समस्तीपुर प्रधानमंत्री ने कहा हर गांव को अपनाना चाहिए सुखेत माडल – बहुजन इंडिया 24 न्यूज

समस्तीपुर प्रधानमंत्री ने कहा हर गांव को अपनाना चाहिए सुखेत माडल

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बहुजन इंडिया 24 न्यूज़ व बहुजन प्रेरणा दैनिक समाचार पत्र ( सम्पादक मुकेश भारती- सम्पर्क सूत्र 9161507983)
समस्तीपुर : (जकी अहमद – ब्यूरो रिपोर्ट ) दिनांक- 30 – अगस्त- 2021- सोमवार


    प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने की डा राजेन्द्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के सुखेत माडल की सराहना।
   समस्तीपुर प्रधानमंत्री ने कहा हर गांव को अपनाना चाहिए सुखेत माडल

 

प्रधानमंत्री ने कहा हर गांव को अपनाना चाहिए सुखेत माडल। ज़िला के पूसा में स्थित डा राजेन्द्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डा रमेश चन्द्र श्रीवास्तव के नेतृत्व में विश्वविद्यालय के सुखेत कृषि विज्ञान केंद्र में चलाये जा रहे योजना की सराहना भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने अपने “मन की बात” कार्यक्रम में की है। प्रधानमंत्री ने कहा सुखेत माडल न सिर्फ स्वच्छता को बढावा दे रहा है बल्कि गांव में प्रदूषण से मुक्ति के साथ साथ किसानों को जैविक खाद भी उपलब्ध करवा रहा है। उन्होंने देश भर के पंचायतों से सुखेत माडल का उपयोग करने की अपील भी की। कुलपति डा श्रीवास्तव ने प्रधानमंत्री के द्वारा की सराहना पर हर्ष व्यक्त किया और उन्हें धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होंने कहा कि देश के शीर्ष नेतृत्व की ओर से की गयी सराहना से निश्चित ही उनका और उनकी टीम के सभी वैज्ञानिकों एवं कर्मचारियों का हौसला बढेगा। उन्होंने विश्वविद्यालय की इस उपलब्धि पर सभी कर्मचारियों और वैज्ञानिकों को बधाई दी और कहा की विश्वविद्यालय के सभी लोग एकनिष्ठ होकर एक टीम की तरह काम कर रहे हैं। इसी सामुहिकता के कारण विश्वविद्यालय को नित नयी उपल्बधियां हासिल हो रही हैं। आपको बता दें कि सुखेत माडल विश्वविद्यालय के कुलपति डा रमेश चन्द्र श्रीवास्तव की अनूठी परियोजना है जिसका विस्तार अब अन्य गांवों में भी किया जा रहा है। इस परियोजना को मधुबनी जिले के सुखेत में सर्वप्रथम लागू किया गया इसलिए इसे सुखेत माडल कहते हैं। इस परियोजना के तहत गांव के घरों से कूड़ा कचरे तथा गोबर घर घर जाकर इकट्ठा किया जाता है फिर उसे वर्मी कम्पोस्ट ( जैविक खाद) में बदल दिया जा है। जैविक खाद की बिक्री से जो आमदनी होती है उससे हर परिवार को कचरे और गोबर के बदले में दो महीने पर एलपीजी सिलेंडर उपलब्ध करवाया जाता है। इस परियोजना से गांव में चौदह से पंद्रह लोगों को रोजगार भी मिलता है। डा श्रीवास्तव ने विश्वविद्यालय के सुखेत कृषि विज्ञान केंद्र से सभी वैज्ञानिकों एवं कर्मचारियों तथा वर्मी कम्पोस्ट से जुड़े विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों की भी सराहना की ।  कर्मचारियों ने विश्वविद्यालय की इस उपलब्धि पर कुलपति को बधाई दी।

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