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बहुजन इंडिया 24 न्यूज व बहुजन प्रेरणा दैनिक हिंदी समाचार पत्र ( सम्पादक मुकेश भारती ) 9161507983
बलरामपुर : * (अरविन्द बौद्ध – ब्यूरो रिपोर्ट)
बलरामपुर :: धर्म परिवर्तन योग्यता और दक्षता को बढ़ाता है धर्म परिवर्तन
धर्म परिवर्तन योग्यता और दक्षता को बढ़ाता है धर्म परिवर्तन करते ही उस आदमी में योग्यता और दक्षता आ जाती है 90%दलितों से धर्मांतरित ईसाई सवर्णों के मुकाबले आगे बढ़े-चढ़े हैं जो दलित जूतों से रौंदे जाते हैं, उनका धर्मांतरण होते ही वे खान साहब, सरदार जी तथा जानसन साहब बन जाते हैं धर्मांतरित बौद्धों के हौसले देखना हो तो महाराष्ट्र चले जाइए संत रविदास मंदिर तोड़े जाने के विरोध में अधिकांश संख्या में सरदारों की भीड़ सड़कों पर दिखी जिसमें लगभग 80% (मेरा खुद का आकलन है) धर्मान्तरित दलित थे। और जिन चमारों, धोबियों और धानुकों को तथाकथित उच्च कुलीन लोग इंसान नहीं समझते थे, उन्होंने जब सिख बनकर ड्रेस पहनी तथा तलवार धारण की तो वही लोग भयभीत होते दिखाई देते हैं तथा पुलिस वाले इन्हीं सरदार जी को झुक कर सलाम करते हैं एक सज्जन बता रहे थे कि 1961 में मैं एक पंडित जी के ढाबे में खाना खाता था! हम अछूतों को चौके के बाहर तथा मुस्लिम भाईयों को चौके के अंदर खाना खिलाया जाता था। 2002 की बात है, जब हमारे छोटे भाई ने हमारे पड़ोसी ब्राह्मण के नल पर लोटे में पानी पी लिया था, तब उसने नया लोटा ले लिया था और आज जब हम लोग जानकार एवं सक्रिय हुए तो हिन्दू एकता की बात करते हैं। और कहते हैं कि जातिवाद खत्म हो गया । निष्कर्ष- भारत के सभी एससी/एसटी/ओबीसी को अम्बेडकरवादी विचारधारा से परिपक्व होकर “धम्म” का मार्ग धारित कर लेना चाहिए. जय भीम जय संविधान जय भारत जय मूलनिवासी।
लेख संकलन– अरविन्द बौद्ध ब्लॉक रिपोर्टर रेहरा बाजार
बहुजन प्रेरणा दैनिक समाचार/ बहुजन इण्डिया 24 न्यूज
बलरामपुर
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