भारतीय संविधान पर सांप्रदायिकता का हमला:एस चंद्रा बौद्ध – बहुजन इंडिया 24 न्यूज

भारतीय संविधान पर सांप्रदायिकता का हमला:एस चंद्रा बौद्ध

1 min read
😊 Please Share This News 😊
–भारतीय संविधान पर सांप्रदायिकता का हमला–
————————————————————–
भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के तत्कालीन अध्यक्ष न्यायमूर्ति जे एस वर्मा नें “द कॉन्स्टिट्यूशन ए केस ऑफ रिथिंकिंग” नामक बिषय पर नई दिल्ली में भाषण देते हुए कहा था कि भारतीय संविधान की प्रस्तावना में संविधान में दिए गए आश्वासनों सहित इसके उद्देश्य समाहित हैं,इसलिए मेरे विचार और मेरे हिसाब से संविधान की प्रस्तावना में कुछ भी पुनर्विचार या समीक्षा के लायक नहीं है,यह प्रस्तावना प्रशंसनीय है,उन्होंने और भी कहा कि संविधान के प्रावधानों का संचालन अनिवार्यता मनुष्य द्वारा किया जाता है,इस स्थिति में मानव की कार्य क्षमता में सुधार किया जाना अपेक्षित है,इसलिए हमें ऐसी प्रक्रिया के बारे में सोचना होगा जिससे मनुष्य की कार्य क्षमता में सुधार हो सके,उन्होंने आगे कहा कि मेरे विचार में संविधान की मूलभूत संरचना ठोस है,इसलिए इस पर पुनर्विचार या समीक्षा की कतई कोई आवश्यकता नहीं है,उन्होंने दृढ़तापूर्वक कहा कि यह मेरा दृढ़ विश्वास है कि संविधान की क्रियाविधि में पाई जाने वाली असमानताएं इन प्रावधानों पर अलग अलग समय पर काम करने वाले व्यक्तियों की असफलता अथवा कमियों के कारण हैं,यही कारण है कि मूल में लागू किया गया प्रावधान शुरू शुरू में कुछ समय तक अपेक्षित नहीं था,यद्यपि बाद में इसे बदलने के लिए विवाद शुरू हो गया।

न्यायमूर्ति वी आर कृष्णा अय्यर को भी संविधान समीक्षा आयोग द्वारा मूलाधिकार समिति के अध्यक्ष के रूप में सहयोजित किया गया था,जो अत्यंत प्रगतिशील जज के रूप में विधिक बन्धुत्व के नाम से प्रख्यात रहे हैं,न्यायमूर्ति अय्यर का एक लेख दिनांक 12 अप्रैल सन 2000 में नई दिल्ली से प्रकाशित अंग्रेजी दैनिक “हिन्दू” में प्रकाशित हुआ जिसमें उन्होंने भाजपा के नेतृत्व में केंद्र में कार्यरत एनडीए सरकार द्वारा भारतीय संविधान के पुनरीक्षण कराने की मंशा तथा हेतु के पीछे छिपे षड्यंत्र को उजागर करने में कोई कोर कसर नही छोड़ी थी,उन्होंने स्पष्ट लिखा था कि अब हम समझ गए हैं कि काले सिर वाला गुंडा काले सिर वाली बदमाशी को अंजाम देने के बहाने फिर से सत्ता में आना चाहता है ।संविधान का पुनरीक्षण करना केवल तभी उपयुक्त होगा जब

bahujanindia24newsmukesh bharti Photo
Mukesh Bharti: Chief Editor-बहुजन इंडिया 24 न्यूज़

संविधान को लागू करने की जिन पर संविधानिक जिम्मेदारी है,वे कैबिनेट मंत्रीगण खोटे सिक्के की तरह संविधान को विफल करने का प्रयास करें,संविधान में ऐसी कोई व्यवस्था नही है,कि जिसके द्वारा उसकी उपयोगिता कम की जा सके,उसकी वास्तविकता का विप्रयास किया जा सके या फिर उसे निजी संपत्ति की तरह मित्रवत रूप में इस्तेमाल कर सके,इससे यह स्पष्ट होता है,कि बिना समुचित संदर्भ सूची को स्पष्ट किये संविधान पुनरीक्षण आयोग का गठन एक सोची समझी साजिश ही है।यहां हम यह भी कह सकते हैं कि यह हिंदुत्व के शैतान का ही एक रूप है,जो अस्पष्ट रूप के आक्रामक रवैये के कारण बाबरी मस्जिद को तुड़वाने में तथा गुजरात में सरे बाजार कत्लेआम से बाज नहीं आये,न्यायमूर्ति नें आयोग की विश्वसनीयता पर प्रश्नचिन्ह लगाते हुए कहा है कि इसके चयन में विपक्ष को पूरी तरह दूर रखा गया है वहीं पर इसमें किसी एक भी दलित को शामिल नहीं किया गया है,और पिछड़ों के प्रति भी अनिच्छा ही दिखाई गई है,और इसके साथ ही इसके अध्यक्ष के रूप में किसी पूर्व मुख्य न्यायाधीश को भी मनोनीत नहीं किया गया है,न्यायमूर्ति वी एम तारकुंडे नें भी अपनें विचार व्यक्त करते हुए कहा है कि संविधान पुनरीक्षण आयोग एक राजनीतिक कलाबाजी के शिवाय और कुछ भी नहीं है।–भारतीय संविधान पर सांप्रदायिकता का हमला-

पृष्ठ-14-15-16. ——– मिशन अम्बेडकर-एस चंद्रा बौद्ध :Facebook Post :16 Dec 2021


सहारनपुर में बसपा कार्यकर्ता सम्मेलन -मुख्य अतिथि सतीश चंद्र मिश्रा । दीपक भारती जिला अध्यक्ष बसपा ।


बहुजन गीत। bahujan song

व्हाट्सप्प आइकान को दबा कर इस खबर को शेयर जरूर करें 

स्वतंत्र और सच्ची पत्रकारिता के लिए ज़रूरी है कि वो कॉरपोरेट और राजनैतिक नियंत्रण से मुक्त हो। ऐसा तभी संभव है जब जनता आगे आए और सहयोग करे

Donate Now

[responsive-slider id=1466]
error: Content is protected !!