ट्विन टावर ध्वस्त से जुड़ी सभी अपडेट:क्यों सुप्रीम कोर्ट ने ध्वस्त करने के आर्डर पास किया
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Noida Twin Tower demolation: Date :28 Aug 2022
ट्विन टावर ध्वस्त से जुड़ी सभी अपडेट – ट्विन टावर में पिछले डेढ़ साल में 19 मंजिले अतिरिक्त बनाई गयी ।
जाने कब,क्या कैसे हुआ निर्माण और क्यों सुप्रीम कोर्ट ने ध्वस्त करने के आर्डर पास किया।
28 अगस्त 2022 को कब क्या हुआ
सुबह 7:00 बजे एमराल्ड कोर्ट और एटीएस विलेज के सभी निवासी घर खाली कर सोसाइटी से बाहर चले जाएंगे ।
दोपहर 12:00 बजे विस्फोट को की जांच होगी दोपहर 12:30 बजे Twin Tower टावर के बीच विस्फोटकों को तार से जोड़ा जाएगा दोपहर 12:40 पर टिकट की बटन के लिए तार जोड़े जाएंगे दोपहर 2:28 पर पुलिस की ओर से नो मैंस लैंड की सूचना दी जाएगी । दोपहर 2:30 पर ट्विन टावर अंतिम ब्लास्ट होगा दोपहर 2:40 मलबे में जिंदा विस्फोटकों की खोज। दोपहर 3:10 पर फ्लैटों में हुए नुकसान की जांच । शाम 5:00 बजे निवासियों की प्लेटों में होगी एंट्री साल 2012 तक आप एक और सियान टावर महज 13 मंजिल तक बनाए गए थे लेकिन जब मामला हाईकोर्ट पहुंचा तो बिल्डरों ने परियोजना के काम को ऐसी रफ्तार दी । डेढ़ साल में ही 19 मंजिल का अतिरिक्त निर्माण कर डाला 2014 में हाईकोर्ट का आदेश आने के बाद काम बंद हो गया।
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बिल्डर की चालाकी काम नहीं आई तारों की ऊंचाई इसलिए बढ़ाई ताकि कोर्ट ऐसा कोई फैसला ले सके इससे किसी तरह का नुकसान ना हो इसलिए हाईकोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया कि नागरिकों और पर्यावरण की सुरक्षा को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता अगर यह टावर दूसरे संशोधन के अनुसार 24 मंजिल तक ही बनाए जाते तो शायद आज इनके तोड़ने की नौबत नहीं आती।
ट्विन टावर तोड़ने की तारीख टावर को तोड़ने की तारीख 22 मई 2022 तय की गई थी लेकिन तैयारी पूरी ना होने का हवाला दिया गया सुप्रीम कोर्ट ने संबंधित एजेंसियों को मोहलत दी इसके बाद 22 से 28 अगस्त के बीच टावर को तोड़ने का समय दिया गया हालांकि इस बार भी टावर को तोड़े जाने पर संसद था लेकिन संबंधित एजेंसी ने प्राधिकरण को पत्र जारी कर तीन टावर के कमजोर होने के खतरे की आशंका जाहिर करते हुए इसी 28 तारीख तक छोड़ने की सुझाव दिया। सुपर टेक बिल्डर द्वारा बनाया गया था।
ट्विन टावर नोएडा 30 नवंबर 2004 प्राधिकरण ने सेक्टर 93a स्थित ग्रुप हाउसिंग के लिए प्लॉट नंबर 4 सुपरटेक को आवंटित किया 29 दिसंबर 2006 प्राधिकरण ने बिल्डिंग प्लान में संशोधन करते हुए दो मंजिला चिप्स बनाने की अनुमति दी । 26 नवंबर 2009 प्राधिकरण फिर से परियोजना में बदलाव करते हुए 15 की जगह 17 टावर बनाने का नक्शा पास कर दिया ।
2 मार्च 2012 प्राधिकरण ने टावर नंबर 16 और 17 के लिए और बढ़ा दिया इससे दोनों को 40 मंजिल तक करने की मंजूरी मिली 24 अप्रैल 2012 रोल कोड इलाहाबाद हाई कोर्ट का रुख किया मामले की सुनवाई अप्रैल को अवैध करार देते हुए सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया ।
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