आजम खां दो साल दो माह 24 दिन बाद जेल से हुए रिहा
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संवाददाता -मुरादाबाद: नरोत्तम सिंह । Azam Khan: आजम बोले- दरोगा ने कहा, रामपुर में बचकर रहें एनकाउंटर हो सकता है, जौहर और अखिलेश पर ऐसा रहा रिएक्शन. आजम खां के खिलाफ जिले के विभिन्न थानों में 89 मामले दर्ज किए गए थे। जिसमें जमानत होने में करीब सवा दो साल का समय लग गया।दो साल दो माह 24 दिन बाद जेल से रिहा हुए सपा के कद्दावर नेता और विधायक आजम खां शुक्रवार दोपहर करीब पौने दो बजे रामपुर पहुंचे। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने उनका फूल बरसाकर स्वागत किया।
इस सरकार को मुझसे इतनी नफरत क्यों
आजम खां ने कहा कि जो कुछ भी हमारे साथ जेल में हुआ है वो हमारे चेहरे से नजर आ रहा होगा। इस सरकार को हमसे इतनी नफरत क्यों है, मैं ये समझ नहीं पा रहा हूं। कभी मुलाकात होने पर यह जानने की कोशिश करूंगा।मैं मोबाइल चलाना भी भूल गया हूं
जमानत को लेकर आजम खां ने कहा कि जज साहब ने कहा है कि जिस व्यक्ति के खिलाफ साक्ष्य नहीं हैं उसे जेल में क्यों बंद कर रखा है। इसके बाद चुनाव को लेकर उन्होंने कुछ भी बोलने से मना कर दिया। कहा कि मैं मुल्क जमीन और जमीर बेचने वाला नहीं हूं। मैं मोबाइल चलाना भी भूल गया हूं।40 साल के सियासी सफर में कभी कोई गलत काम नहीं किया
घर पहुंचकर आजम खां ने प्रेसवार्ता में सबसे पहले सुप्रीम कोर्ट को शुक्रिया कहा। इसके बाद उन्होंने बताया कि मेरी तबियत खराब है। तकलीफ भी बहुत है। हमारा मिशन कभी राजनीतिक नहीं रहा। 40 साल के सियासी सफर में कभी कोई गलत काम नहीं किया। हमने अपना शहर कैसे बसाया था, देख सकते हैं। हमारा बुनियादी मकसद था लोगों की सेवा करना। सबसे पहले मुझ पर आठ केस दर्ज किए गए। सभी मामलों में वादी पक्ष ने केस वापस ले लिए। हमने जो जमीन ली उसके पैसे दिए। मैंने कभी किसी की जमीन नहीं हड़पी। जो हुआ उसे भूल नहीं सकते- आजम खां
रामपुर पहुंचने पर आजम खां ने कहा कि हमारे, हमारे परिवार के साथ जो हुआ उसे भूल नहीं सकते। हमारे शहर को उजाड़ दिया गया। मेरा 40 साल का सफर बेकार नहीं जाएगा। मेरा वक्त फिर लौटकर आएगा। जेल में किस तरह उन्होंने समय बिताया इस बारे में भी लोगों को बताया। आजम ने कहा कि रात होती थी तो सुबह और सुबह होती थी तो रात का इंतजार करते थे। मुझे सजायाफ्ता कैदी की तरह जेल में रखा गया। इस दौरान उन्होंने किसी का नाम तो नहीं लिया पर कहा कि सबसे ज्यादा जुल्म तो मेरे अपनों ने किए हैं। आजम का ये बयान सीधे तौर पर सियासत से जोड़कर देखा जा रहा है। आजम लोगों को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान लोगों ने उनके समर्थन में नारेबाजी की।
दुर्गनगला बाईपास पर पुलिस ने रोका आजम खां का काफिला
सपा विधायक आजम खां के काफिले को पुलिस ने शहजादनगर थाना क्षेत्र में रामपुर नगर व बाईपास के की ओर जाने वाले मार्ग पर रोक लिया। पुलिस ने स्कूलों की छुट्टी व जुमे की नमाज के कारण अधिक संख्या में वाहन जाने से जाम लगने की आशंका जताते हुए सीमित वाहन ही शहर के अंदर से ले जाने की बात कही। जिस पर आजम खां के समर्थकों व पुलिस के बीच नोकझोंक भी हुई। करीब 15 मिनट तक बहस के बाद बाद पुलिस ने आठ-दस गाड़ियों को शहर के अंदर जाने दिया जबकि करीब बीस से अधिक गाड़ियों को बाईपास से भेज दिया।
क्यों परेशान किया जा रहा है- आजम खां
काफिले में करीब 30 से अधिक गाड़ियां थीं। पुलिस ने इतनी बड़ी संख्या में एक साथ गाड़ियां जाने से शहर में जाम लगने की बात कहते हुए सीमित गाड़ियों को ही शहर के अंदर से जाने के लिए कहा। इस पर सपा कार्यकर्ता और आजम खां के समर्थक भड़क गए। उनकी पुलिस से कहासुनी होने लगी। मौके पर मौजूद सीओ सिटी अनुज कुमार चौधरी ने समर्थकों को समझाने का भी प्रयास किया लेकिन उन्होंने कोई बात नहीं सुनी। इसके बाद आजम खां और अब्दुल्ला आजम ने भी हस्तक्षेप किया। आजम खां ने कहा कि क्यों परेशान किया जा रहा है। आजम खां कभी भी घर पहुंच सकते हैं आजम खां कुछ ही पलों में घर पहुंच सकते हैं। कई पूर्व विधायक, नेताओं समेत समर्थकों का भारी हुजूम आजम खां का उनके घर के बाहर इंतजार कर रहा है।
89 मामले किए गए थे दर्ज:आजम खां के खिलाफ जिले के विभिन्न थानों में 89 मामले दर्ज किए गए थे। जिसमें जमानत होने में करीब सवा दो साल का समय लग गया। पिछले सप्ताह हाईकोर्ट से शत्रु संपत्ति मामले में जमानत मिलने और गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट से रामपुर पब्लिक स्कूल के मामले में अंतरिम जमानत मिलने के बाद गुरुवार शाम को ही रामपुर कोर्ट से आजम खां की रिहाई के परवाने सीतापुर जेल प्रशासन के लिए विशेष संदेशवाहक के जरिए भेज दिए गए थे।
जिसके बाद शुक्रवार सुबह आजम खां सीतापुर जेल से रिहा हो गए। इस दौरान उनके दोनों बेटे अदीब और अब्दुल्ला आजम और प्रसपा अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव भी सीतापुर जेल पहुंचे और आजम खां के रिहा होने के बाद उनके साथ रामपुर के लिए रवाना हुए नरोत्तम सिंह ब्यूरो चीफ मुरादाबाद
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