लखनऊ: उत्तर प्रदेश मे 11.30 बजे जनसंख्या नीति 2021-2030 लागू की
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बहुजन इंडिया 24 न्यूज़ व बहुजन प्रेरणा दैनिक हिंदी समाचार पत्र ( सम्पादक मुकेश भारती ) 9161507983
लखनऊ : (अमरेन्द्र सिंह – ब्यूरो रिपोर्ट )
लखनऊ: उत्तर प्रदेश मे 11.30 बजे जनसंख्या नीति 2021-2030 लागू की
उत्तर प्रदेश मे आज 11.30 बजे जनसंख्या नीति 2021-2030 लागू की. इस कार्यक्रम का आयोजन मुख्यमंत्री आवास पर किया गया. उत्तर प्रदेश जनसंख्या नीति के जरिए परिवार नियोजन कार्यक्रम की शुरुआत होगी. इसके अंतर्गत जारी गर्भ निरोधक उपायों की सुलभता को बढ़ाया जाना है. साथ ही, सरकार की कोशिश सुरक्षित गर्भपात की समुचित व्यवस्था देने की भी होगी 1. जच्चा-बच्चा मृत्यु दर की जा सकेगी कम उन्नत स्वास्थ्य सुविधाओं के माध्यम से नवजात मृत्यु दर, मातृ मृत्यु दर को कम करने और नपुंसकता/बांझपन की समस्या के समाधान उपलब्ध कराने के लिए सरकार प्रयास करेगी.2. किशोरों को मिल सकेगा बेहतर पोषण इस नीति का एक उद्देश्य यह भी है कि 11 से 19 साल तक के किशोरों के लिए सही पोषण, शिक्षा और स्वास्थ्य के बेहतर प्रबंधन किए जा सकें. इसके अaलावा, बुजुर्गों की देखभाल के लिए भी व्यापक व्यवस्था करना सरकार का लक्ष्य है.3. बेहतर नौकरी के मिल सकेंगे अवसर जनसंख्या नियंत्रण विधेयक पर योगी सरकार में मंत्री मोहसिन रजा ने कहा था कि अभी इसका कानून बनाने को लेकर सरकार ने जनता से राय मांगी है. जनता की राय के बाद जनता की ही सिफारिशों के बाद हम ज़रूर इस क़ानून को लाएंगे. एक खबर के मुताबिक, रजा ने कहा था कि दो बच्चों को हम डॉक्टर और इंजीनियर बना सकते हैं, लेकिन 8 बच्चे होंगे तो साइकिल की दुकान पर पंचर बनाएंगे या फावड़ा लेकर मजदूरी ही करेंगे. इस कानून से प्रदेश के साथ हमारा देश भी आगे बढ़ेगा और बच्चों को अच्छा जीवन मिल सकेगा.ग्रेटर नोएडा के ओयो रूम में हुआ सेक्स रैकेट का खुलासा, महिला सहित 3 गिरफ्तार, मालिक से भी पूछताछ 4. नसबंदी कराने पर मिलेंगे ये सरकारी लाभ नई नीति के तहत अगर घर का मालिक सरकारी नौकरी में है तो वह नसबंदी कराने के बाद एक्स्ट्रा इंक्रीमेंट, प्रमोशन, सरकारी आवासीय योजनाओं में छूट, पीएफ में एम्प्लॉयर कंट्रीब्यूशन बढ़ने जैसी कई सुविधाओं का हकदार हो सकते हैं.5. प्राइवेट नौकरी वालों को भी सुविधाएं इसके अलावा दो बच्चों वाले दंपति अगर सरकारी नौकरी में नहीं हैं तो उन्हें पानी, बिजली, हाउस टैक्स, होम लोन में छूट व अन्य सुविधाएं देने का प्रस्ताव है.6. एक संतान के बाद खुद कराई नसबंदी तो बच्चे का इलाज मुफ्त एक संतान पर खुद से नसबंदी कराने वाले हर अभिभावकों को संतान के 20 वर्ष तक मुफ्त इलाज, शिक्षा, बीमा शिक्षण संस्था व सरकारी नौकरियों में प्राथमिकता देने की सिफारिश है और इसके अंतर्गत सरकारी नौकरी वाले दंपती को चार अतिरिक्त इंक्रीमेंट देने का सुझाव भी है 7. गरीबी रेखा के नीचे वाले अगर एक संतान के बाद कराते हैं नसबंदी अगर दंपती गरीबी रेखा के नीचे हैं और एक संतान के बाद ही स्वैच्छिक नसबंदी करवाते हैं तो उनके बेटे के लिए उसे 80 हजार और बेटी के लिए एक लाख रुपये एकमुश्त दिए जाने की भी सिफारिश की गई है.8. कानून का उल्लंघन करने पर चली जाएगी नौकरी अगर यह कानून लागू हुआ तो एक साल में सभी सरकारी अधिकारियों-कर्मचारियों, स्थानीय निकाय में चुने जनप्रतिनिधियों को शपथपत्र देना होगा कि वह इसका उल्लंघन नहीं करेंगे. अगर ऐसा करते हैं तो इसमें सरकारी कर्मचारियों का प्रमोशन रोकने व बर्खास्त करने तक की सिफारिश है.9. एक से ज्यादा शादियां की तो? इसके अलावा, अगर कोई आदमी एक से ज्यादा शादी करे तो भी सभी पत्नियों से मिलाकर दो ही बच्चे होने चाहिए. दो से ज्यादा बच्चे होने पर वह व्यक्ति सुविधाओं से वंचित होगा. यही केस महिलाओं के साथ भी है. अगर कोई स्त्री एक से ज्यादा शादी करती है तो सभी पतियों के साथ दो से अधिक बच्चे होने पर उसे भी सुविधाएं नहीं मिलेंगी.10. ये लोग नहीं आएंगे इस दायरे में हालांकि, एक्ट लागू होते समय प्रेग्नेंसी की स्टेज है या दूसरी प्रेग्नेंसी के समय जुड़वा बच्चे होते हैं तो ऐसे केस कानून के दायरे में नहीं आएंगे. अगर किसी का पहला, दूसरा या दोनों बच्चे नि:शक्त हैं, तो उसे भी तीसरी संतान पर सुविधाओं से वंचित नहीं किया जाएगा. तीसरे बच्चे को गोद लेने पर भी रोक नहीं रहेगी।
(अमरेन्द्र सिंह – ब्यूरो रिपोर्ट )
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