लखीमपुर विद्यालय में गंदगी में खाना खाने को मजबूर बच्चे
1 min read
😊 Please Share This News 😊
|
लखीमपुर विद्यालय में गंदगी में खाना खाने को मजबूर बच्चे
सल्लिया ग्राम पंचायत के प्राथमिक विद्यालय की तस्वीर लखीमपुर पसगवां ब्लॉक के जंगबहादुरगंज में बने प्राथमिक विद्यालय की बत्तर व्यवस्था सरकार की योजनाओं की धज्जियां उड़ा रही है । इस विद्यालय में तैनात शिक्षको का आपस मे ही समझौता नही हो पा रहा है प्राथमिक विद्यालय में तैनात सहायक अध्यापिका श्रेष्ठी सेंगर हिटलर की तरह विधलाय में तानाशाही चला रही है वो स्टॉप से लेकर बच्चों तक को अपनी अंगुलियों पर नाचती है जिसके चक्कर मे विद्यालय की हालत लगातार दुरुस्त होती जा रही है हालांकि पसगवां बीइओ ने कई बार शिक्षको को फटकारा है लेकिन अध्यापक अपनी आदत से बाज नही आ रहे है सल्लिया ग्राम पंचायत में बने इस विद्यालय में लापरवाह शिक्षक होने की बजह से बच्चों के भविष्य के साथ खिलबाड़ किया जा रहा है।
बहुजन इंडिया 24 न्यूज़ व बहुजन प्रेरणा दैनिक समाचार पत्र (सम्पादक मुकेश भारती ) मो ० 9336114041 लखीमपुर : (अमरेंदर सिंह – ब्यूरो रिपोर्ट )- दिनांक 11 मार्च 2022- शुक्रवार ।
सल्लिया ग्राम पंचायत के प्राथमिक विद्यालय की तस्वीर लखीमपुर पसगवां ब्लॉक के जंगबहादुरगंज में बने प्राथमिक विद्यालय की बत्तर व्यवस्था सरकार की योजनाओं की धज्जियां उड़ा रही है । इस विद्यालय में तैनात शिक्षको का आपस मे ही समझौता नही हो पा रहा है प्राथमिक विद्यालय में तैनात सहायक अध्यापिका श्रेष्ठी सेंगर हिटलर की तरह विधलाय में तानाशाही चला रही है वो स्टॉप से लेकर बच्चों तक को अपनी अंगुलियों पर नाचती है जिसके चक्कर मे विद्यालय की हालत लगातार दुरुस्त होती जा रही है हालांकि पसगवां बीइओ ने कई बार शिक्षको को फटकारा है लेकिन अध्यापक अपनी आदत से बाज नही आ रहे है सल्लिया ग्राम पंचायत में बने इस विद्यालय में लापरवाह शिक्षक होने की बजह से बच्चों के भविष्य के साथ खिलबाड़ किया जा रहा है। खुद तो अध्यापक कुर्शी पर बैठेंगे लेकिन बच्चों के लिए खाने के समय बैठने के लिए कोई व्यवस्था नही है स्कूल में पढ़ने बाले बच्चे पूरे मोहल्ले में खाना खाते नजर आ रहे है जिसको देखकर ग्राम प्रधान प्रतिनिधि मेडम से बात करने गए तो मेडम में उनसे ही कह दिया यहां तुम्हरा कोई काम नही है बच्चों का भविष्य कैसे बनेगा मुझे पता है अहंकारी अध्यापकों को बच्चों की लिए खाने पीने के लिए साफ सुधरी जगह करने के लिए भी समस्या है जोकि मिडडे में रोजाना सेकड़ो बच्चों के खाने का घोटाला किया जा रहा है अगर बच्चे 70 आते है तो उनके रजिस्टर पर बच्चे 250 चढ़े होते है इसमे कमिश्मन खाना बिल्कुल याद नही रहता है लेकिन बच्चों को अनाथों की तरह सुविधा दे रहे है इसपर कोई ध्यान नही रहता है।
व्हाट्सप्प आइकान को दबा कर इस खबर को शेयर जरूर करें |