Lakhimpur News ::ग्राम पंचायत भुड़वारा प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री आदेश अनुसार आयुष्मान कार्ड बनवाने का कार्यक्रम – बहुजन इंडिया 24 न्यूज

Lakhimpur News ::ग्राम पंचायत भुड़वारा प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री आदेश अनुसार आयुष्मान कार्ड बनवाने का कार्यक्रम

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बहुजन प्रेरणा दैनिक समाचार पत्र व बहुजन इंडिया 24 न्यूज़ (सम्पादक- मुकेश भारती ) किसी भी शिकायत के लिए सम्पर्क करे – 9336114041

 

संवाददाता : :लखीमपुर खीरी : : एजाज अहमद{LMP} :: Date ::19 ::12 :: .2022 ::ग्राम पंचायत भुड़वारा प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री आदेश अनुसार आयुष्मान कार्ड बनवाने का कार्यक्रम

गोला खीरी ग्राम पंचायत भुड़वारा प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री आदेश अनुसार आयुष्मान कार्ड बनवाने का कार्यक्रम चला ग्राम पंचायत भुड़वारा प्रधानमंत्री बा मुख्यमंत्री आदेशानुसार ग्राम पंचायत भुड़वारा आज दिनांक।19=12=2022 का मीटिंग का आयोजन किया गया समस्या का समाधान किया गया ग्राम पंचायत अधिकारी कृष्णा देवी लेखपाल शिखा गिरी प्रधान पुत्र आसिफ अली अंसारी सदस्यगण उपस्थित रहे जिसमें जन समस्या का समाधान किया गया आयुष्मान कार्ड बनवाने का ग्राम पदाधिकारी ने सभी ग्राम वासियों को बताया जिसका लाल राशन कार्ड हो वह आयुष्मान कार्ड बनवा सकता है प्रधानमंत्री मुख्यमंत्री आदेशानुसार हर गांव में चौपाल का कार्यक्रम चला है।

 


 

संवाददाता ::अयोध्या::मनोज तिवारी:: Date ::20 ::12 :: .2022 :::अयोध्या जनपद में 19 नवंबर 2022 को भाजपाइयों ने पाकिस्तान के विदेश मंत्री का फूंका पुतला जताया विरोध प्रदर्शन ।

बहुजन प्रेरणा दैनिक समाचार पत्र व बहुजन इंडिया 24 न्यूज़ (सम्पादक- मुकेश भारती ) किसी भी शिकायत के लिए सम्पर्क करे – 9336114041stikar vigyapan

भाजपाइयों ने पाकिस्तान के विदेश मंत्री का फूंका पुतला।जनपद के तहसील बीकापुर में पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल जरदारी भुट्टो द्वारा संयुक्त राष्ट्र में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी पर की गई अशोभनीय टिप्पणी के विरुद्ध बीकापुर तहसील गेट पर जिला भाजपा युवा मोर्चा के पूर्व जिला अध्यक्ष शिवम सिंह की अगुवाई में भाजपा कार्यकर्ताओं ने धरना प्रदर्शन कर उसका पुतला दहन किया।

कार्यक्रम में पूर्व ब्लाक प्रमुख शिव कुमार सिंह, राजन पांडे, जिला मंत्री इंद्रसेन सिंह, पंकज श्रीवास्तव, मोनू पांडे, अभिषेक गुप्ता, अशोक गुप्ता, वेद प्रकाश मिश्रा, सत्यदेव मिश्रा, शिव बहादुर सिंह, अनिल उपाध्याय, भरत श्रीवास्तव, पवन चौरसिया, पंकज सोनी, नवनीत गुप्ता, सबीना रानी, बबलू, गुड्डू राणा, शिवकुमार साहू, शिवकुमार वैश्य, सुनील, अमरेंद्र सिंह, शील प्रताप सिंह, आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम में शिवम सिंह ने कहा कि जो आतंकवाद को शरण देते हैं। आतंकवादियों को शहीद बताते हैं। आज ऐसे पाकिस्तान के मंत्री हमारे देश के प्रधान सेवक पर अशोभनीय टिप्पणी कर कर रहे हैं। ऐसे पाकिस्तान के मंत्री को हम चेतावनी देते हैं कि वह अपने देश की पहले चिंता कर ले और अगर इस तरह का गैर जिम्मेदाराना बयान देना वह बंद नहीं करते हैं तो यह यह बयान उनके लिए घातक होगा। आज देश की गद्दी पर 56 इंच के सीने वाला शेर बैठा हुआ है। इस मौके पर राजन पांडेय ने कहा कि पाकिस्तान पहले अपने देश को बिकने से बचा ले फिर वह किसी और की चिंता करें।


Stikar Aaj ka suvichar” जिन्दगी का हर एक छोटा हिस्सा ही
हमारी जिदंगी की सफ़लता का बड़ा हिस्सा होता है।”


आईपीसी की  धारा 323 में विधि का  क्या प्राविधान है ?

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IPC की धारा 323 का विवरण :जो कोई किसी अगर कोई अपनी इच्छा से किसी को चोट या नुकसान पहुंचाता है, तो ऐसा करने पर उसे 1 साल तक की कैद या 1 हजार रुपये का जुर्माना या दोनों की सजा हो सकती है  तो वह व्यक्ति धारा 323 के अंतर्गत दंड एवं जुर्माने से दण्डित किया जाएगा।

विधिक सलाहकार -मुकेश भारती एड0।Dt.19-12-2022

अथवा 

स्वेच्छया उपहति/चोट कारित करने के लिए दण्ड। उस दशा के सिवाय जिसके लिए धारा 334 में उपबंध है ,जो कोई स्वेच्छया उपहति करीत करेगा वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से , जिसकी अवश्य एक वर्ष तक की हो सकरगि , या जुर्माने से जो 1000 रूपये तक का हो सकेगा , या दोनों से , दण्डित किया जायेगा।

उपहति /चोट से आशय ; जो कोई किसी व्यक्ति को शारीरिक पीड़ा , रोग या अंग -शैथिल्य कारित करता है, वह उपहति करता है। यह कहा जाता है।

विधिक सलाहकार -मुकेश भारती एड0।Dt.20-12-2022


नोट : दण्ड प्रक्रिया संहिता के अनुसार : यह जमानतीय और असंज्ञेय अपराध है जमानत कोई जुडिसियल मजिस्ट्रेट दे सकता है।


stikar kabir ki vani

“पोथी पढ़ि पढ़ि जग मुआ, पंडित भया न कोय,
ढाई आखर प्रेम का, पढ़े सो पंडित होय।”

अर्थ – कबीर दास जी के दोहे से समझ में आता है कि संसार की बड़ी-बड़ी पुस्तकें पढ़कर कितने ही लोग मृत्यु के द्वार तक पहुंच गए, मगर वे सभी विद्वान नहीं हो सके थे। वे कहते हैं कि इतन पढ़ने के बजाय अगर कोई प्रेम या प्रेम के ढाई अक्षर ही पढ़ ले यानी कि प्रेम के वास्तविक रूप को पहचान ले तो वह सच्चा ज्ञानी माना जाएगा।


घरेलू उपचार :5 मिनट में खांसी से छुटकारा कैसे पाएं?

दिसंबर और जनवरी के महिने में हम सभी को अक्सर सर्दी -जुकाम और खासी की शिकायत रहती है। घरेलू उपचार से सर्दी खासी से निजात

Dr Ajay Annat Chaudhry
डॉ अजय अनंत चौधरी

पाये।Gharelu Upchar

अदरक और नमक:अदरक से भी सूखी खांसी में आराम मिलता है। इसके लिए अदरक की एक गांठ को कूटकर उसमें एक चुटकी नमक मिला लें और दाढ़ के नीचे दबा लें। उसका रस धीरे-धीरे मुंह के अंदर जाने दें। 5 मिनट तक उसे मुंह में रखें और फिर कुल्ला कर लें।सर्दी -जुकाम और खासी में फाफी रहत आप को मिलेगी। डॉ अजय अनंत चौधरी Dt.19-12-2022


लौंग और शहद खाएं- खांसी या जुकाम होने पर आप लौंग का सेवन करें
तुलसी अदरक की चाय- अगर आप बहती नांक और खांसी से परेशान हैं तो आपको गर्म तासीर की चीजों का सेवन करना चाहिए ।शहद और अदरक का रस- जुकाम एक ऐसी समस्या है जो हफ्तों में जाकर ठीक होती है। भाप लें- सर्दी-खांसी में सबसे ज्यादा राहत भाप लेने से मिलती है।


सर्दी-खांसी और जुकाम से राहत के लिए घरेलू उपचार | Home Remedies For Common Cold And Cough के लिए निम्न का भी सेवन करके ठीक हो सकते है।
1-अदरक की चाय (Ginger Tea) का सेवन करें। Gharelu Upchar
2-आंवला का सेवन (Amla Consumption) का सेवन करें।
3-शहद का सेवन (Honey Consumption) का सेवन करें।
4-खांसी के लिए रामबाण दवा है तुलसी (Tulsi Home Remedy For Cough In Hindi) का सेवन करें।
5-हल्दी दूध (Turmeric Milk) का सेवन करें। घरेलू उपचार से सर्दी -जुकाम ,खासी से निजात पाये। डॉ अजय अनंत चौधरी Dt.19-12-2022


प्रथम विश्व युद्ध

ऑस्ट्रिया के सिंहासन के उत्तराधिकारी आर्चड्युक फर्डिनेंड और उनकी पत्नी का वध इस युद्ध का तात्कालिक कारण था। यह घटना 28 जून 1914, को सेराजेवो में हुई थी। एक माह के बाद ऑस्ट्रिया ने सर्बिया के विरुद्ध युद्ध घोषित किया। रूस, फ़्रांस और ब्रिटेन ने सर्बिया की सहायता की और जर्मनी ने आस्ट्रिया की। Genral Knowledge
साम्राज्यवाद (Imperialism): प्रथम विश्व युद्ध से पहले अफ्रीका और एशिया के कुछ हिस्से कच्चे माल की उपलब्धता के कारण यूरोपीय देशों के बीच विवाद का विषय बने हुए थे। जब जर्मनी और इटली इस उपनिवेशवादी दौड़ में शामिल हुए तो उनके विस्तार के लिये बहुत कम संभावना बची। इसका परिणाम यह हुआ कि इन देशों ने उपनिवेशवादी विस्तार की एक नई नीति अपनाई। यह नीति थी दूसरे राष्ट्रों के उपनिवेशों पर बलपूर्वक अधिकार कर अपनी स्थिति को सुदृढ़ किया जाए। बढ़ती प्रतिस्पर्द्धा और अधिक साम्राज्यों की इच्छा के कारण यूरोपीय देशों के मध्य टकराव में वृद्धि हुई जिसने समस्त विश्व को प्रथम विश्व युद्ध में धकेलने में मदद की। इसी प्रकार मोरक्को तथा बोस्निया संकट ने भी इंग्लैंड एवं जर्मनी के बीच प्रतिस्पर्द्धा को और बढ़ावा दिया।
अपने प्रभाव क्षेत्र में वृद्धि करने के उद्देश्य से जर्मनी ने जब बर्लिन-बगदाद रेल मार्ग योजना बनाई तो इंग्लैंड के साथ-साथ फ्राँस और रूस ने इसका विरोध किया, जिसके चलते इनके बीच कटुता मेंऔर अधिक वृद्धि हुई।

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Ram Kumar Pal
Ram Kumar Pal Bareilly UP

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सैन्यवाद (Militarism): 20वीं सदी में प्रवेश करते ही विश्व में हथियारों की दौड़ शुरू हो गई थी। वर्ष 1914 तक जर्मनी में सैन्य निर्माण में सबसे अधिक वृद्धि हुई। ग्रेट ब्रिटेन और जर्मनी दोनों ने इस समयावधि में अपनी नौ-सेनाओं में काफी वृद्धि की। सैन्यवाद की दिशा में हुई इस वृद्धि ने युद्ध में शामिल देशों को और आगे बढ़ने में मदद की।
वर्ष 1911 में आंग्ल जर्मन नाविक प्रतिस्पर्द्धा के परिणामस्वरूप ‘अगादिर का संकट’ उत्पन्न हो गया। हालाँकि इसे सुलझाने का प्रयास किया गया परंतु यह प्रयास सफल नहीं हो सका। वर्ष 1912 में जर्मनी में एक विशाल जहाज़ ‘इम्प रेटर’ का निर्माण किया गया जो उस समय का सबसे बड़ा जहाज़ था। इससे इंग्लैंड और जर्मनी के मध्य वैमनस्य एवं प्रतिस्पर्द्धा में वृद्धि हुई।
राष्ट्रवाद (Nationalism): जर्मनी और इटली का एकीकरण भी राष्ट्रवाद के आधार पर ही किया गया था। बाल्कन क्षेत्र में राष्ट्रवाद की भावना अधिक प्रबल थी। चूँकि उस समय बाल्कन प्रदेश तुर्की साम्राज्य के अंतर्गत आता था, अतः जब तुर्की साम्राज्य कमज़ोर पड़ने लगा तो इस क्षेत्र में रहने वाले लोगों ने स्वतंत्रता की मांग शुरू कर दी।


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बोस्निया और हर्जेगोविना में रहने वाले स्लाविक लोग ऑस्ट्रिया-हंगरी का हिस्सा नहीं बना रहना चाहते थे, बल्कि वे सर्बिया में शामिल होना चाहते थे और बहुत हद तक उनकी इसी इच्छा के परिणामस्वरूप प्रथम विश्व युद्ध की शुरुआत हुई। इस तरह राष्ट्रवाद युद्ध का कारण बना।रूस का मानना था कि स्लाव यदि ऑस्ट्रिया-हंगरी एवं तुर्की से स्वतंत्र हो जाता है तो वह उसके प्रभाव में आ जाएगा, यही कारण रहा कि रूस ने अखिल स्लाव अथवा सर्वस्लाववाद आंदोलन को बल दिया। स्पष्ट है कि इससे रूस और ऑस्ट्रिया–हंगरी के मध्य संबंधों में कटुता आई।इसी तरह के और भी बहुत से उदाहरण रहे जिन्होंने राष्ट्रवाद की भावना को उग्र बनाते हुए संबंधों को तनावपूर्ण स्थिति में ला खड़ा किया। ऐसा ही एक उदाहरण है सर्वजर्मन आंदोलन।



आईपीसी की  धारा 207 में विधि का  क्या प्राविधान है

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विधिक सलाहकार : Mukesh Bharti Advocate

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IPC की धारा 207 का विवरण :जो कोई किसी सम्पत्ति को, या उसमें के किसी हित को, यह जानते हुये कि ऐसी सम्पत्ति या हित पर उसका कोई अधिकार या अधिकारपूर्ण दावा नहीं है, कपटपूर्वक प्रतिगृहीत करेगा, प्राप्त करेगा, या उस पर दावा करेगा, अथवा किसी संपत्ति या उसमें के किसी हित पर किसी अधिकार के बारे में जानते हुए की इस पर उसका कोई वैधानिक अधिकार नहीं है और  हड़पने , छीनने  के आशय से मिथ्या दावा  करेगा तो वह व्यक्ति धारा 207 के अंतर्गत दंड एवं जुर्माने से दण्डित किया जाएगा। विधिक सलाहकार -मुकेश भारती एड0


 

 

 

 

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