क्यों गफलत में घूंम रहा
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बहुजन इंडिया 24 न्यूज़ व बहुजन प्रेरणा दैनिक समाचार पत्र (संपादक मुकेश भारती -9161507983 )
क्यों गफलत में घूंम रहा
– के पी मौर्य
समता, करुणा और त्याग
भूल गया सारा जग
उगल रहा है आग
लोभ-मोह अनुराग
मनुष्य नित रूप बदलता है
दुष्कर्मों को भूल नित आनन्दित रहता है
करता कुछ और वह कुछ कहता है
भारतभूमि पर अब बुद्ध न आने वाले
वाणी है अमर कितने हैं अपनाने वाले
बुद्ध पूर्णिया आई है
कोरोना महामारी छाई है
कुछ मौत के मातम में डूब रहे
कुछ लालच में सब भूल रहे
आपदा का अवसर सम्मुख है
हां कमाई का जरिया प्रमुख है
राजनीति करने वाले भी
कब मौका ऐसा जाने देंगे
उल्लू सीधा करने वाले
बस अपनी कुर्सी पा लेंगे
ऐसे कालखंड में हमको
भगवान बुद्ध ही राह दिखाएंगे
रूखा-सूखा मिल जाए बस हम
उससे ही काम चला लेंगे
मानव की सेवा में हो मगन
मन हर्षित हो गा उठता है
बुद्धपूर्णिमा का अवसर है
करुणा का भाव उमड़ता है
तुम साथ चलो तो अच्छा है
अपना दिल तो बच्चा है
बुधं सरणं गच्छामि
मन ही मन में गूंज रहा
झूठी शान छोड़ आज से
क्यों गफलत में घूंम रहा।
( 26.05.2021)
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