बरबर नगर पंचायत में कोतवाली बनाए जाने की मांग – बहुजन इंडिया 24 न्यूज

बरबर नगर पंचायत में कोतवाली बनाए जाने की मांग

1 min read
😊 Please Share This News 😊

बहुजन इंडिया 24 न्यूज़ व बहुजन प्रेरणा दैनिक समाचार पत्र ( सम्पादक- मुकेश भारती :सम्पर्क सुत्र- 9161507983 )
बरबर : (एजाज अहमद – ब्यूरो रिपोर्ट )


                                           बरबर नगर पंचायत में कोतवाली बनाए जाने की मांग

 

मूलभूत सुविधाओं से वंचित है नगर पंचायत बरबर बरबर नगर पंचायत में कोतवाली बनाए जाने की मांग रफीक खॉन जिददी जनपद लखीमपुर खीरी के कस्बा बरबर को कहने को तो नगर पंचायत का तमगा प्राप्त है लेकिन नगर पंचायत बरबर का दर्जा प्राप्त होने के उपरांत भी नगर पंचायत जैसी सुविधाएं उपलब्ध ना होने के कारण मूलभूत सुविधाओं से वंचित है कस्बा बरबर चाहे शिक्षा की बात की जाए चाहे स्वास्थ्य व्यवस्था की बात की जाए चाहे सफाई व्यवस्था की बात की जाए हर प्रकार से नगर पंचायत बर्बर हर मामले में बिछड़ता नजर आ रहा है लेकिन इसकी किसी भी क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि वा अधिकारियों के कानों पर जू नहीं रेंग रही है नगर पंचायत बर्बर की आबादी लगभग 50000 होने के उपरांत भी बर्बर में स्वास्थ्य के नाम पर सिर्फ एक स्वास्थ्य केंद्र है जहां पर मरीजों के लिए कोई उचित व्यवस्था नहीं है अगर कोई मरीज वहां पर जाता है तो उसे हरी पीली नीली गोलियां देकर चलता कर दिया जाता है अगर कोई गंभीर मरीज होता है तो उसको पर्सगमा मोहम्मदी ले जाया जाता है यही नहीं स्वास्थ्य केंद्र बरबर भीषण गंदगी की चपेट में भी है अस्पताल के ग्राउंड के अंदर झाड़ियां खड़ी हुई है जहां तक बात की जाए शिक्षा व्यवस्था की तो सरकारी विद्यालय के नाम पर मात्र कक्षा 8 तक की शिक्षा ग्रहण करने की व्यवस्था है बाकी सब शिक्षा के नाम पर दुकानें खुली हुई है मनमानी फीस वसूली जाने के कारण गरीब तबके के लोग उन विद्यालयों में दाखिला ना लेकर अशिक्षित रह जाते हैं जिसमें सबसे ज्यादा कठिनाइयों का सामना छात्राओं को करना पड़ता है बरबर कस्बे के मोहल्ला विजय नगर में कभी एक कन्या पाठशाला हुआ करता था जो आज पूरी तरीके से खंडहर में तब्दील हो चुका है शराबी और जुआरियों का अड्डा बन चुका है कस्बे के कुछ संभ्रांत व्यक्तियों का कहना है कि अगर उस पर 2 मंजिला इमारत बनाकर तैयार कर ली जाए तो कन्याओं के लिए बालिका इंटर कॉलेज खोला जा सकता है जिससे बालिकाओं के लिए इंटर तक की शिक्षा प्राप्त करने की व्यवस्था हो सकती है नगर पंचायत बरबर की लगभग 50000 आबादी होने के उपरांत भी बरबर कस्बे में सिर्फ बरबर कोतवाली होने के बजाय सिर्फ एक पुलिस स्टेशन ही है एफ आई आर या रिपोर्ट दर्ज करवाने के लिए पीड़ितों फरियादियों को लगभग 20 किलोमीटर दूर पसगवा जाना पड़ता है बरबर कस्बे के निवासी कौमी एकता कमेटी के नगर अध्यक्ष बायो वृद्ध मुंशी अब्दुल जलील खान ने कई बार बरबर कस्बे को कोतवाली बनाने के लिए उच्च अधिकारियों से लेकर शासन तक कई प्रार्थना पत्र ज्ञापन दिए व धरना प्रदर्शन किए लेकिन कस्बे में सिर्फ एक पुलिस चौकी ही है और थाना नहीं बन सका बरबर कस्बे को नगर पंचायत का तमगा होने के बावजूद भी बर्बर अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है जहां तक बात की जाए सफाई व्यवस्था की तो सफाई व्यवस्था के नाम पर सिर्फ कागजों पर ही खाना पूरी होती रहती है अगर उनकी सड़कों को नालियों को देखा जाए तो हकीकत सामने आ जाती है फिलहाल भीषण गंदगी की चपेट में है नगर पंचायत बर्बर गंदगी से न सुरक्षित शिक्षण संस्थान न सुरक्षित है धार्मिक स्थल और ना ही सुरक्षित हैं स्वास्थ्य अस्पताल बरबर कस्बे के चारों तरफ गंदगी का अंबार लगा हुआ है भयानक बीमारी डेंगू मलेरिया टाइफाइड चिकनगुनिया जैसी खतरनाक बीमारियों का खतरा नगर पंचायत बरबर पर मंडरा रहा है लेकिन गूंगी बहरी नगर पंचायत बर्बर टाउन एरिया ने अपनी आंखों पर काली पट्टी बांध रखी है ना किसी की आवाज सुनने के लिए तैयार है ना देखने को तैयार है नालिया भरे होने के कारण नालियों का गंदा पानी सड़कों पर बहता है नगर पंचायत बर्बर में मच्छरों का प्रकोप जारी है इतना सब कुछ होने के बाद में भी आखिर क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि व अधिकारी भी बर्बर की ओर ध्यान क्यों नहीं देते हैं चुनाव के दौरान तो सभी नेतागण आते हैं और वादों का लाली पाप जनता को थमा करके वोट तो हासिल कर लेते हैं कहीं अस्पताल के नाम पर तो कहीं डिग्री कॉलेज खुलवाने के नाम पर वोट लेकर माननीय चले जाते हैं लेकिन फिर 5 साल तक बर्बर की जनता की तरफ मुड़ कर देखना गवारा तक नहीं करते हैं आखिर बरबर की भोली-भाली जनता को कब सुविधाएं मिलेंगी बर्बर की जनता टकटकी लगाए देख रही है फिलहाल नगर पंचायत बरबर क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों का दंश लगातार झेलती आ रही है जिससे नगर पंचायत बर्बर काफी बिछड़ता जा रहा है बरबर नगर पंचायत की जनता को शासन से मांग है की बर्बर में पुलिस चौकी को कोतवाली बनाया जाए और 1 डिग्री कॉलेज बरबर में खुलवाया जाए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को सीएचसी बनाया जाए और बरबर कस्बे की सफाई व्यवस्था पर ध्यान दिया जाए बर्बर को साफ सुथरा बनाया जाए।


क्राइम रिपोर्टर एजाज अहमद

व्हाट्सप्प आइकान को दबा कर इस खबर को शेयर जरूर करें 

स्वतंत्र और सच्ची पत्रकारिता के लिए ज़रूरी है कि वो कॉरपोरेट और राजनैतिक नियंत्रण से मुक्त हो। ऐसा तभी संभव है जब जनता आगे आए और सहयोग करे

Donate Now

[responsive-slider id=1466]
error: Content is protected !!