2 अक्टूबर को गांधी जयंती के साथ लाल बहादुर शास्त्री जयंती का होता है आयोजन – बहुजन इंडिया 24 न्यूज

  2 अक्टूबर को गांधी जयंती के साथ लाल बहादुर शास्त्री जयंती का होता है आयोजन

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Mahatma Gandhi And Lal Bahadur Shatri Jayanti
Mahatma Gandhi And Lal Bahadur Shatri Jayanti

 2 अक्टूबर  महात्मा गांधी की जयंती  लाल बहादुर शास्त्री की जयंती भी मनाई जाती

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का जन्म दो अक्टूबर 1869 को हुआ था। उनके कार्यों तथा विचारों ने देश की स्वतंत्रता और इसके बाद आजाद भारत को आकार देने में बड़ी भूमिका निभाई। वहीं, पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री का जन्म दो अक्टूबर 1904 को हुआ था। 2 अक्टूबर का दिन भारत के लिए काफी महत्वपूर्ण है। 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी की जयंती के अलावा लाल बहादुर शास्त्री की जयंती भी मनाई जाती है। लाल बहादुर. भारत के लिए 2 अक्टूबर का दिन काफी महत्वपूर्ण है। 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी की जयंती के अलावा लाल बहादुर शास्त्री की जयंती भी मनाई जाती है। लाल बहादुर शास्त्री देश के दूसरे प्रधानमंत्री थे। शास्त्री जी का जन्म 2 अक्टूबर, 1904 को उत्तर प्रदेश के मुगलसराय में हुआ था। 2 अक्टूबर के दिन स्कूल, कॉलेजों में वाद-विवाद और भाषण प्रतियोगिता का भी आयोजन होता है।

बहुजन प्रेरणा दैनिक समाचार पत्र व बहुजन इंडिया 24 न्यूज़ (सम्पादक- मुकेश भारती ) किसी भी शिकायत के लिए सम्पर्क करे – 9336114041

Mahatma Gandhi And Lal Bahadur Shatri Jayanti
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अभिभावन से करें भाषण की शुरुआत आदरणीय प्रधानाचार्य महोदय, सम्माननीय शिक्षक गण एवं मेरे प्यारे भाइयो और बहनों आज मुझे आपके समक्ष लाल बहादुर शास्त्री जैसे महापुरुष के बारे मे बताते हुए बेहद खुशी हो रही है। लाल बहादुर शास्त्री जी का जन्म 2 अक्टूबर 1904 को उत्तर प्रदेश के मुगलसराय में हुआ था। इनके पिता का नाम श्री मुंशी शारदा प्रसाद श्रीवास्तव और माता का रामदुलारी था। इनके पिता एक शिक्षक थे। शास्त्री जी अपने परिवार में सबसे छोटे थे, इसलिए सब प्यार से उन्हे नन्हे बुलाते थे। शास्त्री जी एक क्रांतिकारी व्यक्ति थे और इनके द्वारा गांधी जी के नारे को ‘मरो नहीं, मारो’ में चतुराई से बदलाव मात्र से देश में क्रांति की भावना जाग उठी और उसने प्रचंड रूप ले लिया और इसके लिए शास्त्री जी को जेल भी जाना पड़ा।

  2 अक्टूबर को गांधी जयंती के साथ लाल बहादुर शास्त्री जयंती का होता है आयोजन

आजादी के बाद शास्त्री जी की साफ-सुथरी छवि ने उन्हे नेहरू जी के मृत्यु के बाद देश का दूसरा प्रधानमंत्री बनाया और उनके सफल मार्गदर्शन में देश काफी आगे बढ़ा। अनाजों की कीमतों में कटौती, भारत-पाकिस्तान की लड़ाई में सेना को खुली छूट देना, ताशकंद समझौता जैसे महत्वपूर्ण कदम उठाते में उनकी मृत्यु ताशकंद में रहस्यमयी तरीके से हो गई।लाल बहादुर शास्त्री अपने देश के लिए बलिदान और सच्ची देश भक्ती के लिए सदैव जाने जाएंगे। मरणोपरांत इन्हे भारत रत्न से सम्मानित किया गया। आज 2 अक्टूबर है और न सिर्फ पूरा हिन्दुस्तान, बल्कि दुनिया के कई देश 152वीं गांधी जयंती मना रहे हैं। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था। उनका पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था। आगे चलकर लोगों के बीच वह बापू के नाम से पुकारे जाने लगे। बापू ने देश को अंग्रेजों के चंगुल से आजाद करवाने में सबसे अहम भूमिका निभाई। उन्होंने अपने सत्य और अहिंसा के सिद्धांत के दम पर अंग्रेजों को कई बार घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया। उनके अहिंसा के सिद्धांत को पूरी दुनिया ने सलाम किया, यही वजह है कि पूरा विश्व आज

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का दिन अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के तौर पर भी मनाता है। महात्मा गांधी के विचार हमेशा से न सिर्फ भारत, बल्कि पूरे विश्व का मार्गदर्शन करते आए हैं और आगे भी करते रहेंगे।महात्मा गांधी की महानता, उनके कार्यों व विचारों के कारण ही 2 अक्टूबर को स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस की तरह राष्ट्रीय पर्व का दर्जा दिया गया है। गांधी जी इस बात में विश्वास रखते थे कि हिंसा के रास्ते पर चलकर आप कभी भी अपने अधिकार नहीं पा सकते। उन्होंने विरोध करने के लिए सत्याग्रह का रास्ता अपनाया।

  2 अक्टूबर को गांधी जयंती के साथ लाल बहादुर शास्त्री जयंती का होता है आयोजन

महात्मा गांधी ने लंदन में कानून की पढ़ाई की थी। लंदन से बैरिस्टर की डिग्री हासिल कर उन्होंने बड़ा अफसर या वकील बनना उचित नहीं समझा, बल्कि अपना पूरा जीवन देश के नाम समर्पित कर दिया। अपने जीवन में उन्होंने ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ कई आंदोलन किए। वह हमेशा लोगों को अधिकार दिलाने की लड़ाई लड़ते रहे। चंपारण सत्याग्रह, असहयोग आंदोलन, दांडी सत्याग्रह, दलित आंदोलन, भारत छोड़ो आंदोलन उनके कुछ प्रमुख आंदोलन ने जिन्होंने ब्रिटिश साम्राज्य की नींव कमजोर करने में बड़ा रोल अदा किया। गांधीजी ने भारतीय समाज में व्याप्त छुआछूत जैसी बुराइयों के प्रति लगातार आवाज उठाई। वो चाहते थे कि ऐसा समाज बने जिसमें सभी लोगों को बराबरी का दर्जा हासिल हो क्योंकि सभी को एक ही ईश्वर ने बनाया है। उनमें भेदभाव नहीं किया जाना चाहिए। नारी सशक्तीकरण के लिए भी वह हमेशा प्रयासरत रहे। साथियों! यह बात सही है कि हम सभी गांधीजी का काफी सम्मान करते हैं। लेकिन उनके सपने तो सभी पूरे होंगे जब हम उनके बताए शांति, अहिंसा, सत्य, समानता, महिलाओं के प्रति सम्मान जैसे आदर्शों पर चलेंगे।

लेख ::संदीपा राय

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