बैंकर्स 30 सितंबर तक किसानों, मत्स्य पालकों, पशुपालकों को केसीसी जारी करें:– मुख्य विकास अधिकारी
1 min read
😊 Please Share This News 😊
|
संवाददाता : :मैनपुरी: : अवनीश कुमार :: Date ::27 – 9 -2022 :: मैनपुरी 27 सितंबर, 2022- मुख्य विकास अधिकारी विनोद कुमार ने जिला सलाहकार समिति, बैंकर्स की बैठक में उपस्थित विभिन्न बैंकों के शाखा प्रबन्धकों को निर्देशित करते हुए कहा कि कृषि, मत्स्य, पशुपालन से जुड़े व्यक्तियों के किसान क्रेडिट कार्ड हेतु पत्रावलियां बैंकों को प्रेषित की गई हैं, बैंकसर् अभियान चलाकर 30 सितंबर तक किसानों, मत्स्य पालकों, पशुपालकों को केसीसी जारी करें ताकि उन्हें आवश्यकता पड़ने पर बैंकों से सस्ती ब्याज दर पर ऋण मिल सके। उन्होंने जिला कृषि अधिकारी को आदेशित करते हुए कहा कि बैंकसर् से समन्वय स्थापित कर 30 सितंबर को समस्त विकास खंड स्तर पर केसीसी मेलों का आयोजन कर किसानों को केसीसी वितरण करें। उन्होंने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि विभिन्न बैंक शाखाओं में पशुपालन विभाग द्वारा 3200 पत्रावलियां प्रेषित की गई थीं, जिसके सापेक्ष मात्र 400 पशुपालकों को ही बैंकसर् द्वारा केसीसी जारी किए गए हैं जबकि मत्स्य विभाग द्वारा प्रेषित 182 पत्रावलियों में से कितने मत्स्य पालकों को केसीसी जारी किए गए, इसकी सूचना भी बैंकसर् द्वारा उपलब्ध नहीं कराई गई है, यह स्थिति बेहद निराशाजनक है, बैंकसर् की लापरवाही के कारण लाभाथिर्यों को समय से संचालित योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है।
मुख्य विकास अधिकारी ने असंतोष व्यक्त करते हुए कहा कि बैंकसर् द्वारा विभिन्न योजनाओं में अकारण पत्रावलियों को निरस्त किया जा रहा है साथ ही बड़ी संख्या में पत्रावलियों को स्वीकृत करने के बावजूद ऋण वितरण नहीं किया जा रहा है। उन्होंने सचेत करते हुए कहा कि जो पत्रावलियां स्वीकृत की जा चुकी हैं, आगामी 02 दिन में ऋण वितरण करना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि इंडियन बैंक का ऋण-जमानुपात भी काफी खराब है, बैंकसर् धनराशि जमा करा रहे हैं लेकिन ऋण वितरण में रुचि नहीं ले रहे हैं, जिस कारण शासन की संचालित जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ पात्रों को समय से नहीं मिल पा रहा है, बैंकसर् से जनहित में कायर् करें, समय से ऋण वितरण करें ताकि लाभाथीर् को योजना का लाभ मिले और वह आथिर्क रूप से स्वावलंबी बन सके। उन्होने समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री युवा स्वःरोजगार योजना, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कायर्क्रम, स्पेशल कंपोनेंट, मुख्यमंत्री ग्रामोद्योग रोजगार योजना, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन जैसी महत्वाकांक्षी जनकल्याणकारी योजनाओं में प्रेषित आवेदन पत्रों के सापेक्ष ऋण वितरण की खराब प्रगति पर असंतोष व्यक्त करते हुये कहा कि बैंकसर् दायित्वों के निवर्हन में लापरवाही न बरतें।
श्री कुमार ने स्पेशल कंपोनेंट की समीक्षा के दौरान पाया की 1240 लक्ष्य के सापेक्ष विभिन्न बैंक शाखाओं को 176 आवेदन पत्र प्रेषित किए गए, जिसमें से विभिन्न बैंकों द्वारा 05 आवेदन पत्र स्वीकृत कर ऋण वितरण किया जा चुका है, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कायर्क्रम में वाषिर्क लक्ष्य 155 के सापेक्ष विभिन्न बैंकों में 170 पत्रावलियां पे्रषित की गयी, जिसमें से 59 पत्रावलियां स्वीकृत कर 26 पर ऋण वितरण किया गया है। उन्होने कहा कि सवोर्च्च प्राथमिकता पर फसली, कृषि ऋण के लक्ष्यों की पूतिर् करें, किसानों की आथिर्क स्थिति सुधरे, उनकी आय में वृद्धि हो इसके लिए संचालित योजनाओं का लाभ किसानों को समय से मिले, के.सी.सी. की प्रगति भी ठीक नहीं है, व्यवसायिक बैंकों के नये किसान केडिट काडर् बनाने के वाषिर्क लक्ष्य 31737 के सापेक्ष मात्र 7938 केसीसी बनाये गये हैं, जबकि व्यवसायिक बैंकों द्वारा 51056 केसीसी नवीनीकरण लक्ष्य के सापेक्ष मात्र 16093 केसीसी नवीनीकृत किये गये हैं।
बैठक में परियोजना निदेशक डी.आर.डी.ए. के.के. सिंह, उपायुक्त एन.आर.एल.एम. पी.सी. राम, रिजवर् बैंक प्रतिनिधि विवेक कुमार, उप निदेशक मत्स्य राजेन्द्र सिंह, जिला कृषि अधिकारी सूयर्प्रताप, जिला ग्रामोद्योग अधिकारी पवन यादव, परियोजना अधिकारी डूडा आर.के. सिंह सहित अन्य अधिकारी, विभिन्न बैंकों के शाखा प्रबंधक आदि उपस्थित रहे, बैठक का संचालन जिला अग्रणी प्रबंधक अनिल प्रकाश तिवारी ने किया।
व्हाट्सप्प आइकान को दबा कर इस खबर को शेयर जरूर करें |