karlmax:कार्ल मार्क्स की क्रांति
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कार्ल मार्क्स की क्रांति
कार्ल मार्क्स का मुख्य सिद्धांत यह है कि समाज में हमेशा दो मुख्य वर्ग होते हैं: पूंजीपति वर्ग (उत्पादन के साधनों का मालिक) और सर्वहारा वर्ग (मजदूर)। इन दोनों वर्गों के बीच निरंतर संघर्ष होता है, जो अंततः एक क्रांतिकारी परिवर्तन की ओर ले जाता है। इस क्रांति का लक्ष्य वर्गहीन और समाजवादी समाज की स्थापना करना है, जो ज़ार जैसे पूंजीवादी शासन को उखाड़ फेंके और समानता पर आधारित हो।
क्रांति का सिद्धांत
वर्ग संघर्ष: मार्क्सवाद के अनुसार, समाज का इतिहास वर्ग संघर्ष का इतिहास है। पूंजीपति वर्ग गरीब मजदूरों का शोषण करता है, जिससे दोनों वर्गों के बीच संघर्ष होता है।
क्रांतिकारी स्थिति: जब पूंजीपतियों के शोषण के कारण मजदूर वर्ग बहुत असंतुष्ट हो जाता है, तो एक क्रांतिकारी स्थिति बनती है। 1917 की रूसी क्रांति में भी ऐसी स्थिति थी, जहाँ मजदूरों और किसानों की हालत खराब थी।
समाजवादी समाज: क्रांति के बाद, मजदूरों का शासन स्थापित होगा और एक समाजवादी समाज का निर्माण होगा, जिसमें उत्पादन के साधनों पर राज्य का नियंत्रण होगा। धीरे-धीरे, वर्ग विभाजन समाप्त हो जाएगा और सभी मिलकर काम करेंगे।
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