अंतिम मुग़ल बादशाह खुद्दार बहादुरशाह ज़फर की पुण्य-तिथि 07 – नवंबर – 1862
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बहुजन इंडिया 24 न्यूज़ व बहुजन प्रेरणा दैनिक समाचार पत्र ( सम्पादक मुकेश भारती- सम्पर्क सूत्र 9336114041 )
लखीमपुर खीरी : ( मुकेश भारती – ब्यूरो रिपोर्ट ) दिनांक- 10 – नवंबर – 2021-मंगलवार ।
लखीमपुर खीरी : ( मुकेश भारती – ब्यूरो रिपोर्ट ) दिनांक- 10 – नवंबर – 2021-मंगलवार ।
07 – नवंबर – 1862 को अंतिम मुग़ल बादशाह खुद्दार बहादुरशाह ज़फर की पुण्य-तिथि थी…..
07 – नवंबर – 1862 के ही दिन 1862 में उन्होंने वतन से दूर अंग्रेजों की कैद में रंगून में आख़िरी सांस ली-
“कितना बदनसीब है ज़फर दफ़्न के लिए,
दो ग़ज़ ज़मीन भी न मिली कू ए यार में ।।
1857 की क्रांति के बाद अंग्रेज़ सेनानायक हडसन ने 87 साल के बूढ़े क़ैदी …..और भारतीय क्रांतिकारियों के कमांडर बहादुर शाह ज़फर को सुर्ख़ कपड़े से ढंकी एक थाल भेंट करते हुए कहा……..सरकार बहादुर ने आपके लिए तोहफ़ा भेजा है…..
ज़फर ने थाल के ऊपर ढँका कपड़ा हटा कर देखा…….उसमें उसके तीन ज़वान बेटों के खून से सने कटे हुए सर रखे थे…….
वयोवृद्ध ज़फर ने आहिस्ता से उसे वापस ढँका ……
और हडसन की आंख में आंख डालकर कहा-“मुग़ल शहज़ादे इसी तरह सुर्खरू होकर अपने वालिद के सामने आते हैं”…..
अफ़सोस राष्ट्रवाद का दम भरने वाले किसी संगठन,किसी लीडर ने उन्हें कल श्रद्धांजलि देना मुनासिब नहीं समझा….. किसी ने उन्हे याद नही किया… पूरा दिन इंतज़ार किया मैंने…..खैर….
ज़फर आपकी ख़ुद्दारी,आपकी वतनपरस्ती पर हमें नाज़ है…..
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विलोचापुर लखीमपुर खीरी में बौद्ध कथा संम्पन
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