‘महान दार्शनिक एवं क्रांति के महानायक थे संत सम्राट कबीर साहेब
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बाबूलाल राव,अनुपम कुमार राव,अवधेश,एडवोकेट अम्बरीष चन्द्र कुलदीप,पूनम,सुनीता, ममता, अमृता ,उर्मिला,सरिता,संगीता राव,चरणपता राव,तुलसी देवी,आदिल तलत,राधेश्याम सोनकर,शिवरतन मौर्य
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बहुजन इंडिया 24 न्यूज़ व बहुजन प्रेरणा दैनिक हिंदी समाचार पत्र (सम्पादक मुकेश भारती ) 9161507983
गोण्डा : (राम बहादुर मौर्य – ब्यूरो रिपोर्ट )

गोंडा,24 जून। ‘महान दार्शनिक एवं क्रांति के महानायक थे संत सम्राट कबीर साहेब। कबीर का मार्ग तथागत बुद्ध का ही मार्ग समता करुणा प्रज्ञा प्यार का मार्ग था जिसे कबीर वाणी के रूप में जाना जाते है। रूढियों के खिलाफ वैज्ञानिक,मानवतावादी,तर्कसंगत व मानव के कल्याण की वाणी थी। कबीर साहेब समता, स्वतंत्रता, बंधुता, मैत्री और न्याय के प्रबल हितैषी थे।कबीर साहेब में सबको समाहित करने की अद्भुत शक्ति व क्षमता थी क्योंकि उनके मन में प्रेम व मानवता की अनवरत शीतलधारा बहती थी।
कबीर साहेब नकद धर्म के प्रवर्तक थे यानि एक हाथ से दें और दूसरे हाथ से लें अर्थात् कर्मो का फल जीते जी धरती पर ही मिलेगा परलोक में नहीं। वे सच्चाई ईमानदारी के मार्ग दर्शक थे। वे किताबी ज्ञान को नहीं बल्कि प्रेम के सच्चे ज्ञान को ही पंडित मानते थे। अहंकार अज्ञानता का जनक है और प्रेम ज्ञान का। सहज साधना,सम्यक समाधि के कर्मप्रधान गुरू थे। दिखावा, जटा-दाढ़ी, छापा, तिलक, भभूत,हठयोग, कुंडलिनी जागरण, ज्योति दर्शन आदि ये सब भ्रम और भटकाव के मार्ग हैं मन पर नियंत्रण कर विकारों को दूर कर सुख शांति की साधना सर्वोपरि है। वे सामाजिक और वैचारिक क्रांति के महाप्राण थे। उनकी वाणी की स्पष्ट झलक दिखाई देता है-पोथी पढ़ पढ़ जुग मुआ पंडित भया न कोय। ढाई आखर प्रेम का पढ़े से पंडित होय।।,मल-मल धोएं शरीर को,धोएं न मन का मैल। नहाए गंगा गोमती,रहे बैल के बैल।। श्रमण संस्कृति के पुरोधा थे संत कबीर साहेब।’उक्त विचार मास संगठन के राष्ट्रीय संगठक ए.के.नंद ने कबीर साहेब के 623वें जन्मोत्सव पर लार्ड बुद्धा मेमोरियल स्कूल बड़गांव में व्यक्त किया। आरके राव ने कहा कि उनकी वाणी मानवता की पथप्रदर्शक थी। किशोरी लाल ने कहा कि कबीर की जीवन मानव कल्याण का प्रतीक है। अजय सरोज ने कहा कि कबीर का मार्गदर्शन सदैव प्रासंगिक रहेगा।

बीपी विवेक ने कहा कि कबीर साहेब एक युग महापुरुष थे। कंचन रानी राव ने कहा कि कबीर साहेब करूणा और मैत्री के प्रतीक थे। कार्यक्रम बुद्ध वंदना त्रिसरण पंचसील के साथ संचालन आरपी बौद्ध ने किया ।कार्यक्रम में बाबूलाल राव,अनुपम कुमार राव,अवधेश,एडवोकेट अम्बरीष चन्द्र कुलदीप,पूनम,सुनीता, ममता, अमृता ,उर्मिला,सरिता,संगीता राव,चरणपता राव,तुलसी देवी,आदिल तलत,राधेश्याम सोनकर,शिवरतन मौर्य आदि लोगों ने सहभाग किया।
राम बहादुर मौर्य बहुजन इंडिया 24 न्यूज़ गोंडा।
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