Reserve Bank of India : भारतीय रिज़र्व बैंक की स्थापना 1 अप्रैल 1935 को हुई थी
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Reserve Bank of India भारतीय रिज़र्व बैंक की स्थापना 1 अप्रैल 1935 को हुई थी
भारतीय रिज़र्व बैंक की स्थापना भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 के प्रावधानों के अनुसार 1 अप्रैल, 1935 को हुई। रिज़र्व बैंक का केंद्रीय कार्यालय प्रारंभ में कोलकाता में स्थपित किया गया था जिसे 1937 में स्थायी रूप से मुंबई में स्थानांतरित किया गया। भारतीय रिजर्व बैंक, अंग्रेज़ी: Reserve Bank of India, भारत का केन्द्रीय बैंक है। यह भारत के सभी बैंकों का संचालक है। रिज़र्व बैक भारत की अर्थव्यवस्था को नियन्त्रित करता है। इस बैंक के संस्थापकों में डॉ॰ भीमराव अम्बेडकर भी थे।इसकी स्थापना 1 अप्रैल सन् 1935 को रिज़र्व बैंक ऑफ़ इण्डिया ऐक्ट 1934 के अनुसार हुई। भारत के अर्थतज्ञ बाबासाहेब आम्बेडकर ने भारतीय रिज़र्व बैंक की स्थापना में अहम भूमिका निभाई हैं, उनके द्वारा प्रदान किये गए दिशा-निर्देशों या निर्देशक सिद्धान्त के आधार पर भारतीय रिज़र्व बैंक बनाई गई थी।
बहुजन इंडिया 24 न्यूज़ व बहुजन प्रेरणा दैनिक समाचार पत्र (सम्पादक मुकेश भारती ) मो ० 9336114041 )Lakhimpur ( संदीपा राय – ब्यूरो रिपोर्ट )- दिनांक 1 अप्रैल 2022-शुक्रवार ।
बैंक कि कार्यपद्धती या काम करने शैली और उसका दृष्टिकोण बाबासाहेब ने हिल्टन यंग कमीशन के सामने रखा था, जब 1926 में ये कमीशन भारत में रॉयल कमीशन ऑन इण्डियन करेंसी एण्ड फाइनेंस के नाम से आया था तब इसके सभी सदस्यों ने बाबासाहेब ने लिखे हुए ग्रन्थ दी प्राब्लम ऑफ़ दी रुपी – इट्स ओरीजन एण्ड इट्स सोल्यूशन (रुपया की समस्या – इसके मूल और इसके समाधान) की जोरदार वकालात की, उसकी पृष्टि की। ब्रिटिशों की वैधानिक सभा (लेसिजलेटिव असेम्बली) ने इसे कानून का स्वरूप देते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम 1934 का नाम दिया गया।[4][5][6] प्रारम्भ में इसका केन्द्रीय कार्यालय कोलकाता में था जो सन् 1937 में मुम्बई आ गया। पहले यह एक निजी बैंक था किन्तु सन 1949 से यह भारत सरकार का उपक्रम बन गया है। शक्तिकांत दास भारतीय रिजर्व बैंक के वर्तमान गवर्नर हैं, जिन्होंने 11 सितम्बर 2018 को पदभार ग्रहण किया। पूरे भारत में रिज़र्व बैंक के कुल 29 क्षेत्रीय कार्यालय हैं जिनमें से अधिकांश राज्यों की राजधानियों में स्थित हैं। मुद्रा परिचालन एवं काले धन की दोषपूर्ण अर्थव्यवस्था को नियन्त्रित करने के लिये रिज़र्व बैंक ऑफ़ इण्डिया ने 31 मार्च 2014 तक सन् 2005 से पूर्व जारी किये गये सभी सरकारी नोटों को वापस लेने का निर्णय लिया है। भारतीय रिज़र्व बैंक की स्थापना भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम 1934 के प्रावधानों के अनुसार 1 अप्रैल 1935 को हुई थी।रिज़र्व बैंक का केन्द्रीय कार्यालय प्रारम्भ में कलकत्ता में स्थापित किया गया था जिसे 1937 में स्थायी रूप से बम्बई में स्थानान्तरित कर दिया गया। केन्द्रीय कार्यालय वह कार्यालय है जहाँ गवर्नर बैठते हैं और नीतियाँ निर्धारित की जाती हैं। यद्यपि ब्रिटिश राज के दौरान प्रारम्भ में यह निजी स्वामित्व वाला बैंक हुआ करता था परन्तु स्वतन्त्र भारत में 1 जनवरी 1949 में इसका राष्ट्रीयकरण कर दिया गया। उसके बाद से इस पर भारत सरकार का पूर्ण स्वामित्व है।बैंक नोटों के निर्गम को नियन्त्रित करना, भारत में मौद्रिक स्थायित्व प्राप्त करने की दृष्टि से प्रारक्षित निधि रखना और सामान्यत: देश के हित में मुद्रा व ऋण प्रणाली परिचालित करना।”मौद्रिक नीति तैयार करना, उसका कार्यान्वयन और निगरानी करना।वित्तीय प्रणाली का विनियमन और पर्यवेक्षण करना।विदेशी मुद्रा का प्रबन्धन करना।मुद्रा जारी करना, उसका विनिमय करना और परिचालन योग्य न रहने पर उन्हें नष्ट करना। सरकार का बैंकर और बैंकों का बैंकर के रूप में काम करना।साख नियन्त्रित करना।मुद्रा के लेन देन को नियंत्रित करना भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम की धारा 20 की शर्तों में रिज़र्व बैंक को केन्द्रीय सरकार की प्राप्तियां और भुगतानों और विनिमय, प्रेषण (रेमिटन्स) और अन्य बैंकिंग गतिविधियां (आपरेशन), जिसमें संघ के लोक ऋण का प्रबंध शामिल है, का उत्तरदायित्व संभालना है। आगे, भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम की धारा 21 के अनुसार रिज़र्व बैंक को भारत में सरकारी कारोबार करने का अधिकार है।अधिनियम की धारा 21 ए के अनुसार राज्य सरकारों के साथ करार कर भारतीय रिज़र्व बैंक राज्य सरकार के लेन देन कर सकता है। भारतीय रिज़र्व बैंक ने अब तक यह करार सिक्किम सरकार को छोड़कर सभी राज्य सरकारों के साथ किया है। भारतीय रिज़र्व बैंक, उसके केन्द्रीय लेखा अनुभाग, नागपुर में केन्द्र और राज्य सरकारों के प्रमुख खातें रखता है। भारतीय रिज़र्व बैंक ने पूरे भारत में सरकार की ओर से राजस्व संग्रह करने के साथ साथ भुगतान करने के लिए सुसंचालित व्यवस्था की है। भारतीय रिज़र्व बैंक के लोक लेखा विभागों और भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम की धारा 45 के अंतर्गत नियुक्त एजेंसी बैंकों की शाखाओं का संजाल सरकारी लेनदेन करता है। वर्तमान में सार्वजनिक क्षेत्र की सभी बैंक और निजी क्षेत्र की तीन बैंक अर्थात आईसीआईसीआई बैंक लि., एचडीएफसी बैंक लि. और एक्सिस बैंक लि., भारतीय रिज़र्व बैंक के एजेंट के रूप में कार्य करते हैं। केवल एजेंसी बैंकों की प्राधिकृत शाखाएं सरकारी लेनदेन कर सकती हैं।
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