदास जी महाराज जी अपने उपदेश में कहते है कि अगर एक व्यक्ति का मन शुद्ध है, और उसने अपने मन पर विजय प्राप्त कर लिया है उसके विचार शुद्ध हैं तो उसकी किसी काम को करने की नीयत अच्छी ही होगी और उसका हर कार्य गंगा के समान पवित्र होगा है। इस लिए मन को साधना के माध्यम से साधना चाहिए। अपने मन को काम और क्रोध से मुक्त रखना चाहिए।

मन चंगा तो कठौती में गंगा एक मात्र सूत्र अपने अनुयायियों को संत शिरोमणि रविदास जी महाराज ने दिया। श्री रविदास जी एक सिद्ध महामानव और संत थे, वह प्रभु के पूर्ण भगत थे। ऐसा कहा जाता है यदि मन शुद्ध हो तो भगवान का दर्शन तत्काल हो सकता है।

इस वाणी के माध्यम से पाखंडवाद का खुलकर विरोध किया कि जो लोग काफी पूजा-पाठ, अनुष्ठान, दान आदि करते हैं मगर प्रभु के दर्शन नहीं होते इसका कारण यही है कि उनका मन शुद्ध नहीं होता है। इस पवित्र सूत्र और मन्त्र का भी यही अर्थ है कि अगर मन साफ है तो घर ही एक तीर्थ स्थान बन जाता है फिर गंगा नहाने या कोई तीर्थ स्थान जाने की कोई आवश्यकता नहीं होती है ।


संत रविदास (रैदास) का जन्म काशी में माघ पूर्णिमा दिन रविवार को संवत 1398 को हुआ था उनका एक दोहा प्रचलित है।

चौदह सौ तैंतीस कि माघ सुदी पन्दरास। दुखियों के कल्याण हित प्रगटे श्री रविदास।

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उनके पिता संतोख दास तथा माता का नाम कलसांं देवी था। उनका विवाह माता लोना देवी से हुआ था। उनका पारिवारिक व्यवसाय जूता बनाने का था और अपना काम पूरी लगन तथा परिश्रम से करते थे और समय से काम को पूरा करने पर बहुत ध्यान देते थे। रैदास ने साधु-सन्तों की संगति से पर्याप्त व्यावहारिक और आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त किया था। संत रामानन्द के शिष्य बनकर उन्होंने आध्यात्मिक ज्ञान अर्जित किया। संत रविदास जी ने स्वामी रामानंद जी को कबीर साहेब जी के कहने पर गुरु बनाया था। जबकि उनके वास्तविक आध्यात्मिक गुरु कबीर साहेब जी ही थे।उनकी समयानुपालन की प्रवृति तथा मधुर व्यवहार के कारण उनके सम्पर्क में आने वाले लोग भी बहुत प्रसन्न रहते थे। प्रारम्भ से ही रविदास जी बहुत परोपकारी तथा दयालु थे और दूसरों की सहायता करना उनका स्वभाव बन गया था। साधु-सन्तों की सहायता करने में उनको विशेष आनन्द मिलता था। वे उन्हें प्राय: मूल्य लिये बिना जूते भेंट कर दिया करते थे। उनके स्वभाव के कारण उनके माता-पिता उनसे अप्रसन्न रहते थे। कुछ समय बाद उन्होंने रविदास तथा उनकी पत्नी को अपने घर से भगा दिया। रविदास पड़ोस में ही अपने लिए एक अलग इमारत बनाकर तत्परता से अपने व्यवसाय का काम करते थे और शेष समय ईश्वर-भजन तथा साधु-सन्तों के सत्संग में व्यतीत करते थे।



सम्पादकीय ::मुकेश भारती  {Lucknow} :: Published Dt.26.07.2023 :Time:8:30AM जो मन चंगा कठौती में गंगा -संत शिरोमणि रविदास जी महाराज :बहुजन प्रेस -संपादक: मुकेश भारती :www. Bahujan india 24 news.com


Mukesh Bharti
Editor- Mukesh Bharti: Bahujan India 24 News

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Lucknow News ।  ब्यूरो रिपोर्ट :मुकेश भारती ।।Date:26 Jully। (Month Jully 2023)- Lucknow News Serial: Weak -05:: (23 Days to 31 Days)(News No-06) (Year 2023 -News No:16)


डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक की लाख कोशिशों के बावजूद स्वास्थ्य विभाग की मिलीभगत से अवैध अस्पतालों पर अंकुश लगाने में नाकाम

स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही से मरीजों की जान खतरे में लखीमपुर शहर से सटे महेवागंज कस्बे की दुबग्गा बाजार रोड पर संचालित होते है कई अवैध अस्पताल और प्रैक्टिस करते है झोलाछाप दवाखाने के डॉक्टर । शहर में ये खेल बड़े ही धड्ड्ले से चल रहा है रजिस्ट्रेशन में भी गोलमाल क्योंकि नाम बड़े बड़े डाक्टरों के पर चलाते हैं अनट्रेंड नर्स और स्टाप ।। सीएचसी अधीक्षक की साठगांठ से महेवागंज में फलफूल रहा अवैध अस्पतालों का कारोबार। यह सब इसलिए धड़ल्ले से हो रहा है क्योंकि यह अवैध कमाई का जरिया है। स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी अस्पताल संचालन के लिए लेते है लाखों रूपये की सुविधा मनी इसलिए स्वास्थ्य विभाग ऐसे फर्जी अस्पताल पर विभागीय कार्यवाही करने से कतराता रहता है। बात करते हैं स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार सीएम व डिप्टी सीएम के आदेशों को ताख पर रखकर काम करते हैं। आये दिन मीडिया के माध्यम से खुलासा होने से अवैध अस्पतालों के मामले सामने आ रहे हैं लोग गलत इलाज के कारण मर रहे हैं। लेकिन विभाग आँख मूद कर सबकुछ देख रहा है और अनजान बनने की कोशिश कर रहा है। नाटक करे भी तो क्यों न करे जो इसके बदले में लाखों का माल हजम करना होता है स्वास्थ्य विभाग के कई कर्मचारी ऐसे है की जांच कराई जाये तो आय से अधिक संपत्ति के दायरे में आ जायेंगे। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक अवैध अस्पतालों व झोलाछापों के लिए जनपद में टीम गठित की गई थी। कहाँ गई स्वास्थ्य विभाग की टीम और कहां गया अभियान, सब ठंढे बस्ते में। महेवागंज कस्बे में हर रोज नये नये हास्पिटल खुल रहे हैं। मरीज लाने के लिए गाओं गाओं में दलाल लगाए जाते है जो लोगो को अस्पताल में मरीजों को भेजने का काम करते है इस गोरख धंधे में सफ़ेद कालर का भी पीछे से हाथ होता है। वैसे तो यहाँ बहुत से अवैध अस्पताल संचालित हैं। इस इलाके में अक्सर चीखपुकार लोग सुनते है कि अस्पताल में भर्ती कराया लाखों रूपये लग गए लेकिन जान नहीं बच पायी। आये दिन गलत इलाज से कई लोगों की मौतें हो चुकी हैं। लेकिन सीएचसी अधीक्षक के साये में अवैध अस्पताल लगातार संचालित हो रहा है लोगों के जीवन से खिलवाड़ भी किया जा रहा है। जिले का प्रशासन भी है जानबूझकर मौन।

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