गोरखपुर राप्ती का रौद्र रूप: 23 साल पहले जैसी बाढ़ की नौबत, खतरे के निशान से 1.59 मीटर ऊपर नदी
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बहुजन इंडिया 24 न्यूज़ व बहुजन प्रेरणा दैनिक समाचार पत्र ( सम्पादक मुकेश भारती- सम्पर्क सूत्र 9161507983)
गोरखपुर : ( अवधेश कुमार – ब्यूरो रिपोर्ट ) दिनांक- 3 – सितम्बर – 2021- शुक्रवार
गोरखपुर राप्ती का रौद्र रूप: 23 साल पहले जैसी बाढ़ की नौबत, खतरे के निशान से 1.59 मीटर ऊपर नदी
राप्ती का रौद्र रूप: 23 साल पहले जैसी बाढ़ की नौबत, खतरे के निशान से 1.59 मीटर ऊपर नदी गोरखपुर की राप्ती नदी खतरे के निशान से 23 सेंटीमीटर और ऊपर पहुंच गई है। जो जलस्तर रविवार को खतरे के निशान से 1.36 मीटर था, वह सोमवार की शाम चार बजे तक 1.59 मीटर हो गया। नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। प्रति घंटा एक सेंटीमीटर की बढ़ोतरी रिकॉर्ड की गई है। इसी का नतीजा है कि शहरी क्षेत्र के ट्रांसपोर्टनगर स्थित अमरुतानी बाग तक बाढ़ का पानी आ गया है। इससे लोग दहशतजदा हैं। नदी से जुड़े बंधों पर पानी का जबरदस्त दबाव है। डोमिनगढ़ पुल के आसपास कटान का खतरा है। पुल के पास की मिट्टी लगातार पानी में समा रही है। पुल की शुरुआत में बड़ी कटान देखा जा सकती है।राप्ती नदी का जलस्तर प्रति घंटा एक सेंटीमीटर बढ़ रहा है। केंद्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक 1998 में नदी का जलस्तर खतरे के निशान से करीब 2.56 मीटर ऊपर गया था। तब बाढ़ ने तबाही मचाई थी। शहरी क्षेत्र में भी बाढ़ का पानी घुसा था। यही स्थिति इस बार भी आने की हो गई है23 वर्ष पहले की बाढ़ के जलस्तर से राप्ती नदी 97 सेंटीमीटर दूर है। अगर जलस्तर बढ़ने का सिलसिला जारी रहा तो दिक्कत और बढ़ सकती है। नदी के बढ़ते जलस्तर से अफसर भी सहमे हैं। लगातार बंधों की निगरानी की जा रही है। जिलाधिकारी विजय किरन आनंद ने अलग-अलग अधिकारियों को निगरानी में लगाया है। जलस्तर की निगरानी करने वाले कर्मचारियों के मुताबिक अभी बैराज से पानी नहीं छोड़ा गया है। बारिश का पानी नदी में आ रहा है। इसके बावजूद प्रति घंटा एक सेंटीमीटर के हिसाब से जलस्तर बढ़ रहा है। अगर बैराज से पानी छोड़ा गया तो चुनौती बढ़ जाएगी। बंधों को सुरक्षित रख पाना मुश्किल रहेगा। गोरखपुर शहर से जुड़े बंधों पर भी जबरदस्त दबाव है। सिंचाई विभाग के मुख्य अभियंता आलोक जैन ने कोठा-सेमरा बांध का निरीक्षण किया।
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