डाॅ बाबासाहेब आंबेडकर यांचा परिनिर्वाण दिनाने निर्वाण कार्यक्रम – बहुजन इंडिया 24 न्यूज

डाॅ बाबासाहेब आंबेडकर यांचा परिनिर्वाण दिनाने निर्वाण कार्यक्रम

1 min read
😊 Please Share This News 😊
डाॅ बाबासाहेब आंबेडकर यांचा परिनिर्वाण दिनाने निर्वाण कार्यक्रम
Dt-06-12-2021

बसपा चोपडा विधानसभा तफेॅ जागतिक द्मानाचे प्रतिक विश्वरत्न भारतत्न बोधीसत्व भारतीय राज्यघटनेचे शिल्पकार डाॅ बाबासाहेब आंबेडकर यांचा परिनिर्वाण दिनाने निर्वाण कार्यक्रम व मानवंदना देण्यात आली . बहुजन समाज पाटीॅ जिल्हा प्रभारी युवराज बारेला जी व चोपडा विधानसभा अध्यक्ष सचिन बाविस्कर जी यांचा अध्यक्षतेखाली

मसीहा भारत रत्न परम पूज्य बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर जी के परिनिर्वाण दिवस पर कोटि-कोटि नमन
मसीहा भारत रत्न परम पूज्य बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर जी के परिनिर्वाण दिवस पर कोटि-कोटि नमन

आज दिनांक ६ डिसेंबर महामानव डाॅ बाबासाहेब आंबेडकर यांचा महापरिनिर्वाण दिनाने निर्वाण दिवसाचा कार्यक्रम घेण्यात आला.तसेच पुष्पहार अर्पण करून मानवंदना देण्यात आली . तसेच येणार्‍या आगामी नगर परिषद ,पंचायत समिती Bahujan News Logo,जिल्हा परिषद निवडनुका बसपा स्वबळाने लढणार आहे. व बसपा तफेॅ संपूर्ण चोपडा विधानसभा मध्ये संवाद यात्रा देखील सुरू करण्यांत आली आहे ह्या यात्रेला चांगलाच प्रदिसाद मिळत आहे व ह्य यात्रेमुळे निवडणुकी मध्ये देखील

Maharashtra
Maharashtra: Sachin Bhaviskar

फायदा झाल्या शिवाय राहणार नाही , तसेच ह्या प्रसंगी कोरोणा महामारीवरती प्रतीबंध घालण्याचा दृष्टीने मास्क देघील वाटप करण्यांत आले व कोरोणा नियमाचे पालण करण्यांत यावे हे देखील सुचित करण्यांत आले. ह्या वेळी बीव्हीफ जिल्हा संयोजक अनिल वाडे जी , विधानसभा प्रभारी ऍड विलास बाविस्कर जी विधानसभा उप अध्यक्ष ईरफान तडवी जी, जी वरिष्ठ कार्यकर्ता संजय अहिरे जी , विधानसभा बीव्हीफ संयोजक विजय रुपवते जी ,बीव्हीफ संयोजक तुषार शिरसाठ जी, कोषाध्यक्ष धर्मा सोनवणे जी शहर अध्यक्ष रुपचंद भालेराव जी ,मिलींद सोनवणे जी , पंकज सोनवणे जी, व इतर कार्यकर्ता व समाज बाधंव उपस्थित होते


बाबा साहेब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी का भारत विकास में योगदान Bahujan News Logo

भारत को संविधान देने वाले, सिम्बल ऑफ नॉलेज,शोषितो ,दलितों ,पीड़ितों ,अछूतों और पिछड़ों को बराबरी का हक़ अधिकार दिलाने वाले परम पूज्य बाबा साहेब का जन्म 14 अप्रैल 1891 में मध्य प्रदेश के एक छोटे से गांव मऊ की छावनी में हुआ था इनके पिता का नाम रामजी मालोजी सकपाल और माता का नाम भीमाबाई था अपने माता पिता की 14 वीं संतान थे जन्म से ही प्रतिभा संपन्न थे। बाबा साहेब के बचपन का नाम रामजी सकपाल था बाबा साहेब के पूर्वज लम्बे समय से ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की सेना में कार्यरत थे उनके पिता ब्रिटिश सेना की मऊ छावनी में कार्यरत थे बाबा साहेब के पिता जी अपने बच्चों को शिक्षा देने पर जोर देते थे।

bahujanindia24newsmukesh bharti Photo
Mukesh Bharti: Chief Editor-बहुजन इंडिया 24 न्यूज़  Dt-06-12-2021

Dt-06-12-2021 भारत को संविधान देने वाले, सिम्बल ऑफ नॉलेज,शोषितो ,दलितों ,पीड़ितों ,अछूतों और पिछड़ों को बराबरी का हक़ अधिकार दिलाने वाले परम पूज्य बाबा साहेब का जन्म 14 अप्रैल 1891 में मध्य प्रदेश के एक छोटे से गांव मऊ की छावनी में हुआ था इनके पिता का नाम रामजी मालोजी सकपाल और माता का नाम भीमाबाई था अपने माता पिता की 14 वीं संतान थे जन्म से ही प्रतिभा संपन्न थे। बाबा साहेब के बचपन का नाम रामजी सकपाल था बाबा साहेब के पूर्वज लम्बे समय से ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की सेना में कार्यरत थे उनके पिता ब्रिटिश सेना की मऊ छावनी में कार्यरत थे बाबा साहेब के पिता जी अपने बच्चों को शिक्षा देने पर जोर देते थे। 1894 में बाबा साहेब के पिता जी ब्रिटिश सेना से रिटायर्ड हो गए और उसके दो साल बाद उनकी माँ का देहांत हो गया था। उनकी देखभाल उनकी चची ने कठिन परिस्थितियों में की।राम जी मालो जी सकपाल के 14 संतानों में केवल तीन बेटे बलराम आनंद राव ,भीम राव और दो बेटियां मंजुला और तुलसा ही जीवित रह पायी थी। अपने

baba saheb 6 dec2021
Baba Saheb Dr. Bheemrao Ambedkar Ji

सभी भाई बहनो में केवल बाबा साहेब ही हाईस्कूल की परीक्षा पास कर पाए थे इसके बाद बड़े स्कूल में दाखिला लेने में सफल हो पाए थे।Bahujan News Logo बाबा साहेब के जन्म महार जाती में हुआ था जो मनु स्मृति के हिसाब से अछूत और निचली जाती मानी जाती थी। उस समय महार जाती के साथ ब्राह्मणी व्यवस्था के अनुसार बहुत ही भेदभाव किया जाता था। बचपन में स्कूल के अंदर ब्राह्मण के बच्चे उनको पढ़ने के लिए नहीं बैठने देते थे तो बाबा साहेब स्कूल के पीछे बैठकर पढ़ते थे। उस समय अछूतों महारों को पड़ने लिखने का संविधानिक अधिकार नहीं था।ब्राह्मण लोग बहुत विरोध करते थे लेकिन अंग्रेजो ने उनको पढ़ने का अधिकार स्पेशल तौर पर सेना की तरफ से दिया गया था .उस समय अछूत लोग एक बर्तन से पानी नहीं पी सकते थे यही नहीं एक साथ बैठ भी नहीं सकते थे। एक गाड़ी में सवारी नहीं कर सकते थे। महार जाती का मुँह देखना ब्राह्मण जाती के लोग पाप समझते थे। बाबा साहेब अपनी प्रारम्भिक शिक्षा मऊ छावनी में हुयी। विदेश से शिक्षा प्राप्त करने के बाद जब भारत वापस आये तो बड़ौदा के महाराज के पास नौकरी की उसके बाद 8 अगस्त 1930 को गोलमेज सम्मलेन में भाग लिया और और अपनी राजनैतिक दृष्टि को दुनिया के सामने रखा जिसके अनुसार शोषित वर्ग की सुरक्षा हक़ अधिकार की मांग पूरजोर की गुलाम भारत में 1942 में कानून मंत्री बने और आजाद भारत में भी कानून मंत्री बने। अपने जीवन के अंतिम छड़ तक दलितों शोषितों और बंचितों के हक़ और अधिकार के लिए लड़ते लड़ते महापरिनिर्वाण को प्राप्त हुये।Bahujan News Logo
बाबा साहेब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर द्वारा संविधान के अनुच्छेद के पालन और दिए गये भारत के नागरिको को संविधानिक अधिकारों को लेकर बड़ी चिन्ता थी उन्होंने संविधान बनाने में बड़ी ही निष्ठा के साथ काम किया था पूरी कोशिश की थी की भारत के प्रत्येक व्यक्ति को मनुष्यता का जीवन जीने में सभी मूल अधिकार मिल सके। संविधान के सभी 22 भागों को बड़ी ही तन्मयता के साथ और दूरदर्शिता के साथ बनाया था। उनको मालूम था की इस देश का शासक वर्ग भारत में निवास करने वेक नीचले तबके को हक़ अधिकार नहीं देता है उसको गुलाम बना कर रखता है ऐसी मानसिकता से ग्रषित लोगो को अपने सम्बोधनों में मनुवादी कहते थे। लोगो को जीने का हक़ अधिकार मिल सके और महिलाओं को भी समानता का अधिकार मिल सके इस लिए बाबा साहेब डॉ भीम राव अम्बेकर ने भारतीय संविधान के प्रस्तावना के साथ साथ संविधान के भाग तीन में भारत लोगो को समानता का अधिकार ,समता का अधिकार ,शिक्षा का अधिकार , सम्पति रखने का अधिकार , अभिव्यक्ति का अधिकार ,धर्म और उपासना का अधिकार , भारत के अंदर किसी भूभाग पर बस जाने का अधिकार को मौलिक अधिकर मि श्रेणी में रखा। उनकी इसी सोच और हार्दिक इच्छा की बजह से भारत के अंदर रहने वाले दलित शोसित बंचित को हक़ और अधिकार मिल पाना संभव हो सका। समाज में समता स्थापित हो सके इस लिए उन्होंने विकास की मुख्या धारा में लाने के लिए गरीबों और मजलूमों को संविधान में आरक्षण की व्यवस्था की। देश व समाज की सेवाओं में बहुत बड़ा योगदान दिया।Bahujan News Logo देश में सभी पर कानून का राज हो इस पर बहुत बल दिया और देश की एकता और अखंडता पर कोई खतरा न हो ऐसा संविधान में प्रयोजन किया। देश में आर्थिक व्यवस्था सही ढंग से चल सके इस लिए भारत में रिज़र्व बैंक बनाने का सुझाव का भी श्रेय बाबा साहेब डॉ भीम राव आंबेडकर को जाता है।अनेक कार्यों का अनेक आयाम है लेकिन संविधान निर्माण के वक्त उनकी प्रारूप समिति के अध्यक्ष के तौर पर निभाई गई जिस भूमिका ने उन्हें संविधान निर्माता बना दिया वह इस अर्थ में अनमोल है कि आज हम अपनी राजनीति में नियमों ,नीतियों, सिद्धांतों, नैतिकता और चरित्र के जिन निजी स्वार्थ के चककर में भूल गए की हैं उनकी सोच में दूरदर्शिता नहीं होती तो आज भी एक वर्ग अमीरों का गुलाम होता।


Bahujan Songs:—–

 

व्हाट्सप्प आइकान को दबा कर इस खबर को शेयर जरूर करें 

स्वतंत्र और सच्ची पत्रकारिता के लिए ज़रूरी है कि वो कॉरपोरेट और राजनैतिक नियंत्रण से मुक्त हो। ऐसा तभी संभव है जब जनता आगे आए और सहयोग करे

Donate Now

[responsive-slider id=1466]
error: Content is protected !!