मैनपुरी में राष्ट्रीय शैक्षिक महाकुम्भ एवं 16वें राष्ट्रीय गणित सम्मेलन – बहुजन इंडिया 24 न्यूज

मैनपुरी में राष्ट्रीय शैक्षिक महाकुम्भ एवं 16वें राष्ट्रीय गणित सम्मेलन

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संवाददाता : : मैनपुरी : : अवनीश कुमार :: Date :03 – 9 -2022 ::मैनपुरी में राष्ट्रीय शैक्षिक महाकुम्भ एवं 16वें राष्ट्रीय गणित सम्मेलन

मैनपुरी राष्ट्रीय शैक्षिक महाकुम्भ एवं 16वें राष्ट्रीय गणित सम्मेलन में राष्ट्रीय धरोहर सम्मान 2022 से सम्मानित होंगे गणितज्ञ रत्नेश शाक्य मैनपुरी:–जिले के कस्बा भोगांव के निवासी एवं पूर्व माध्यमिक विद्यालय जगतपुर के गणित शिक्षक रत्नेश कुमार 16-18 सितंबर को उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जनपद के चिलबिला में होने वाले राष्ट्रीय शैक्षिक महाकुंभ एवं 16 वें राष्ट्रीय गणित सम्मेलन* में राष्ट्रीय धरोहर सम्मान2022 से सम्मानित होंगे।

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गणितज्ञ रत्नेश कुमार ने बताया कि मौर्य बंधुत्व क्लब, ऑल इंडिया रामानुजन मैथमेटिकल क्लब एवं विज्ञान प्रसार द्वारा आयोजित राष्ट्रीय शैक्षिक महाकुंभ में अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त गणितज्ञ, वैज्ञानिक, समाजसेवी, उद्यमी, कवि, बाल कलाकार, यूथ मोटीवेटर, विभिन्न क्षेत्रों के कैरियर विशेषज्ञ सहित देश के 23 राज्यों की प्रतिभाएं शामिल होकर अपने-अपने नवाचार प्रस्तुत करेंगी। रत्नेश शाक्य वर्ष 2011 से लेकर अब तक विभिन्न शिक्षण संस्थाओं में स्वयं द्वारा खोजे गए विभाज्यता के महासूत्रों का प्रदर्शन कर चुके हैं। इनके विभाज्यता के महासूत्र की विशेषता यह है कि इस सूत्र की सहायता से प्रत्येक प्राकृतिक संख्या के लिए विभाज्यता के नियम बनाए जा सकते हैं और इन नियमों को बनाने में कुछ ही पलों का समय लगता है। अभी तक प्रत्येक प्राकृतिक संख्या के लिए विभाज्यता के अलग-अलग नियम किताबों में मौजूद हैं। क्योंकि प्राकृतिक संख्या असंख्य है इसलिए विभाज्यता के नियम भी असंख्य हैं और इन असंख्य के नियमों को याद करना, समझना, समझाना बहुत ही कठिन प्रतीत होता है। इस कठिनाई को दूर करने के लिए रत्नेश शाक्य ने वर्ष 2011 में विभाज्यता के महासूत्र की खोज की तथा भारत सरकार ने रत्नेश कुमार को 2013 में कॉपीराइट रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट उपलब्ध कराया इसके बाद रत्नेश कुमार ने वर्ष 2017 में दूसरे सूत्र विभाज्यता का तीव्रतम महासूत्र की खोज की। इस सूत्र की सहायता से गणना करना बहुत आसान हो गया इस सूत्र की सहायता से गणना तीव्र गति से की जा सकती हैं तथा वर्ष 2019 में रत्नेश कुमार ने संख्या वटे शून्य का मान आर्टिकल पर पुस्तक लिखकर नई दिल्ली स्थित कॉपीराइट कार्यालय में आवेदन किया तथा 1 वर्ष की जांच उपरांत भारत सरकार ने वर्ष 2020 में रत्नेश कुमार को संख्या बटे शून्य पर भी कॉपीराइट रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट उपलब्ध करा दिया है। यह सर्टिफिकेट विश्व के 136 देशों में मान्य है। रत्नेश शाक्य के विभाज्यता के महासूत्र तथा विभाज्यता के तीव्रतम महासूत्र पर आधारित गणितीय लेख सामान्य ज्ञान दर्पण, प्रतियोगिता दर्पण, पांचजन्य, धम्म देशना, पंचशील कुशवाहा संदेश जैसी प्रसि राष्ट्रीय पत्रिकाओं में भी प्रकाशित हो चुके हैं। गणितीय सूत्रों को प्रदर्शित करने के लिए रत्नेश कुमार द्वारा बनाया गया यूट्यूब चैनल रत्नेश के महासूत्र को 20,000 से ज्यादा लोग देख चुके हैं तथा लगभग 800 लोग सब्सक्राइब भी कर चुके हैं।रत्नेश कुमार को कई शैक्षणिक संस्थायें राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित भी कर चुकी हैं। रत्नेश शाक्य जिला विद्यालय निरीक्षक महोदय श्री मनोज कुमार वर्मा, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी महोदया सुश्री दीपिका गुप्ता तथा जिला पुस्तकालय अध्यक्ष श्री संजय यादव जी के निर्देश पर राजकीय जिला पुस्तकालय मैनपुरी में अपने द्वारा खोजे गए सूत्रों का प्रदर्शन कर चुके हैं जिसमें बेसिक तथा माध्यमिक के गणित शिक्षकों ने बढ़ चढ़कर भाग लिया इस प्रदर्शन में अन्य जनपदों से भी कई गणित प्रेमी उपस्थित हुए। अभी तक किसी भी संख्या में 0 का भाग दें तो उत्तर अपरिभाषित था लेकिन रत्नेश ने अपनी गणनाओं के द्वारा बहुत ही सरल और स्पष्ट तरीके से सिद्ध किया कि किसी भी संख्या में 0 का भाग दिया जाए तो उसका मान उस धनात्मक संख्या से अधिक आता है। संख्या बटे 0 का मान निकालने वाले गणितज्ञ रत्नेश कुमार ने संख्या बटे शून्य प्रकार की संख्याओं को प्रतिशून्य संख्या तथा रत्नेश संख्या नाम दिया है।अभी तक शून्य बटे शून्य अपरिभाषित था। जबकि राजकीय जिला पुस्तकालय मैनपुरी के प्रदर्शन में रत्नेश ने सिद्ध किया है कि यदि प्रतिशून्य संख्याओं का आपस में भाग दिया जाए तो शून्य बटे शून्य का मान शून्य आता है जबकि प्रतिशून्य संख्याओं को जब आपस में जोड़ा या घटाया जाता है तो शून्य बटे शून्य का मान एक आता है। गणित प्रेमी एवं गणित शिक्षक रत्नेश कुमार के नये सूत्रों को देखकर काफी आश्चर्यचकित और प्रसन्न हुए तथा उनके संख्या बटे शून्य तथा शून्य बटे शून्य को सही माना। कार्यक्रम के अन्त में उन्होंने रत्नेश कुमार को भविष्य के लिए हार्दिक शुभकामनाएं भी दी।

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