मैनपुरी- आजादी का अमृत महोत्सव का हर घर तिरंगा कार्यक्रम
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संवाददाता : : मैनपुरी :: अवनीश कुमार :: मैनपुरी- आजादी का अमृत महोत्सव का हर घर तिरंगा कार्यक्रम
पावन माटी देश की हम उसकी संतान। माटी का बंधन करूं जय हो हिंदुस्तान।बिछवा /मैनपुरी- आजादी का अमृत महोत्सव का हर घर तिरंगा कार्यक्रम के अंतर्गत प्राविधिक शिक्षा विभाग उत्तर प्रदेश के निर्देशानुसार चंद्र कमल फार्मेसी महाविद्यालय बिछवा में विराट कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया कार्यक्रम की अध्यक्षता चंद्रपाल सिंह ने की मां सरस्वती के चित्र पर पुष्प अर्पित करने के साथ ही कार्यक्रम की शुरुआत कराई गई। कवि सम्मेलन में सर्वप्रथम कवि गीतकार सुरेश नीरव चौहान द्वारा मां सरस्वती की वंदना मां शारदे वीणा वीणा वादिनी हम सबको ज्ञान दे व सुर पद मधु स्वर में गाय, मस्त मस्त पपीहरा । रस भरे रस खान सा रसता है सावन रस भरा।। बाग में कोयल सुनाए मधुर मीरा का भजन। ऐ मेरे प्यारे वतन आंख के तारे वतन।
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पावन माटी देश की हम उसकी संतान। माटी का बंधन करूं जय हो हिंदुस्तान।बिछवा /मैनपुरी- आजादी का अमृत महोत्सव का हर घर तिरंगा कार्यक्रम के अंतर्गत प्राविधिक शिक्षा विभाग उत्तर प्रदेश के निर्देशानुसार चंद्र कमल फार्मेसी महाविद्यालय बिछवा में विराट कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया कार्यक्रम की अध्यक्षता चंद्रपाल सिंह ने की मां सरस्वती के चित्र पर पुष्प अर्पित करने के साथ ही कार्यक्रम की शुरुआत कराई गई। कवि सम्मेलन में सर्वप्रथम कवि गीतकार सुरेश नीरव चौहान द्वारा मां सरस्वती की वंदना मां शारदे वीणा वीणा वादिनी हम सबको ज्ञान दे व सुर पद मधु स्वर में गाय, मस्त मस्त पपीहरा । रस भरे रस खान सा रसता है सावन रस भरा।। बाग में कोयल सुनाए मधुर मीरा का भजन। ऐ मेरे प्यारे वतन आंख के तारे वतन।
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कवि सुरेंद्र सौरभ मेरे दिल में चित्र छपा है किसको है बतलाओ क्यों। किन रंगों से रंगा है हमने दुनिया को दिखलाओ क्यों।। कवि दीन मोहम्मद दीन पावन माटी देश की हम उसकी संतान माटी का बंधन करूं जय हो हिंदुस्तान कवि सुभाष सनकी कल रात स्वप्न में बापू बोले कुछ सनकी की बेटा, देश बेच कर खा जाएगा वरना आज का नेता। पूरन सिंह पूरन कवि ने जिनके कारण मां बहनों का देश सुरक्षित है जिनके कारण ही अपना परिवेश सुरक्षित है है पर अगर पूज्यनीय जिनकी सदैव पूजा कीजिए जिनके कारण हमारा देश सुरक्षित है। कवि ताहिर चांद हिंदू ना मुसलमान न जातो की बात कर यह बुलबुले चमन मेरे भारत की बात कर। कवि मुन्ना लाल सौरभ जोड़कर दौलत जतन से समझते धनवान है बंगला व पद में चूर वो भी समझते धनवान है जिस द्वार पर माता-पिता हंसते हुए बैठे मिले आजकल परिवार में भी सबसे बड़े धनवान है। कवि श्री चंद्र वर्मा चंद्र सर शहीदों को अपना झुकाते हैं हम सौरय गाथा भी इनकी सुनाते हैं हम आजादी के हित को जो अमर हो जाए उनका अमृत महोत्सव मनाते हैं हम ।कवि रमेशचंद्र चक रहे ना कोई भूखा नंगा हो जैसे गंगा देश पर आंच ना आने पाए सबसे ऊंचा रहे तिरंगा कवि वदन सिंह मस्ताना सौरय का सूरज कभी झुकने नहीं देंगे राष्ट्रवादी औज को झुकने नहीं देंगे भले सर तक का लगाना पड़े मोल पड़ जाए तिरंगा झंडा मगर झुकने नहीं देंगे ।कवि सत्येंद्र निर्झर जिसकी यह गाथा तारे सूरज चांद सुनाते हैं खुश होकर सभी पखेरू गुलशन गुलशन गाते हैं जिन वीरों के जान गुजार दी अपनी इस आजादी पर उन सब पर अमर शहीदों को हम शीश झुकाते हैं।कवि वासुदेव मिश्रा लाल बत्ती हाथ और परिहास लिखेंगे हम सावन कजरी फाग लिखेंगे हम वक्त पड़ा यह अगर देश पर तो कविता में आग लगा देंगे कार्यक्रम में सदर पूर्व विधायक राजकुमार के पिता चंद्रपाल के साथ समाजसेवी ऋषि यादव कार्यक्रम के आयोजक विनय यादव सचिन तिवारी प्राचार्य व सरोज अमित पुष्पेंद्री देवी वर्मा के साथ क्षेत्र के लोग मौजूद रहे कवियों की कविताओं पर जमकर तालियां बजाएंगे बजाई गई साथी सभी का माल्यार्पण व शाल ओढ़ाकर स्वागत किया गया कार्यक्रम का संचालन सुरेंद्र सौरव ने किया।
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