लोकसभा में कल मोदी सरकार ने अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) से संबंधित 127वां संविधान संशोधन विधेयक पेश किया – बहुजन इंडिया 24 न्यूज

लोकसभा में कल मोदी सरकार ने अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) से संबंधित 127वां संविधान संशोधन विधेयक पेश किया

1 min read
😊 Please Share This News 😊

बहुजन इंडिया 24 न्यूज़ व बहुजन प्रेरणा दैनिक समाचार पत्र ( सम्पादक मुकेश भारती सम्पर्क सुत्र- 9161507983 )
लखीमपुर खीरी : (विमलेश – ब्यूरो रिपोर्ट )


लोकसभा में कल मोदी सरकार ने अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) से संबंधित 127वां संविधान संशोधन विधेयक पेश किया

लोकसभा में कल मोदी सरकार ने अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) से संबंधित 127वां संविधान संशोधन विधेयक पेश किया। जिसके तहत राज्यों को भी ओबीसी लिस्ट तैयार करने का अधिकार मिल जाएगा। यूपी में राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग प्रदेश की 39 जातियों को अन्य पिछड़ा वर्ग में शामिल करने की तैयारी कर रहा है। इसके लिए आयोग उत्तर प्रदेश सरकार को संस्तुति भेजेगा। अभी 79 जातियां है ओबीसी सूची में: यूपी में इस समय कुल 79 जातियां ओबीसी की सूची में शामिल हैं। इनकी आबादी प्रदेश की कुल जनसंख्या का 54 प्रतिशत मानी जाती है। उप्र राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के चेयरमैन यशवंत सैनी ने बताया कि अब तक उनके पास कुल 70 जातियों के प्रतिविदेन आए थे जिनमें से 39 प्रतिवेदनों को मानकों के आधार पर विचार करने के लिए चयनित किया गया है। इनमें से 24 जातियों की आबादी व अन्य विषयों पर सर्वे करवाया जा चुका है। सर्वे में आये तथ्यों पर विश्लेषण किया जा रहा है। इसके अलावा 15 अन्य जातियों का अभी सर्वे करवाया जाना बाकी है। सर्वे पूरा होने के बाद इन जातियों को भी ओबीसी की सूची में अधिसूचित करने पर निर्णय लिया जाएगा। सामाजिक न्याय समिति ने 2019 में यूपी में ओबीसी जातियों की आबादी की रिपोर्ट सरकार को सौंपी थी। यह रिपोर्ट हुकुम सिंह कमेटी पर आधारित बताई जा रही है।ये जातियां ओबीसी में शामिल हो सकती हैं:भूर्तिया, अग्रहरि, दोसर वैश्य, जैसवार राजपूत, रूहेला, मुस्लिम शाह, मुस्लिम कायस्थ, हिन्दू कायस्थ, बर्नवाल, कमलापुरी वैश्य, कोर क्षत्रिय राजपूत, दोहर, अयोध्यावासी वैश्य, केसरवानी वैश्य, बागवान, ओमर बनिया, माहौर वैश्य, हिन्दू भाट, भट्ट, गोरिया, बोट, पंवरिया, उमरिया, नोवाना, मुस्लिम भाट।इन जातियों के लिए सर्वे होगा: विश्नोई, खार राजपूत, पोरवाल, पुरूवार, कुन्देर खरादी, बिनौधिया वैश्य, सनमाननीय वैश्य, गुलहरे वैश्य, गधईया, राधेड़ी, पिठबज।

व्हाट्सप्प आइकान को दबा कर इस खबर को शेयर जरूर करें 

स्वतंत्र और सच्ची पत्रकारिता के लिए ज़रूरी है कि वो कॉरपोरेट और राजनैतिक नियंत्रण से मुक्त हो। ऐसा तभी संभव है जब जनता आगे आए और सहयोग करे

Donate Now

[responsive-slider id=1466]
error: Content is protected !!