ये 7 आयुर्वेदिक सुपरफूड्स वायरल इंफेक्शन्स के मौसम में नैचुरल तरीके से बढ़ाएंगे इम्यूनिटी – बहुजन इंडिया 24 न्यूज

ये 7 आयुर्वेदिक सुपरफूड्स वायरल इंफेक्शन्स के मौसम में नैचुरल तरीके से बढ़ाएंगे इम्यूनिटी

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बहुजन इंडिया 24 न्यूज़ व बहुजन प्रेरणा दैनिक समाचार पत्र ( सम्पादक मुकेश भारती- सम्पर्क सूत्र 9161507983)
: ( – ब्यूरो रिपोर्ट ) दिनांक- 26 – अगस्त- 2021- गुरूवार

           ये 7 आयुर्वेदिक सुपरफूड्स वायरल इंफेक्शन्स के मौसम में नैचुरल तरीके से बढ़ाएंगे इम्यूनिटी
एक बार फिर साल का वो सीज़न का आ गया है जब वायरल बुख़ार, डेंगू, मलेरिया जैसी बीमारियों के मामले तेज़ी से बढ़ने शुरू हो जाते हैं। इन बीमारियों से बचने के लिए आपकी इम्यूनिटी मज़बूत होनी चाहिए। सही मायनों में इम्यूनिटी को मज़बूत बनाना मुश्किल काम नहीं है। आपको बस अनुशासन का पालन करना है और स्वस्थ भोजन खाना है। प्राकृतिक उत्पादों, मसालों, जड़ी-बूटियों से युक्त अच्छा आहार, साबुत अनाज, अच्छी नींद, और नियमित व्यायाम की मदद से आप कुछ ही समय में अपने आंतरिक सिस्टम को मज़बूत कर सकता है।
आंवला-ये छोटे से हरे फल विटामिन का सबसे समृद्ध स्रोत हैं, एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट है, जो प्राकृतिक तौर से शरीर की रक्षा प्रणाली को मज़बूत करने में मदद करते हैं। अध्ययनों से पता चलता है कि आंवले में संतरे की तुलना में 20 गुना अधिक विटामिन सी होता है, जो इसे हेल्दी फल बनाता है। इसके अलावा इसमें फोलेट, विटामिन-ए, कैल्शियम, कॉपर और ज़िंक भी होता है। आंवला खाने से इम्यूनिटी को बढ़ावा मिलता है, कोलोन साफ होता है, शरीर से टॉक्सिन्स निकलते हैं, त्वचा साफ होती है, बालों का गिरना कम होता है और एक्ने की समस्या दूर होती है। आप आंवले को फल के तौर पर खा सकते हैं, या फिर इसमें थोड़ा पानी मिलाकर इसका जूस तैयार कर सकते हैं।
खजूर-पके या सूखे खजूर विटामिन-सी और आयरन का एक उत्कृष्ट स्रोत है। विटामिन-सी सांस से जुड़ी समस्याओं को कम करने में मदद करता है, जबकि आयरन आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को कुशलता से काम करने में मदद करता है। दिन में 2-3 खजूर खाना सेहतमंद रहने के लिए काफी है। आप इसे चीनी की जगह भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
घी-अगर आपको लगता है कि घी खाने से मोटापा आता है, तो आप ग़लत हैं। घी बेहद पौष्टिक होता है और आपके इम्यून सिस्टम को सपोर्ट करके आपको स्वस्थ रहने में मदद करता है। यह विटामिन ए, के, ई, ओमेगा -3 और ओमेगा 9 आवश्यक फैटी एसिड जैसे पोषक तत्वों से भरा हुआ होता है। अपनी खाने में रोज़ाना कम से कम एक चम्मच घी को ज़रूर शामिल करें।
गुड़ -चीनी की जगह अगर आप गुड़ का इस्तेमाल करते हैं, तो आपको कई तरह से स्वास्थ्य लाभ मिलेगा। गुड़ और चीनी में कैलोरी एक जैसी होती है, लेकिन चीनी में पोषक तत्व नहीं होते। गुड़ एंटी-ऑक्सीडेंट्स और ज़िंक और सेलेनियम जैसे खनीज पदार्थों से भरपूर होता है। यह खनीज कई तरह के संक्रमणों से लड़ते हैं और इम्यूनिटी को मज़बूत बनाते हैं। इसमें आयरन, मैगनीशियम और पोटैशियम भी होता है। गुड़ आपके श्वसन प्रणाली को भी साफ करने में भी मददगार साबित हो सकता है।
तुलसी के पत्ते -विज्ञान और आयुर्वेद दोनों में तुलसी को बेहद फायदेमंद माना गया है। भारत में आपको तुलसी का पौधा हर घर में मिल जाएगा। इसमें फाइटोकेमिकल्स, फ्लेवोनोइड्स, और एंटीऑक्सिडेंट यौगिक, जैसे कि रोस्मारिनिक एसिड होते हैं, जो साथ मिलकर संक्रमण का उपचार करते हैं और श्वसन प्रणाली और इम्यून सिस्टम को मज़बूत बनाते हैं। तुलसी की पत्तियां विटामिन-ए, सी, के, कैल्शियम, मैग्नीशियम, फास्फोरस, आयरन और पोटैशियम जैसे खनिजों में भी समृद्ध होती हैं। आप रोज़ सुबह नाश्ते से पहले तुलसी के कुछ पत्तों को चबा सकते हैं।
हल्दी -यह पीला मसाला अपने एंटी-इंफ्लामेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुणों के लिए जाना जाता है। हल्दी में मुख्य यौगिक करक्यूमिन है, जो इसके अधिकांश शक्तिशाली स्वास्थ्य लाभों के लिए ज़िम्मेदार है। यह आपके श्वसन तंत्र को शुद्ध करने, पाचन में सुधार, कैंसर को रोकने, वजन घटाने को बढ़ावा देने और घावों को भरने में मदद कर सकता है। इसके अलावा हल्दी आयरन, तांबा, मैंगनीज, जस्ता, फास्फोरस, और विटामिन ए, सी, ई, के जैसे पोषक तत्वों से भी भरपूर होती है। इनकी मदद से हल्दी शरीर को मुक्त कणों से होने वाले नुकसान से भी बचा सकती है।
अदरक -अदरक एक सुपरफूड है, जो मतली, सर्दी, फ्लू और खांसी सहित कई बीमारियों से राहत दिलाने में मदद कर सकता है। इस जड़ के एंटी-इंफ्लामेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण प्रतिरक्षा स्वास्थ्य को बढ़ावा दे सकते हैं और शरीर में तीव्र सूजन को कम कर सकते हैं। अदरक विटामिन ए, के, कॉपर, आयरन और मैग्नीशियम से भी भरपूर होता है। शहद के साथ अगर आप अदरक का रस पीते हैं, तो इससे पाचन को बढ़ावा मिलता है, सर्दी से लड़ता है, पेट के कैंसर को रोकता है और संक्रमण को ठीक करता है।


परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

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