3 जून 1995 सामाजिक परिवर्तन दिवस – बहुजन इंडिया 24 न्यूज

3 जून 1995 सामाजिक परिवर्तन दिवस

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बहुजन इंडिया 24 न्यूज़ व बहुजन प्रेरणा दैनिक समाचार पत्र (सम्पादक मुकेश भारती ) 9161507983
आगरा ( प्रिन्स कुमार – ब्यूरो रिपोर्ट)


3 जून 1995 सामाजिक परिवर्तन दिवस

साल 1984 में बसपा का निर्माण होने के बाद से ही बसपा को मिशन कहकर सम्बोधित किया जाता रहा हैं जिसको हर कार्यकर्ता अपने जीवन का उद्देश्य समझ कर पार्टी को आगे बढाया यह सामान्य अर्थो में राजनीतिक पार्टी कम सामाजिक परिवर्तन व् आर्थिक मुक्ति का साधन अधिक माना गया जो भी बसपा से जुड़ा बहुजन आंदोलन का क्रांतिकारी वाहक बन गया साहस समझ शक्ति के अदभुत प्रतिक के रूप ने बसपा ने सदिय से दबे कुचले बहुजन समाज और खास तौर से भारत के कहे जाने वाले अछूत वर्गो में जबरदस्त क्षमता वा ऊर्जा का संचार किया उनकी सदियोँ से दबी हुई सांगठनिक और सामाजिक परिवर्तन की चेतना को यथार्थ के पंख लगा दिए एक जबरदस्त बदलाव की आंधी चली और एक एक कर के मनुवादी संस्थाये व उनका वर्चस्व ध्वस्त होता गया डॉ बाबा सहाब भीमराव अम्बेडकर जी राष्ट्रपिता महात्मा जोतिबा फुले, साहूजी महाराज जी , स्वामी पेरियार जी, नारायणा गुरु जी जैसे क्रांतिकारियो को राष्ट्रीय पहचान व मान्यता मिली भारत का इतिहास व राजनीति हमेशा के लिए बदल चुकी थी बहुजन नायक मान्यवर सहाब कांशीराम जी एक महान सामाजिक परिवर्तक व राजनीती के बेजोड़ खिलाड़ी के रूप में स्थापित हो गये बसपा के पहले दस साल बहुजन समाज के लिए किसी हसीन सपने से कम न थे लेकिन 3 जून 1995 को इन सपनों को अमली जामा पहना दिया गया और बहुजन समाज की आयरन लेडी कही जाने वालीं बहन कुमारी मायावती जी देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश की मुख्यमन्त्री बनी यह पिछ्ले डेढ़ हजार साल की विलक्षण घटना थी जब बौद्ध समाज ने राजसत्ता को पुनः अपने हाथो में लिया पूरे देश में ख़ुशी व् उत्सव का माहोल था बहुजन समाज अब कभी न मुड़कर देखने के लिए अपनी ऐतिहासिक मंजिल की तरफ कदम बढ़ा चुका था यह पूरे देश के लिए गौरव व् सम्मान का अवसर था।

डॉ बाबा सहाब भीमराव अम्बेडकर जी ने 29 नवम्बर 1949 को कहा था अब रानी के पेट से नही बल्कि बैलट बॉक्स से शासक पैदा होंगे और महलों वाले सड़को पर व सड़को वाले महलो में नजर आयेंगे 3 जून 1995 को यह सही सिद्ध हुआ जब एक दलित महिला ने सभी जातिवादी मनुवादिओ के मंसूबो को मान्यवर सहाब कांशीराम जी के नेतृत्व में नेस्तनाबूद करते हुए पुरे बहुजन समाज को सम्मान के शिखर पर पहुँचा दिया पूरे देश में सामाजिक परिवर्तन की बयार चलने लगी शिवाजी का तिलक अपने उलटे पॉँव की अंगुली से करने वाले दुर्बुद्धि बहन जी के पैरो की धूल अपने माथे पर लगाकर अपने जीवन को सफल बनाने के लिए दण्डवत हुए जाते थे मानो लोकतान्त्रिक संविधान अपना पहला उत्सव मना रहा था इसके बाद तीन बार और बसपा ने बहन कुमारी मायावती जी के नेतृत्त्व में उत्तर प्रदेश में अपनी सरकार बना कर सदी से चले आ रहे सामाजिक गुलामी के दुष्चक्र को तोड़ दिया आज जो आंदोलन बहुजन समाज को सम्मान दिलाने के लिए शुरू हुआ था सही मायने में बहुजनों के लिए 3 जून सामाजिक परिवर्तन दिवस हैं। _ये तस्वीर उस सुनहरे इतिहास की गवाह है जब पहली बार कोई दलित महिला भारत के किसी सूबे की मुख्यमंत्री बनीं थीं 3 जून 1995 को बहन जी के नाम से मशहूर बहन कुमारी मायावती जी ने पहली बार यूपी के सीएम पद की शपथ ली थी सुमित चौहान जी के साथ जानिए बहन कुमारी मायावती जी की 25 अनसुनी कहानियां।

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