खुदाई के दौरान निकली 11वीं सदी की परमार कालीन उमाशंकर की प्रतिमा
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संवाददाता : :देवबड़ला-आष्टा::कुमेर सिंह आंवले :: Date ::22 .11 .2022 ::::देवबड़ला में दो दिन पहले निकली थी खुदाई में नटराज की प्रतिमा और साथ ही लोटस कमल वाला पत्थर भी प्राप्त हुआ है।मंदिर के पुजारी मदन लाल ने बताया कि एक बड़े पत्थर पर कमल के फूल की आकृति उकेर कर प्राचीन कलाकारों ने अपनी कला दर्शाई है इसे पुरातत्व विभाग लोटस कमल कहते हैं। ये पत्थर मंदिर के गुमच में लगता है। झूमर की तरह दिखता है इन सभी प्रतिमाओं के लिए संग्रहालय बनाया जाएगा और यह पर शिवरात्रि का मेला भी लगता है और बहुत दूर-दूर से लोग यहां पर दर्शन करने के लिए आते हैं श्रद्धालु का तांता लगा रहता है11वीं सदी की परमार कालीन उमाशंकर की प्रतिमा मिली है। इस प्रतिमा में शिव पार्वती को बड़े रूप में दर्शाया गया है। नंदी पर सवार जटा मुकुट हाथ में त्रिशूल दाएं तरफ कार्तिकेय हैं। बाएं तरफ गणेश जी और शिवगंण विराजमान हैं, ये प्रतिमा ग्रेनाइट की है। अभी तक मिली पत्थर की प्रतिमा मिली है।
ऐतिहासिक और प्राचीन स्थल देवबड़ला में सोमवार को खुदाई के दौरान उमाशंकर की प्रतिमा निकली है। रविवार को भी खुदाई के दौरान शिव तांडव नटराज की प्रतिमा निकली थी। यहां पर पुरातत्व विभाग लगातार खुदाई कार्य कर रहा है। विभाग यहां स्थित मंदिर का जीर्णोद्धार करेगा। ये प्रतिमाएं 11वीं सदी की परमारकालीन बताई जा रही है।
2016 से चल रही खुदाई
नेवज नदी के उद्गम स्थल व पुरातत्व धरोहर देवांचल धाम देव बड़ला बिलपान में अभी पांचवें मंदिर का मलबा साफ किया जा रहा है। जिसमें खुदाई के दौरान उमाशंकर की प्रतिमा प्राप्त हुई है।
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