उत्तर प्रदेश: 20 लाख लोगों को एक जुलाई से घर में डीएल बनाने की सुविधा, ऑनलाइन देना पड़ेगा टेस्ट – बहुजन इंडिया 24 न्यूज

उत्तर प्रदेश: 20 लाख लोगों को एक जुलाई से घर में डीएल बनाने की सुविधा, ऑनलाइन देना पड़ेगा टेस्ट

😊 Please Share This News 😊

बहुजन इंडिया 24 न्यूज़ व बहुजन प्रेरणा दैनिक हिंदी समाचार पत्र (सम्पदाक मुकेश भारती) 9161507983
हरदोई ; (इंद्रेश कुमार ब्यूरो रिपोर्ट )


उत्तर प्रदेश: 20 लाख लोगों को एक जुलाई से घर में डीएल बनाने की सुविधा, ऑनलाइन देना पड़ेगा टेस्ट

लखनऊ के  संभागीय  परिवहन  अधिकारी  ‘प्रशासन’ आरपी  द्विवेदी  ने बताया भारत सरकार की इस सुविधा के तहत लर्निंग डीएल के आवेदकों को सिर्फ आरटीओ और एआरटीओ कार्यालय नहीं जाना पड़ेगा। मगर लर्निंग डीएल पाने के लिए उनको ऑनलाइन टेस्ट देना पड़ेगा, जो वह अपने घर या फिर साइबर कैफे में दे सकते हैं। टेस्ट में पास होने पर उनका डीएल स्वीकृत कर दिया जाएगा जिसे वह खुद ही डाउन लोड करके प्रिंट कर सकेंगे।
अब नहीं चलेगा कोई जुगाड़
केंद्र सरकार की लर्निंग डीएल घर बैठे बनाने की नई व्यवस्था में कोई जुगाड़ नहीं चलेगा। जो आवेदक ऑनलाइन टेस्ट में फेल हो गया तो उसको दोबारा टेस्ट देना पड़ेगा। यानी टेस्ट पास करने के बाद ही उसके हाथ में लर्निंग डीएल आएगा।
करोडों की कमाई खत्म
प्रदेश भर में लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस बनाने के नाम पर सभी आरटीओ और एआरटीओ कार्यालय में दलाल से लेकर कर्मचारी तक हर महीने करोड़ों रुपए की कमाई कर रहे हैं। मगर नई व्यवस्था में जब आवेदकों का आरटीओ जाना ही नहीं होगा तो यह कमाई बंद हो जाएगी।

सड़क दुर्घटनाओं की मौत में 15.5 फीसदी की आयी कमी : परिवहन आयुक्त

प्रदेश में सड़क सुरक्षा कोष से 15 मंडलों प्रयागराज, मुरादाबाद, मिर्जापुर, मथुरा, मेरठ, वाराणसी,  गोरखपुर, अयोध्या, अलीगढ़, बरेली, बस्ती, झांसी, आजमगढ़, देवीपाटन एवं मुजफ्फरनगर में ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट का निर्माण कराया जा रहा है। इनमें से प्रयागराज,  मुरादाबाद, मिर्जापुर, मथुरा, मेरठए वाराणसी, गोरखपुर एवं मुजफ्फ रनगर में सिविल कार्य पूरा हो चुका है। जहां पर ड्राइविंग टेस्ट की नई व्यवस्था को लागू कर दिया गया है। यानी डीएल हासिल करने से पहले आवेदक को ट्रैक पर वाहन चलाने का टेस्ट देना पड़ेगा।

परिवहन आयुक्त धीरज साहू के अनुसार सड़क दुर्घटनाओं का मुख्य कारण वाहनों की ओवर स्पीडिंग,  नशे में ड्राइविंग, रांग साइड ड्राइविंग एवं वाहन चलाते समय मोबाइल का प्रयोग है। प्रदेश में वर्ष 2020 में 34,243 सड़क दुर्घटनाओं में 19,149 व्यक्तियों की मृत्यु हुई है। जो गत वर्ष 2019 के सापेक्ष मृतकों की संख्या में 15.5 प्रतिशत की कमी आई है। मगर, सरकार और कमी लाने के लिए प्रयासरत है। इस उद्देश्य से इन सड़क दुर्घटनाओं में मृतकों की संख्या में 10 प्रतिशत की कमी लाये जाने का लक्ष्य शासन द्वारा निर्धारित किया गया है। वर्ष 2030 तक इसमें 50 प्रतिशत की कमी लाये जाने का लक्ष्य हासिल करने का लक्ष्य है।

सड़क दुर्घटना में कमी लाने के लिए पहला कदम दक्ष चालकों को ही ड्राइविंग लाईसेंस निर्गत करना है। इस प्रयोजन से ड्राइविंग टेस्ट की प्रक्रिया को चुस्त.दुरूस्त किये जाने के लिए ऐसे जनपद जहां ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट के ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक का निर्माण पूर्ण हो चुका है। यहां दो पहिया एवं चार पहिया वाहन चालकों के दक्षता परीक्षण के लिए टेस्टिंग ट्रैक पर टेस्ट लिये जाने की व्यवस्था भी की गई है।

बहुजन इंडिया 24 न्यूज़ बहुजन प्रेरणा दैनिक हिंदी समाचार पत्र संवाददाता इंद्रेश कुमार की खास रिपोर्ट हरदोई उत्तर प्रदेशऑनलाइन देना पड़ेगा टेस्ट
लखनऊ के  संभागीय  परिवहन  अधिकारी  ‘प्रशासन’ आरपी  द्विवेदी  ने बताया भारत सरकार की इस सुविधा के तहत लर्निंग डीएल के आवेदकों को सिर्फ आरटीओ और एआरटीओ कार्यालय नहीं जाना पड़ेगा। मगर लर्निंग डीएल पाने के लिए उनको ऑनलाइन टेस्ट देना पड़ेगा, जो वह अपने घर या फिर साइबर कैफे में दे सकते हैं। टेस्ट में पास होने पर उनका डीएल स्वीकृत कर दिया जाएगा जिसे वह खुद ही डाउन लोड करके प्रिंट कर सकेंगे।


अब नहीं चलेगा कोई जुगाड़
केंद्र सरकार की लर्निंग डीएल घर बैठे बनाने की नई व्यवस्था में कोई जुगाड़ नहीं चलेगा। जो आवेदक ऑनलाइन टेस्ट में फेल हो गया तो उसको दोबारा टेस्ट देना पड़ेगा। यानी टेस्ट पास करने के बाद ही उसके हाथ में लर्निंग डीएल आएगा।

करोडों की कमाई खत्म
प्रदेश भर में लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस बनाने के नाम पर सभी आरटीओ और एआरटीओ कार्यालय में दलाल से लेकर कर्मचारी तक हर महीने करोड़ों रुपए की कमाई कर रहे हैं। मगर नई व्यवस्था में जब आवेदकों का आरटीओ जाना ही नहीं होगा तो यह कमाई बंद हो जाएगी।

सड़क दुर्घटनाओं की मौत में 15.5 फीसदी की आयी कमी : परिवहन आयुक्त

प्रदेश में सड़क सुरक्षा कोष से 15 मंडलों प्रयागराज, मुरादाबाद, मिर्जापुर, मथुरा, मेरठ, वाराणसी,  गोरखपुर, अयोध्या, अलीगढ़, बरेली, बस्ती, झांसी, आजमगढ़, देवीपाटन एवं मुजफ्फरनगर में ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट का निर्माण कराया जा रहा है। इनमें से प्रयागराज,  मुरादाबाद, मिर्जापुर, मथुरा, मेरठए वाराणसी, गोरखपुर एवं मुजफ्फ रनगर में सिविल कार्य पूरा हो चुका है। जहां पर ड्राइविंग टेस्ट की नई व्यवस्था को लागू कर दिया गया है। यानी डीएल हासिल करने से पहले आवेदक को ट्रैक पर वाहन चलाने का टेस्ट देना पड़ेगा।

परिवहन आयुक्त धीरज साहू के अनुसार सड़क दुर्घटनाओं का मुख्य कारण वाहनों की ओवर स्पीडिंग,  नशे में ड्राइविंग, रांग साइड ड्राइविंग एवं वाहन चलाते समय मोबाइल का प्रयोग है। प्रदेश में वर्ष 2020 में 34,243 सड़क दुर्घटनाओं में 19,149 व्यक्तियों की मृत्यु हुई है। जो गत वर्ष 2019 के सापेक्ष मृतकों की संख्या में 15.5 प्रतिशत की कमी आई है। मगर, सरकार और कमी लाने के लिए प्रयासरत है। इस उद्देश्य से इन सड़क दुर्घटनाओं में मृतकों की संख्या में 10 प्रतिशत की कमी लाये जाने का लक्ष्य शासन द्वारा निर्धारित किया गया है। वर्ष 2030 तक इसमें 50 प्रतिशत की कमी लाये जाने का लक्ष्य हासिल करने का लक्ष्य है।

सड़क दुर्घटना में कमी लाने के लिए पहला कदम दक्ष चालकों को ही ड्राइविंग लाईसेंस निर्गत करना है। इस प्रयोजन से ड्राइविंग टेस्ट की प्रक्रिया को चुस्त.दुरूस्त किये जाने के लिए ऐसे जनपद जहां ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट के ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक का निर्माण पूर्ण हो चुका है। यहां दो पहिया एवं चार पहिया वाहन चालकों के दक्षता परीक्षण के लिए टेस्टिंग ट्रैक पर टेस्ट लिये जाने की व्यवस्था भी की गई है।


बहुजन इंडिया 24 न्यूज़ बहुजन प्रेरणा दैनिक हिंदी समाचार पत्र संवाददाता इंद्रेश कुमार की खास रिपोर्ट हरदोई उत्तर प्रदेश

व्हाट्सप्प आइकान को दबा कर इस खबर को शेयर जरूर करें 

स्वतंत्र और सच्ची पत्रकारिता के लिए ज़रूरी है कि वो कॉरपोरेट और राजनैतिक नियंत्रण से मुक्त हो। ऐसा तभी संभव है जब जनता आगे आए और सहयोग करे

Donate Now

[responsive-slider id=1466]
error: Content is protected !!