लखीमपुर खीरी सुप्रीम कोर्ट का यूपी सरकार से सवाल रैली में सैकड़ों किसान थे तो चश्मदीद गवाह सिर्फ 23 क्यों – बहुजन इंडिया 24 न्यूज

लखीमपुर खीरी सुप्रीम कोर्ट का यूपी सरकार से सवाल रैली में सैकड़ों किसान थे तो चश्मदीद गवाह सिर्फ 23 क्यों

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बहुजन इंडिया 24 न्यूज़ व बहुजन प्रेरणा दैनिक समाचार पत्र ( सम्पादक मुकेश भारती- सम्पर्क सूत्र 9336114041 )
लखीमपुर खीरी : ( अमरेंद्र सिंह – ब्यूरो रिपोर्ट ) दिनांक- 26 – अक्टूबर – 2021-मंलवार ।


     लखीमपुर खीरी सुप्रीम कोर्ट का यूपी सरकार से सवाल रैली में सैकड़ों किसान थे तो चश्मदीद गवाह सिर्फ 23 क्यों

सुप्रीम कोर्ट का यूपी सरकार से सवाल- रैली में सैकड़ों किसान थे तो चश्मदीद गवाह सिर्फ 23 क्यों लखीमपुर खीरी तिकुनिया हिंसा का मामला लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में आज फिर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को घटना के गवाहों को सुरक्षा देने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने यूपी सरकार से लखीमपुर हिंसा में पत्रकार रमन कश्यप और एक श्याम सुंदर की हत्या की जांच पर जवाब दाखिल करने को भी कहा है। अब मामले की अगली सुनवाई आठ नवंबर को होगी। रैली में सैंकड़ों किसान लेकिन चश्मदीद गवाह सिर्फ 23 क्यों?: सुप्रीम कोर्टसुनवाई के दौरान उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने स्टेटस रिपोर्ट सौंपते हुए सुप्रीम कोर्ट को बताया कि 68 गवाहों में से 30 गवाहों के बयान दर्ज किए गए हैं और 23 लोगों ने घटना के चश्मदीद होने का दावा किया है। इसपर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि रैली में सैकड़ों किसान थे और सिर्फ 23 चश्मदीद गवाह बने? फिर साल्वे ने जवाब देते हुए कहा कि हमने गवाही के लिए विज्ञापन जारी भी किया। वीडियो सबूत भी मिले हैं। जांच जारी है। हरीश साल्वे ने कहा कि यूपी सरकार सीलबंद लिफाफे में गवाहों के दर्ज बयान दे सकती है। सीजेआई ने कहा कि अगर आपके पास 23 चश्मदीद गवाह हैं तो हरेक पहलू और संभावना को तलाशिए और कदम बढ़ाइए। सीजेआई ने आगे कहा कि घटनास्थल पर 4000-5000 लोगों की भीड़ थी जिसमें कि सभी स्थानीय लोग थे और यहां तक कि घटना के बाद भी अधिकांश लोग आंदोलन कर रहे हैं। तो फिर, इन लोगों की पहचान में कोई समस्या नहीं होनी चाहिए। गवाहों की सुरक्षा  सबसे अधिक जरूरी सुप्रीम कोर्ट इसपर सीजेआई ने कहा, वहां जुटी भीड़ में बहुत से लोग सिर्फ सही से लोग जानकारी देने से कतराएंगे। मजबूत गवाहों की पहचान जरूरी है। क्या कोई गवाह घायल भी है? वीडियो का परीक्षण जल्दी करवाइए। नहीं तो हमें लैब को निर्देश देना होगा। इसमें  गवाहों की सुरक्षा  सबसे अधिक जरूरी है। हम गवाहों की सुरक्षा का निर्देश देते हैं। सभी गवाहों के बयान मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज करवाए जाएं।

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