अयोध्या सामुदायिक शौचालय निर्माण में गड़बड़झाला अब तक 80 प्रतिशत शौचालय अधूरे फिर कैसे हो गया करोड़ों का भुगतान – बहुजन इंडिया 24 न्यूज

अयोध्या सामुदायिक शौचालय निर्माण में गड़बड़झाला अब तक 80 प्रतिशत शौचालय अधूरे फिर कैसे हो गया करोड़ों का भुगतान

1 min read
😊 Please Share This News 😊

बहुजन इंडिया 24 न्यूज़ व बहुजन प्रेरणा दैनिक समाचार पत्र ( सम्पादक मुकेश भारती- सम्पर्क सूत्र 9161507983)
अयोध्या : ( गोपी नाथ रावत – ब्यूरो रिपोर्ट ) दिनांक- 31 – अगस्त- 2021- मंगलवार


अयोध्या सामुदायिक शौचालय निर्माण में गड़बड़झाला अब तक 80 प्रतिशत शौचालय अधूरे फिर कैसे हो गया करोड़ों का भुगतान

 

सामुदायिक शौचालय निर्माण में गड़बड़झाला अब तक 80 प्रतिशत शौचालय अधूरे फिर कैसे हो गया करोड़ों का भुगतान अमानीगंज -अयोध्या अयोध्या जनपद में बनाये गए सामुदायिक शौचालयों में करोड़ों रुपये का गड़बड़झाला प्रकाश में आया है सबसे बड़ी विडंबना तो यह है कि अब तक 80% से अधिक शौचालय कंप्लीट ही नहीं है जबकि वहां 3 महीने का मानदेय और रखरखाव का खर्चा नियुक्त किए गए कर्मचारियों को दे दिया गया है मीडिया में खबरें आने के बाद प्रशासन ने आनन-फानन में शौचालयों को फिर से ठीक करवाने का काम शुरू किया है लेकिन जनता की गाढ़ी कमाई का पैसा बंदरबांट करने वाले प्रशासनिक कर्मचारियों के ऊपर इस मामले में क्या कार्रवाई होती है यह देखने वाली बात होगी! ग्राम पंचायत चुनाव की घोषणा के बाद से पंचायत चुनाव संपन्न होने के बीच बड़े पैमाने पर सामुदायिक शौचालयों का निर्माण कार्य जारी रहा जिसके बाद बैंक डेट में प्रस्ताव पास कराकर गांव में बनाये गये स्वयं सहायता समूह के माध्यम से शौचालयों के रखरखाव और साफ सफाई के लिए ₹6000 मासिक पर कर्मचारियों की नियुक्ति कर दी गई इन महिला कर्मचारियों को ₹3000 शौचालय में सामग्री खरीद के लिए भी दिया जा रहा है सभी महिला कर्मचारियों को 3 महीने का मानदेय एवं रखरखाव के लिए ₹9000 कुल मिलाकर ₹27000 का भुगतान स्वयं सहायता समूह को कर दिया गया है इस मामले में हमारे प्रतिनिधि द्वारा गांव में सत्यापन किया गया तो विभिन्न गांव में शौचालय बंद पड़े मिले या तो उनमें मेंटेनेंस अपूर्ण था वह काम होते हुए देखा गया अमानीगंज विकासखंड के ग्राम पंचायत बकौली, बकचुना, झबरा, तालढोली, कंदईकला , रायपट्टी विनायकपुर ,रामनगर अमावा सूफी, जगदीश, इब्राहिमपुर राजा का पुरवा, ओरवा, इछोंई, जगदीशपुर, गद्दौपुर की दुर्दशा देखने लायक नहीं है ग्रामीणों का कहना है कि अब तक किसी भी शौचालय में गांव का कोई व्यक्ति शौच करने के लिए नहीं गया है ग्राम पंचायत गद्दौपुर में महापुरुष स्थल के पास बने शौचालय पर निर्माण कार्य होता दिखाई पड़ा यहां पहुंचने पर गांव की महिलाओं ने बताया कि अब तक इस शौचालय में कोई नहीं गया है उन्हें इस बात की भी जानकारी नहीं है कि यहां 3 महीने से महिला कर्मचारी की नियुक्ति है और उसके रखरखाव के लिए भी सरकार सामग्री के मद में उसे भुगतान कर रही है ग्राम पंचायत जगदीशपुर में शौचालय में ताला बंद मिला और वहां पर शौचालय पर डाली गई छत टपकती हुई मिली शौचालय के लिए बनाये गए गड्ढे बरसात में धराशाई हो गए हैं और वे धंस गएहैं ग्राम पंचायत के प्रधान मोहम्मद अंसार ने बताया कि पूर्व प्रधान सुखराम गौतम की पत्नी श्यामा देवी शौचालय के रखरखाव के लिए नियुक्त है लेकिन ग्रामीणों ने बताया कि वह कभी शौचालय तक नहीं आती हैं और यह शौचालय पूर्ण रूप से अपूर्ण है तो उनके आने का कोई औचित्य भी नहीं है इस संबंध में जब अमानीगंज के एडीओ पंचायत शिव कुमार चौबे व ग्राम पंचायत विकास अधिकारी हरेंद्र सिंह से पूछा गया तो उनका कहना था कि तत्कालीन ग्राम पंचायत विकास अधिकारी राजेंद्र यादव को नोटिस जारी कर दी गई है और शौचालय निर्माण का ₹29000 रोक दिया गया है जिससे शौचालय का बाकी काम करवाया जाएगा लाख टके का प्रश्न है कि जब शौचालय का निर्माण भी अधूरा है तो आखिर 3 महीने का मानदेय और रखरखाव का पैसा ग्राम पंचायतों में नियुक्त महिला कर्मचारियों के लिए क्यों जारी कर दिया गया है आपको बताते चलें कि जिलाधिकारी अयोध्या अनुज कुमार झा ने जिले के समस्त ग्राम पंचायत विकास अधिकारियों एवं खंड विकास अधिकारियों की बैठक में शौचालयों के अधूरे निर्माण की समीक्षा की थी जिसके बाद विकासखंड मुख्यालयों पर हड़कंप मचा हुआ है और ग्राम पंचायत विकास अधिकारी किसी तरह से एन केन प्रकारेण शौचालयों के अधूरे काम को पूरा करवा रहे हैं सबसे खास बात यह है कि जो ग्राम पंचायत विकास अधिकारी स्थानांतरित हो गए हैं उनके गांव में बने शौचालयों को पूरा कराने में प्रशासन को नाको चने चबाने पड़ रहे हैं और तमाम जगहों पर नोटिस जारी की जा रही है देखना होगा कि प्रशासन इस मामले में जिम्मेदार कर्मचारियों के ऊपर क्या कार्यवाही करता है पूर्व में यह भी बताया गया था कि इन शौचालयों के निर्माण के लिए टेंडर प्रक्रिया अपनाई गई थी और ठेकेदार इस कार्य को करवाने के लिए नियुक्त किए गए गए थे लेकिन अब ग्राम पंचायत विकास अधिकारियों को नोटिस जारी कर के निर्माण कार्य को पूरा करवाने का कार्य किया जा रहा है इससे ग्राम पंचायत विकास अधिकारियों एवं पूर्व प्रधानों की मिलीभगत की पोल अपने आप में खुल रही हैं।

व्हाट्सप्प आइकान को दबा कर इस खबर को शेयर जरूर करें 

स्वतंत्र और सच्ची पत्रकारिता के लिए ज़रूरी है कि वो कॉरपोरेट और राजनैतिक नियंत्रण से मुक्त हो। ऐसा तभी संभव है जब जनता आगे आए और सहयोग करे

Donate Now

[responsive-slider id=1466]
error: Content is protected !!