उपलब्धियों को अपना मानने से ही अहंकार होता है- प्रेममूर्ति पूज्य श्री प्रेम भूषण जी महाराज
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संवाददाता : : मैनपुरी : :अवनीश कुमार :: Date ::07 .10 .2022 ::सुदिती ग्लोबल एकेडमी में श्रीराम कथा महोत्सव के आठवें दिन की कथा पंडाल में श्रीराम कथा सुनने वाले राम भक्तों की उमड रही है भीड़
मैनपुरी- श्री राम कथा गायन के लिये सुविख्यात परम पूज्य प्रेमभूषणजी ने सुदिती ग्लोबल एकेडमी में आयोजित नौ दिवसीय श्री रामकथा महोत्सव के आठवें दिन कथागायन करते हुए उक्त विचार व्यक्त किए। पूज्य प्रेमभूषणजी महाराज के मुखारबिंद से श्रीराम कथा गायन शुरू हुआ तो पूरा पांडाल भक्ति के रस में डूब सा गया। ‘हम रामजी के रामजी हमारे है सेवा ट्रस्ट’ के बैनरतले कथागायन करने वाले प्रेममूर्ति श्रीप्रेमभूषणजी महाराज ने कहा कि मनुष्य किसी भी कार्य की सफलता को जब अपनी करनी मानता है, तभी अहंकार का जन्म होता है। अगर हम उसे भगवत कृपा मान लेते हैं तो हम अहंकार से अलग होकर संस्कार में प्रवेश करते हैं।
सरस श्री राम कथा गायन के लिये विश्व प्रसिदृ कथावाचक प्रेममूर्ति पूज्यश्री प्रेमभूषध्ण जी महाराज ने आठवें दिन की कथा के क्रम में कहा कि अगर हमने किसी भी कार्य का संकल्प किया और पूरा हो गया तो उसे भगवान की कृपा ही मान लेने वाला भगत है। पूज्य श्री पे कहा कि मनुष्य की समस्या है कि वह भगवान की सत्ता व व्यवस्था को स्वीकार नहीं करता है और मन से जब स्वीकार नहीं होता है तो तनाव होता है। तनाव मनुष्य के लिये बीमारियों का घर है। तनाव लेने से अगर सब ठीक होता तो सभी लोग तनावमुक्त होने की कामना क्यों करते। पूज्य महाराज जी ने रामायण का संधि विच्छेद और व्याख्या करते हुये कहा रमा$अयन, जिसमें मां भगवती का निवास है, वह है रामायण। यह जीवन जीने के लिये पाथेय है। मनुष्य को पथ दिखाने वाला है और इसके आश्रय में रहने वाले को जीवन में उसकी भलाई का हर सामान उपलब्ध हो जाता है। उन्होने कहा कि आनन्द लेने का अभ्यास करें। अगर हम हर तरफ अच्छाई देखने का अभ्यास करेगे तभी आनन्द में रह सकेंगे। अनन्था जगत में भटकने के साधन भरे पडे हैं। महाराज जी ने कहा परमार्थ की यात्रा अत्यन्त सरल है, केवल प्रयास करने की आवश्यकता होती है। इस क्रम में महाराज जी ने दर्जनों भजनों का गायन कर कथा पंडाल में उपस्थित श्रोताओं को भावविभोर कर दिया।
श्रीराम कथा शुरू होने से पहले एवं प्रेममूर्ति प्रेमभूषणजी महाराज द्वारा कथा शुरू करने के बाद भी निरन्तर भजनों की गंगा माहौल को भक्ति के रस से सराबोर करती रही। इस दौरान पांडाल में जय सियाराम, जय श्री राम के जयकारे गूंजते रहे। इससे पूर्व श्री प्रेमभूषणजी महाराज के व्यास पीठ पर विराजित होने से पहले व्यासपीठ की विधिवत पूजा की गई। उनके व्यास पीठ पर विराजने के बाद कथा संयोजक डॉक्टर राम मोहन, डॉक्टर कुसुम मोहन, श्री जसवंत सिंह सैनी (माननीय राज्यमंत्री, संसदीय कार्य एवं औद्योगिक विकास उत्तर प्रदेश), श्री पीयूष शर्मा (माननीय क्षेत्रीय निदेशक, सीबीएसई, नोयडा), श्रीमती शोभा मिश्रा, मैत्रेयी मिश्रा, डॉक्टर अजय पाल सिंह जी एवं श्रीमती सुशीला, श्रीमती कुसुम, श्रीमती सरला देवी, डॉ अशोक कुमार एवं श्रीमती सुषमा देवी, डॉ आनंद, डॉ नीलम, श्री यशपाल सिंह, श्री विनोद अगवाल, सीमा, प्रियंका, श्री राजू भटनागर आदि ने महाराज जी को माला पहनाकर और व्यासपीठ का पूजन कर उनका आशीर्वाद लिया।कथा सत्र के समापन की आरती में मुख्य यजमान के साथ हरी बाबू गुप्ता, डॉ सुमंत गुप्ता, डॉ संजीव यादव, पवन गोयल, श्री आर के यादव, डा अनिल यादव, चंद्र प्रकाश पाण्डेय, कमल कौशिक, सुभाष गुप्ता, विपिन यादव, डॉ राकेश गुप्ता, गोपी अग्रवाल, सतेंद्र मिश्रा, प्रमोद दुबे बाबाजी आदि मौजूद थे। हम राम जी के राम जी हमारे हैं सेवा ट्रस्ट के मीडिया प्रभारी तारकेश्वर मिश्रा ने सभी राम भक्तों का स्वागत किया।
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