Uttar Pradesh News :: वेस्ट यूपी में मुस्लिम-दलित पर फोकस तो पूर्वांचल में दलित-अति पिछड़ा कॉम्बिनेशन… क्या है मायावती का प्लान
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Uttar Pradesh News :: वेस्ट यूपी में मुस्लिम-दलित पर फोकस तो पूर्वांचल में दलित-अति पिछड़ा कॉम्बिनेशन... क्या है मायावती का प्लान
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संवाददाता :: ::Sandeepa Ray {LMP} :: Date ::24 ::12::.2022: वेस्ट यूपी में मुस्लिम-दलित पर फोकस तो पूर्वांचल में दलित-अति पिछड़ा कॉम्बिनेशन… क्या है मायावती का प्लान
उत्तर प्रदेश की सियासत में बसपा अपने सबसे.सबसे कठिन दौर से गुजर रही है. बीएसपी का जनाधार खिसक चुका है और कद्दावर नेता पार्टी छोड़ चुके हैं. मायावती एक बार फिर से कांशीराम की राह पर लौटी हैं और दो मोर्चों पर चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं. पूर्वांचल में अतिपिछड़ा तो पश्चिम यूपी में मुस्लिम कॉम्बिनेशन बना रही है।उत्तर प्रदेश की सियासत में अपने खिसके हुए सियासी जनाधार को वापस हासिल करने के लिए बसपा प्रमुख मायावती कोई कोर कसर छोड़ने की मूड में नहीं दिख रही हैं,
बहुजन प्रेरणा दैनिक समाचार पत्र व बहुजन इंडिया 24 न्यूज़ (सम्पादक- मुकेश भारती ) किसी भी शिकायत के लिए सम्पर्क करे – 9336114041
क्योंकि अब लड़ाई सियासी वजूद बचाने की है. मायावती यूपी में नगर निकाय और 2024 लोकसभा चुनाव को दो

मोर्चे पर लड़ने की तैयारी में हैं पश्चिमी यूपी में मुस्लिमों पर फोकस है तो पूर्वांचल में अति पिछड़ी जातियों को जोड़ने की रणनीति. इस तरह बसपा अपने कोर वोटबैंक दलित समुदाय को लामबंद रखते हुए अति पिछड़ी जातियों और मुस्लिमों को गोलबंद करने की रणनीति पर काम कर रही है। विश्वनाथ पाल बने बसपा के प्रदेश अध्यक्ष बसपा सुप्रीमो मायावती ने अति पिछड़ी जाति से आने वाले विश्वनाथ पाल को प्रदेश अध्यक्ष बनाया है, जो राम नगरी अयोध्या से आते हैं. वह मायावती के बेहद करीबी माने जाते हैं। बसपा के तमाम दिग्गजों के अलग होने के बाद भी उन्होंने मायावती का साथ नहीं छोड़ा. ऐसे में मायावती ने उन्हें प्रदेश अध्यक्ष बनाकर सियासी तौर पर बड़ा तोहफा दिया है तो निकाय चुनाव से पहले बड़ा बदलाव कर राजनीतिक समीकरण साधने की कवायद की है। मायावती ने विश्वनाथ पाल को पार्टी के वफादार और ओबीसी चेहरा बताते हुए अति पिछड़े समुदाय को जोड़ने का जिम्मा सौंपा है। पूर्वांचल में अति पिछड़ों पर फोकस विश्वनाथ पाल अयोध्या से आते हैं और अति पिछड़े समुदाय के पाल जाति से हैं विश्वनाथ पाल बसपा के प्रदेश अध्यक्ष बनाए गए तो गया शंकर कश्यप को अयोध्या मंडल का कोआर्डिनेटर नियुक्त किया गया है। मायावती ने दो दिनों में पूर्वांचल के दो अति पिछड़े समुदाय के नेताओं को मोर्चे पर लगाकर भविष्य के सियासी मकसद को साफ कर दिया है। मायावती ने कहा कि विश्वनाथ पाल बसपा के प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर विशेषकर अति पिछड़ी जातियों को बसपा से जोड़कर पार्टी के जनाधार को बढ़ाने के लिए जी-जान से काम करेंगे।
संवाददाता ::मेरठ :: Sandeepa Ray {LMP} :: Date ::24 ::12::.2022:BSP. Supremo Mayawati मेरठ में निकाय चुनाव में लौट रही बसपा, बसपा सुप्रीमो मायावती खुद संभाल रहीं कमान
मेरठ: उप चुनाव से दूर रही बसपा अब स्थानीय निकाय चुनाव से दूर रहने वाली बहुजन समाज पार्टी बसपा इस बार निकाय चुनाव में पूरी तैयारी के साथ लौट रही है। यह निकाय चुनाव बसपा के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है। यही वजह है कि बसपा सुप्रीमो मायावती खुद स्थानीय निकाय चुनाव को लेकर कमान संभाल रही है। निकाय चुनाव के उम्मीदवारों से सीधे पूर्व मुख्यमंत्री मायावती संवाद कर रही है। टिकटों को लेकर भी कार्यकर्ताओं से सीधे मीटिंग उनकी हो रही है।दरअसल, तमाम जिम्मेदारी खुद बसपा सुप्रीमो मायावती ही संभाल रही हैं। हालांकि दूसरे दलों ने स्क्रीनिंग कमेटी गठित कर रखी है, जो प्रत्याशियों का चयन कर रही है। मेरठ में बसपा ने यदि मुस्लिम प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतारा तो सभी के गणित बिगड़
जाएंगे। क्योंकि यह चुनाव मुस्लिमों पर टिका हुआ है। रालोद और सपा खतौली उपचुनाव के फार्मूले पर ही काम करेगी, जिसके चलते मुस्लिमों को और तथा दूसरी जातियों को अपने साथ जोड़ने की कवायद की जाएगी, लेकिन बसपा सफल मुस्लिम प्रत्याशी उतारकर पानी फेर सकती है।इससे पहले भी मेरठ में बसपा से सुनीता वर्मा को चुनाव मैदान में उतारा गया था। सुनीता वर्मा ने जीत भी दर्ज की थी। मेरठ की सीट पिछले चुनाव में बसपा के खाते में गई थी। सूत्रों का कहना है कि बसपा सुप्रीमो नगर निगम और नगर पंचायतों में टिकट मांगने वालों से सीधे संवाद कर रही है। मेरठ, मुजफ्फरनगर, शामली, सहारनपुर, बागपत, गाजियाबाद से बड़ी तादाद में उम्मीदवारी की दावेदारी करने वालों का लखनऊ में डेरा डाला गया हैं, जो अपना टिकट का दावा कर रहे हैं।उनसे भी मायावती बातचीत कर रही है और टिकटों का आश्वासन भी दे रही हो। हालांकि उम्मीदवारों के चयन की जिम्मेदारी पार्टी की जिला इकाइयों को सौंपी गई है। मेरठ समेत यूपी में 17 नगर निगम है, जिनमें बसपा की भूमिका अहम हो सकती है। सूत्रों का कहना है कि बसपा सुप्रीमो मायावती ने नगर निकाय चुनाव को लेकर लखनऊ में ही डेरा डाल दिया है, वहीं पर अपने आवास पर उम्मीदवारों से बातचीत कर रही हैं।
संवाददाता ::दातागंज बदायूं:: प्रशांत सिंह यादव {C018} :: Dt.22.12.2022: दातागंज बदायूं जहारवीर बाबा मंदिर की 18 वीं वर्ष पर
6 जनवरी 2023 से श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया जाएगा। उक्त बातों की जानकारी देते हुए राजपाल गुर्जर ने बताया कि समरेर से 3 किलोमीटर के समीप स्थित बझेड़ा में सामूहिक भागवत कथा होगी, जो 6 जनवरी से 14 जनवरी 2023 तक चलेगी।

कु ज्योति शास्त्री जी कासगंज (उत्तर प्रदेश) मुख्य कथावाचक होंगी। कु ज्योति शास्त्री जी पूर्व में भी बझेड़ा में अपनी मधुर वाणी से और समाज के ज्वलंत उदाहरण से हजारों श्रोताओं को कथा का रसपान करा चुकी हैं।
उन्होंने बताया कि सूरत मंदिर से बालकृष्ण स्वामी तथा सर्वमंगल स्वामी ने हाल ही में दौरा कर भागवत कथा के लिए उचित मार्ग दर्शन तथा दिशा निर्देश दिए हैं। समस्त ग्रामवासी (बझेड़ा) निवेदक-: गुर्जर प्रशान्त नागर
“पोथी पढ़ि पढ़ि जग मुआ, पंडित भया न कोय,
ढाई आखर प्रेम का, पढ़े सो पंडित होय।”
अर्थ – कबीर दास जी के दोहे से समझ में आता है कि संसार की बड़ी-बड़ी पुस्तकें पढ़कर कितने ही लोग मृत्यु के द्वार तक पहुंच गए, मगर वे सभी विद्वान नहीं हो सके थे। वे कहते हैं कि इतन पढ़ने के बजाय अगर कोई प्रेम या प्रेम के ढाई अक्षर ही पढ़ ले यानी कि प्रेम के वास्तविक रूप को पहचान ले तो वह सच्चा ज्ञानी माना जाएगा
तुरंत ब्लड शुगर लेवल के स्तर को कैसे कम करें? Sugar Level Kam Karne ka Gharelu Upay
पहला उपाय : ये है कि जिस मरीज का ब्लड शुगर लेवल बड़ा हुआ है उसके लिए ब्लड शुगर लेवल के स्तर को कम करने लिए सुबह उठकर खाली पेट दो से तीन तुलसी की पत्ती चबाएं,या फिर आप चाहें तो तुलसी का रस भी पी सकते हैं । इससे आपका ब्लड शुगर नियंत्रण में आ जाएगा । तुलसी के सेवन के साथ में यदि आप शुगर को कम करने वाली दवाओं का सेवन कर रहे हैं तो ध्यान रखें और डॉक्टर्स से परामर्श जरूर लें । क्योंकि शुगर को तेजी से कम करने का काम करती है ।
दूसरा उपाय: ये है कि जिस मरीज का ब्लड शुगर लेवल बड़ा हुआ है उसके लिए ब्लड शुगर लेवल के स्तर को कम करने का सबसे आसान तरीका है पानी। इस दौरान अगर आप पानी पीते हैं तो यह आपके रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है। आपको बता दें कि पानी के जरिए किडनी टॉक्सिन्स और इंसुलिन को शरीर से बाहर निकालने का काम करता है।

शुगर को कम करने के लिए क्या खाना चाहिए ?
डायबिटीज में अरहर की दाल, काबुली चने, हरे चने, कुलथी की दाल का सेवन अधिक करना चाहिए. डायबिटीज में कौन-से फल खाने चाहिए? शुगर के मरीज सेब, संतरा, आड़ू, बेरीज, चेरी, एप्रिकोट, नाशपाती और कीवी जैसे फल हर दिन खा सकते हैं. आप बिना गुड़ के उबाली हुई शकरकंद का सेवन भी कर सकते हैं. डॉ अजय अनंत चौधरी Dt.21-12-2022
मधुमेह के लिए प्राकृतिक घरेलू उपचार का अवलोकन।
मधुमेह रोग (Diabetes) एक ऐसी स्थिति है जिसमें किसी व्यक्ति के रक्त शर्करा ( blood sugar ) का स्तर सामान्य शर्करा के स्तर से ऊपर होता है। हम जो भी खाना खिलते है उसके पाचन के बाद वह ग्लूकोस बन जाता है। यह ग्लूकोस (glucose) खून के ज़रिये विभिन शरीर की कोशिकाओं तक पहुँचता है। और ऊर्जा पैदा होती है। इसलिए खाना खाते ही ग्लूकोस की मात्रा खून मे बढ़ जाती है। ग्लूकोस की मात्रा बढ़ते ही इन्सुलिन (insulin) नाम का हॉर्मोन (hormone) सतर्क हो जाता है और वह इस ग्लूकोस को शरीर की कोशिकायों मे प्रवेश करने मे मदद करता है।
जब इन्सुलिन की कमी होती है या शरीर इन्सुलिन प्रतिरोधक (insuline resistance) हो जाता है तो ग्लूकोस का कोशिकाओं मे प्रवेश कम हो जाता है। जिस कारण ग्लूकोस की मात्रा खून मे ज़ायदा हो जाती है। इस स्तिति को डायबिटीज या मधुमेह कहते है।
डायबिटीज को नियंत्रण करने के लिए ऐसा खाना, खाना चाहिए जो आप के ग्लूकोस की मात्रा को ज़ायदा नहीं बढ़ाये या अचानक तेज़ी से ग्लूकोस के स्तर को असंतुलित कर दे। डायबिटीज के मरीज़ों को इसलिए अपने खान पान पर बहुत धयान देना चाहिए।
घर पर प्राकृतिक रूप से मधुमेह का इलाज कैसे करें, इसका सरल उपाय है कि हमें अपने द्वारा खाए जाने वाले भोजन को भली भांति समझना चाहिए। कुछ खाद्य पदार्थ रक्त शर्करा के स्तर को तेजी से बढ़ाते हैं। ये उच्च ग्लाइसेमिक इंडेक्स (High Glycemic index) वाले खाद्य पदार्थ कहलाते हैं। जबकि कुछ खाद्य उत्पाद बहुत धीरे-धीरे ग्लूकोज छोड़ने के लिए जाने जाते हैं। ये लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स (low glycemic index) वाले खाद्य पदार्थ कहलाते हैं। इस प्रकार, निम्न और उच्च ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले प्राकृतिक खाद्य पदार्थों का उचित चयन ग्लूकोस के स्तर को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है।डॉ अजय अनंत चौधरी Dt.21-12-2022
संविधान के अनुच्छेद
अनुच्छेद 14 से 18 समानता का अधिकार:
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14, 15, 16, 17 और 18 के तहत समानता का अधिकार दिया गया है। ये लेख नागरिकों को कानून के समक्ष समान व्यवहार और कानून की समान सुरक्षा, सार्वजनिक रोजगार में समान अवसर सुनिश्चित करते हैं और भेदभाव और अस्पृश्यता को रोकते हैं जो सामाजिक बुराइयाँ हैं।
अनुच्छेद 14 से 18 समानता का अधिकार:
अनुच्छेद 14 के अनुसार : भारत राज्य क्षेत्र में राज्य के किसी व्यक्ति को विधि के समक्ष समता और विधियों के समान संरक्षण से वंचित नहीं किया जाएगा इस अनुच्छेद में की दो बातें निहित है। यह अनुच्छेद बहुत व्यापक दृश्टिकोण के लिए संविधान में सम्मलित किया गया है।
विधि के समक्ष समानता : विधि के समक्ष समानता यह ब्रिटिश संविधान से ग्रसित किया गया है यह अनुच्छेद कानून समानता का नकारात्मक दृष्टिकोण है इसमें निम्न तीन अर्थ निकलता है।
1 – देश में कानून का राज: देश में सभी व्यक्ति चाहे वे जिस जाति धर्म व भाषा के हो सभी एक समान कानून के अधीन हैं कोई भी व्यक्ति कानून के ऊपर नहीं है।
2 – विधियों का समान संरक्षण: विधियों के समान संरक्षण यह अमेरिका संविधान से ग्रसित किया गया इसका अर्थ यह है कि समय परिस्थिति वाले व्यक्तियों को कानून के समक्ष सामान समझा जाएगा क्योंकि समानता का अधिकार का मतलब सब की समानता ना होकर सामान रूप में समानता है अर्थात एक ही प्रकार की योग्यता रखने वाले व्यक्तियों के साथ जाति धर्म भाषा व लिंग के आधार पर कोई भेदभाव ना किया जाए।
3-विधानी वर्गीकरण : भारतीय संविधान की विधानी वर्गीकरण के सिद्धांत का प्रतिपादन करता है जो अनुच्छेद 14 का उल्लंघन नहीं करता है विधानी वर्गीकरण का अर्थ है कि यदि एक व्यक्ति की अपनी आवश्यकता है परिस्थितियों के अनुसार अन्य से भिन्न है तो उसे एक वर्ग माना जाएगा और समानता का सिद्धांत उस पर अकेले लागू होगा लेकिन इसका आधार वैज्ञानिक तर्कसंगत या युक्त होना चाहिए।
इसमें नैसर्गिक न्याय का सिद्धांत निहित है। यह अनुच्छेद भारतीय संविधान का मूल ढांचा है। इसमें विधि के शासन का उल्लेख है। इसमें सर्वग्राही समानता का सिद्धांत पाया जाता है।
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