स्वामी रामभद्राचार्य द्वारा तथागत बुद्ध पर टिप्पणी किये जाने के विरोध में दिया गया ज्ञापन
1 min read
😊 Please Share This News 😊
|
बलरामपुर : संवाददाता : बौद्ध अनुयायियों ने विरोध प्रदर्शन कर शासन-प्रशासन से किया विधिक कार्यवाही की माँग मामला जनपद बलरामपुर के तहसील उतरौला में तथागत बुद्ध पर आपत्तिजनक टिप्पणी किये जाने के विरोध में बौद्ध अनुयायियों ने प्रदर्शन कर उपजिलाधिकारी उतरौला को एक ज्ञापन सौंपा और राष्ट्रपति से कड़ी कार्यवाही किये जाने की माँग की है।
श्री रामलखन शिक्षा निकेतन मीरपुर (बुद्ध नगर), सादुलल्लाह नगर, जनपद- बलरामपुर के प्रबन्धक एवं वरिष्ठ समाजसेवी कार्यकर्ता/बौद्ध अनुयायी सियाराम सरोज की अगुवाई में लोगों ने ज्ञापन सौंपा। सियाराम सरोज ने बताया कि छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर में हैप्पीनेस सेन्टर उदघाटन के दौरान दिव्यांग विश्वविद्यालय चित्रकूट के कुलाधिपति, पदमविभूषण स्वामी रामभद्राचार्य ने विश्वगुरु तथागत बुद्ध के बारे में अपमानजनक व बहुत ही लज्जापूर्ण बातें कहीं। और उनकी लज्जाजनक टिप्पणी से समाज में काफी रोष व्याप्त है। संसार के अधिकांश देशों में तथागत बुद्ध को विश्वगुरु माना जाता है। उनके पंचशील सिद्धांत पूरी दुनिया में अपनाएं जा रहें हैं तथा अधिकांश देशों के संविधान में निहित हैं। दुनिया के कई देशों में तथागत बुद्ध के कई करोड़ों अनुयायी हैं। पूरी दुनिया में पैदल चलकर लोगों में प्रज्ञा, प्यार, करुणा, मैत्री एवं शान्ति का सन्देश देने वाले तथागत बुद्ध के अपने ही देश के लोग उनके बारे में टिप्पणी करें, यह कदापि उचित नहीं है। सियाराम सरोज की अगुवाई में बौद्ध अनुयायियों ने स्वामी रामभद्राचार्य पर विधिक कार्यवाही होने की माँग की।
इनके साथ एकराम एडवोकेट, जयकरन भारती एडवोकेट, देवेन्द्र कुमार एडवोकेट, योगेन्द्र कुमार एडवोकेट, जैसराम गौतम, जयराम गौतम, केशवराम गौतम, बी०पी० बौद्ध, जोगीराम अकेला, राजेश कुमार, महेश प्रसाद भारती, आशीष कुमार राव, परशुराम बौद्ध, राजकुमार, राजेन्द्र प्रसाद, रामसिंह मास्टर, हरदयाल, राम अभिलाख मौर्य, तालुकदार मौर्या, संतराम, गुरुप्रसाद मौर्य, सुनील कुमार कनौजिया, संतराम मौर्य, उत्तम प्रसाद, बिजय बहादुर, दयाराम भारती, देशराज, दुखीराम बौद्ध आदि लोग उपस्थित रहे।
व्हाट्सप्प आइकान को दबा कर इस खबर को शेयर जरूर करें |