अयोध्या: कानूनगो व तथाकथित अर्दली के विरुद्ध लीगल नोटिस – बहुजन इंडिया 24 न्यूज

अयोध्या: कानूनगो व तथाकथित अर्दली के विरुद्ध लीगल नोटिस

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बहुजन इंडिया 24 न्यूज़ व बहुजन प्रेरणा -दैनिक हिंदी समाचार पत्र ( सम्पादक मुकेश भारती ) 9161507983
अयोध्या: ( अंकित चौधरी – ब्यूरो रिपोर्ट )


अयोध्या: कानूनगो व तथाकथित अर्दली के विरुद्ध लीगल नोटिस

बीकापुर तहसील क्षेत्र के रंजीत कुमार कोरी पुत्र स्वर्गीय रामलाल निवासी ग्राम लुत्फाबाद बछौली ने तहसील के राजस्व निरीक्षक रामप्रताप पांडेय व तथाकथित अर्दली राकेश कुमार के खिलाफ क्षतिपूर्ति की एक लीगल नोटिस भेजा है। रंजीत कोरी ने कहा है कि भूमि संख्या 994 स्थित ग्राम-लुत्फाबाद बछौली जो आबादी की भूमि रही है। और कब्जे के आधार पर विपक्षी भोला आज के विरुद्ध दीवानी वाद संख्या 146/016 सिविल न्यायालय में प्रस्तुत किया था जिसमें विपक्षी के उपस्थित न आने से उक्त वाद सिविल जज प्रथम फैजाबाद द्वारा वादी रंजीत कुमार कोरी के पक्ष में डिग्री कर दिया था तथा उक्त विवादित भूमि पर विपक्षी भोला आज को आदि के कब्जे व स्वामित्व में हस्तक्षेप करने से मना कर दिया गया था। रंजीत कोरी ने बताया कि सिविल न्यायालय आदेश के अनुपालन हेतु बताया गया और उप जिला अधिकारी बीकापुर द्वारा पुलिस बल की सहायता से सिविल न्यायालय के आदेश दिनांक 18 /3/ 2020 का अनुपालन स्थल पर करवाने हेतु आदेश दिया गया। लेकिन राजस्व विभाग की टीम उक्त दिनांक को स्थल पर नहीं पहुंची। जिसमें मेरे द्वारा उक्त भूमि पर निर्माण हेतु बालू, मौरंग, ईट ,सीमेंट खरीद कर इकट्ठा किया गया था तथा निर्माण कार्य हेतु 12 लेबर व 4 मिस्त्री को उनका भाड़ा किराया देकर अपने घर पर इकट्ठा किया था तथा 3 दिन उनका चार्ज देकर उनके भोजन की व्यवस्था करके उन्हें रखवाया गया था। लीगल नोटिस में रंजीत ने की दो-तीन दिन बाद तक की राजस्व टीम न आने पर तहसील में जाकर मिले और न आने का कारण पूछा तो बताया गया कि उप जिलाधिकारी के कथित अर्दली राकेश कुमार द्वारा राजस्व टीम को फोन द्वारा बताया गया कि आप लोग स्थल पर न जाए ,जबकि उप जिलाधिकारी बीकापुर के आदेश की घोर अवहेलना हुई है। यही नहीं रंजीत कोरी ने यह भी आरोप लगाया कि राकेश कुमार उप जिलाधिकारी बीकापुर का अर्दली है ही नहीं, वह फर्जी अर्दली की सरकारी टोपी लगाकर स्वयं को अर्दली बताता है। नोटिस के माध्यम से उक्त दोनों लोगों को 50,000 के छति पूर्ति अदा करने एवं समयावधि के अंतर्गत क्षतिपूर्ति अदा करने का सिविल न्यायालय में वाद दायर करने की बात कही है।

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