निवार्चक नामावलियों में दावे, आपत्तियां हेतु 24 दिसम्बर को द्वितीय विशेष अभियान तिथि है – बहुजन इंडिया 24 न्यूज

निवार्चक नामावलियों में दावे, आपत्तियां हेतु 24 दिसम्बर को द्वितीय विशेष अभियान तिथि है

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संवाददाता :: मैनपुरी :: अवनीश कुमार{C016} :: Dt.22.12.2022:

निवार्चक नामावलियों में दावे, आपत्तियां हेतु 24 दिसम्बर को द्वितीय विशेष अभियान तिथि है

मैनुपरी – उप जिला निवार्चन अधिकारी राम जी मिश्र ने बताया कि भारत निवार्चन आयोग के निदेर्शानुसार अहर्ता तिथि 01.01.2023 के आधार पर विधानसभा निवार्चन क्षेत्रों की फोटोयुक्त निवार्चक नामावलियों के विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण 2023 के अन्तगर्त दावे, आपत्तियां (फॉर्म-6, 6क, 6बी, 7, 8) प्राप्त करने हेतु दि. 27 दिसम्बर तक कायर्क्रम निधार्रित है। कायर्क्रम के अन्तगर्त मतदाताओं की सुविधा हेतु दि. 24 दिसम्बर (शनिवार) को द्वितीय विशेष अभियान तिथि नियत है। जिस पर सभी बी.एल.ओ., पदाभिहीत अधिकारी अपने-अपने मतदान केन्द्र, मतदेय स्थल पर प्रातः 10 बजे से सायं 04 बजे तक उपस्थित रहकर अर्ह मतदाताओं, नागरिकों से आवेदन प्राप्त करेंगे एवं उक्त विशेष अभियान दिवस पर जिला स्तरीय अधिकारियों एवं तहसील स्तरीय अधिकारियों द्वारा औचक निरीक्षण भी किया जायेगा।

अवनीश कुमार -ब्यूरो चीफ मैनपुरी

          उन्होने जनपद के अर्ह नागरिक जो अहर्ता दि. 01.01.2023 को 18 वर्ष की आयु पूर्ण कर रहे हैं अथवा किसी कारण से पूर्ण में फोटोयुक्त निवार्चक नामावली में नाम सम्मिलित होने से छूट गये हैं अथवा त्रुटिवश नामावली से नाम अपमाजिर्त हुआ है, से कहा है कि अपने से सम्बन्धित मतदान केन्द्र, मतदेय स्थल पर पहुंचकर दावे, आपत्तियां बूथ लेवल ऑफिस अथवा पदाभिहीत अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत कर सकते हैं। फॉर्म-6बी स्वैच्छिक आधार नम्बर मतदाता सूची में लिंक कराने के लिए हैं। जिन मतदाताओं के नाम मतदाता सूची में डबल अंकित हैं। ऐसे मतदाता स्वेच्छा से अपना नाम फॉर्म-7 भरकर अपमाजिर्त करा सकते हैं अन्यथा संज्ञान में आने पर विधिक कायर्वाही की जायेगी। फॉर्म-8 मतदाता सूची की प्रविष्टि में त्रुटि होने पर संशोधन, निवास परिवतर्न, डुप्लीकेट एपिक हेतु भरकर अपने से सम्बन्धित बीएलओ के पास जमा कर सकते हैं। उन्होने पात्र मतदाताओं से अपील करते हुये कहा है कि अपना नाम मतदाता सूची में सम्मिलित कराने हेतु उक्त स्थानों अथवा http://nvsp.in एवं वोटरहेल्पलाइन ऐप के माध्यम से आॅनलाइन आवेदन कर सकते हैं। फोटोयुक्त निवार्चक नामावली को त्रुटिरहित बनाये जाने में आयोग द्वारा चलाए जा रहे अभियान को सफल बनाने में अपना सक्रिय सहयोग प्रदान करें।


stikar kabir ki vani

“पोथी पढ़ि पढ़ि जग मुआ, पंडित भया न कोय,
ढाई आखर प्रेम का, पढ़े सो पंडित होय।”

अर्थ – कबीर दास जी के दोहे से समझ में आता है कि संसार की बड़ी-बड़ी पुस्तकें पढ़कर कितने ही लोग मृत्यु के द्वार तक पहुंच गए, मगर वे सभी विद्वान नहीं हो सके थे। वे कहते हैं कि इतन पढ़ने के बजाय अगर कोई प्रेम या प्रेम के ढाई अक्षर ही पढ़ ले यानी कि प्रेम के वास्तविक रूप को पहचान ले तो वह सच्चा ज्ञानी माना जाएगा


तुरंत ब्लड शुगर लेवल के स्तर को कैसे कम करें? Sugar Level Kam Karne ka  Gharelu Upay

पहला उपाय : ये है कि जिस मरीज का ब्लड शुगर लेवल बड़ा हुआ है उसके लिए ब्लड शुगर लेवल के स्तर को कम करने लिए सुबह उठकर खाली पेट दो से तीन तुलसी की पत्ती चबाएं,या फिर आप चाहें तो तुलसी का रस भी पी सकते हैं । इससे आपका ब्लड शुगर नियंत्रण में आ जाएगा । तुलसी के सेवन के साथ में यदि आप शुगर को कम करने वाली दवाओं का सेवन कर रहे हैं तो ध्यान रखें और डॉक्टर्स से परामर्श जरूर लें । क्योंकि शुगर को तेजी से कम करने का काम करती है ।

Gharelu Upchar

दूसरा उपाय: ये है कि जिस मरीज का ब्लड शुगर लेवल बड़ा हुआ है उसके लिए ब्लड शुगर लेवल के स्तर को कम करने का सबसे आसान तरीका है पानी। इस दौरान अगर आप पानी पीते हैं तो यह आपके रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है। आपको बता दें कि पानी के जरिए किडनी टॉक्सिन्स और इंसुलिन को शरीर से बाहर निकालने का काम करता है।

Dr Ajay Annat Chaudhry
डॉ अजय अनंत चौधरी

Stikar
शुगर को कम करने के लिए क्या खाना चाहिए ?
डायबिटीज में अरहर की दाल, काबुली चने, हरे चने, कुलथी की दाल का सेवन अधिक करना चाहिए. डायबिटीज में कौन-से फल खाने चाहिए? शुगर के मरीज सेब, संतरा, आड़ू, बेरीज, चेरी, एप्रिकोट, नाशपाती और कीवी जैसे फल हर दिन खा सकते हैं. आप बिना गुड़ के उबाली हुई शकरकंद का सेवन भी कर सकते हैं. डॉ अजय अनंत चौधरी Dt.21-12-2022


मधुमेह के लिए प्राकृतिक घरेलू उपचार का अवलोकन।
मधुमेह रोग (Diabetes) एक ऐसी स्थिति है जिसमें किसी व्यक्ति के रक्त शर्करा ( blood sugar ) का स्तर सामान्य शर्करा के स्तर से ऊपर होता है। हम जो भी खाना खिलते है उसके पाचन के बाद वह ग्लूकोस बन जाता है। यह ग्लूकोस (glucose) खून के ज़रिये विभिन शरीर की कोशिकाओं तक पहुँचता है। और ऊर्जा पैदा होती है। इसलिए खाना खाते ही ग्लूकोस की मात्रा खून मे बढ़ जाती है। ग्लूकोस की मात्रा बढ़ते ही इन्सुलिन (insulin) नाम का हॉर्मोन (hormone) सतर्क हो जाता है और वह इस ग्लूकोस को शरीर की कोशिकायों मे प्रवेश करने मे मदद करता है।Stikar

जब इन्सुलिन की कमी होती है या शरीर इन्सुलिन प्रतिरोधक (insuline resistance) हो जाता है तो ग्लूकोस का कोशिकाओं मे प्रवेश कम हो जाता है। जिस कारण ग्लूकोस की मात्रा खून मे ज़ायदा हो जाती है। इस स्तिति को डायबिटीज या मधुमेह कहते है।Gharelu Upchar

डायबिटीज को नियंत्रण करने के लिए ऐसा खाना, खाना चाहिए जो आप के ग्लूकोस की मात्रा को ज़ायदा नहीं बढ़ाये या अचानक तेज़ी से ग्लूकोस के स्तर को असंतुलित कर दे। डायबिटीज के मरीज़ों को इसलिए अपने खान पान पर बहुत धयान देना चाहिए।
घर पर प्राकृतिक रूप से मधुमेह का इलाज कैसे करें, इसका सरल उपाय है कि हमें अपने द्वारा खाए जाने वाले भोजन को भली भांति समझना चाहिए। कुछ खाद्य पदार्थ रक्त शर्करा के स्तर को तेजी से बढ़ाते हैं। ये उच्च ग्लाइसेमिक इंडेक्स (High Glycemic index) वाले खाद्य पदार्थ कहलाते हैं। जबकि कुछ खाद्य उत्पाद बहुत धीरे-धीरे ग्लूकोज छोड़ने के लिए जाने जाते हैं। ये लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स (low glycemic index) वाले खाद्य पदार्थ कहलाते हैं। इस प्रकार, निम्न और उच्च ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले प्राकृतिक खाद्य पदार्थों का उचित चयन ग्लूकोस के स्तर को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है।डॉ अजय अनंत चौधरी Dt.21-12-2022


संविधान के अनुच्छेद

अनुच्छेद  14 से 18 समानता का अधिकार:

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14, 15, 16, 17 और 18 के तहत समानता का अधिकार दिया गया है। ये लेख नागरिकों को कानून के समक्ष समान व्यवहार और कानून की समान सुरक्षा, सार्वजनिक रोजगार में समान अवसर सुनिश्चित करते हैं और भेदभाव और अस्पृश्यता को रोकते हैं जो सामाजिक बुराइयाँ हैंStikar samvidhan

अनुच्छेद 14 से 18 समानता का अधिकार:
अनुच्छेद 14 के अनुसार : भारत राज्य क्षेत्र में राज्य के किसी व्यक्ति को विधि के समक्ष समता और विधियों के समान संरक्षण से वंचित नहीं किया जाएगा इस अनुच्छेद में की दो बातें निहित है। यह अनुच्छेद बहुत व्यापक दृश्टिकोण के लिए संविधान में सम्मलित किया गया है।
विधि के समक्ष समानता : विधि के समक्ष समानता यह ब्रिटिश संविधान से ग्रसित किया गया है यह अनुच्छेद कानून समानता का नकारात्मक दृष्टिकोण है इसमें निम्न तीन अर्थ निकलता है।

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1 – देश में कानून का राज: देश में सभी व्यक्ति चाहे वे जिस जाति धर्म व भाषा के हो सभी एक समान कानून के अधीन हैं कोई भी व्यक्ति कानून के ऊपर नहीं है।

2 विधियों का समान संरक्षण: विधियों के समान संरक्षण यह अमेरिका संविधान से ग्रसित किया गया इसका अर्थ यह है कि समय परिस्थिति वाले व्यक्तियों को कानून के समक्ष सामान समझा जाएगा क्योंकि समानता का अधिकार का मतलब सब की समानता ना होकर सामान रूप में समानता है अर्थात एक ही प्रकार की योग्यता रखने वाले व्यक्तियों के साथ जाति धर्म भाषा व लिंग के आधार पर कोई भेदभाव ना किया जाए।
3-विधानी वर्गीकरण : भारतीय संविधान की विधानी वर्गीकरण के सिद्धांत का प्रतिपादन करता है जो अनुच्छेद 14 का उल्लंघन नहीं करता है विधानी वर्गीकरण का अर्थ है कि यदि एक व्यक्ति की अपनी आवश्यकता है परिस्थितियों के अनुसार अन्य से भिन्न है तो उसे एक वर्ग माना जाएगा और समानता का सिद्धांत उस पर अकेले लागू होगा लेकिन इसका आधार वैज्ञानिक तर्कसंगत या युक्त होना चाहिए।
इसमें नैसर्गिक न्याय का सिद्धांत निहित है। यह अनुच्छेद भारतीय संविधान का मूल ढांचा है। इसमें विधि के शासन का उल्लेख है। इसमें सर्वग्राही समानता का सिद्धांत पाया जाता है।

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