काले गेहूं की खेती से जुड़ नई प्रजाति के रूप में पहचान दिलाने में सहयोग करें- जिलाधिकारी
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संवाददाता : :मैनपुरी :: अवनीश कुमार :: Date :: 22 .10 .2022 :: काले गेहूं की खेती से जुड़ नई प्रजाति के रूप में पहचान दिलाने में सहयोग करें- जिलाधिकारी
रासायनिक खादों को छोड़ जैविक खादों का प्रयोग कर भूमि की मिट्टी की सेहत सुधारने की दिशा में कार्य करें कृषक:–जिलाधिकारी काले गेहूं के उत्पादन से लेकर उपभोग तक की व्यवस्था करेगा जिला प्रशासन:–जिलाधिकारी मैनपुरी 21 अक्टूबर, 2022- जिलाधिकारी अविनाश कृष्ण सिंह ने काला गेहूं एवं पलारी प्रबन्ध कायर्शाला में उपस्थित किसानों का आव्हान करते हुए कहा कि धान की फसल की अवशेष पलारी खेतों में किसी भी दशा में न जलाएं। फसल अवशेषों के जलाने से पयार्वरण प्रदूषण के साथ-साथ मिट्टी के पोषक तत्व को अत्याधिक क्षति एवं मिट्टी के भौतिक स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
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रासायनिक खादों को छोड़ जैविक खादों का प्रयोग कर भूमि की मिट्टी की सेहत सुधारने की दिशा में कार्य करें कृषक:–जिलाधिकारी काले गेहूं के उत्पादन से लेकर उपभोग तक की व्यवस्था करेगा जिला प्रशासन:–जिलाधिकारी मैनपुरी 21 अक्टूबर, 2022- जिलाधिकारी अविनाश कृष्ण सिंह ने काला गेहूं एवं पलारी प्रबन्ध कायर्शाला में उपस्थित किसानों का आव्हान करते हुए कहा कि धान की फसल की अवशेष पलारी खेतों में किसी भी दशा में न जलाएं। फसल अवशेषों के जलाने से पयार्वरण प्रदूषण के साथ-साथ मिट्टी के पोषक तत्व को अत्याधिक क्षति एवं मिट्टी के भौतिक स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। फसल अवशेषों के जलाने से सामान्य वायु की गुणवत्ता खराब होगी। फसल अवशेष खेतों में जलाए जाने के कारण भूमि के बंजर होने का खतरा बना रहेगा। उन्होने कहा कि राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने खेतों में फसल अवशेष जलाने को दण्डनीय अपराध घोषित किया है। पलारी जलाने पर सरकार ने अथर्दंड लगाने का प्राविधान किया है, कृषक ऐसा कदापि न करे। जिससे अथर्दण्ड लगाने को मजबूर होना पड़े। उन्होने कहा कि किसान धान की कटाई में कम्बाइन हावेर्स्टिंग मशीन के साथ स्ट्रा रीपर विद बाइण्डर का प्रयोग अनिवार्य रूप से करें। पलारी, फसल अवशेष का प्रयोग खेतों के पोषक तत्व, कीट मित्रों को समाप्त करने में नहीं बल्कि खेतों की उवर्रा शक्ति बढ़ाने में करे। श्री सिंह ने कहा कि जनपद कृषि विविधिता का क्षेत्र है, यहां के कृषक मेहनती, उत्साही हैं, एक पुति के लहसुन, मूंगफली के साथ-साथ कुछ कृषकों ने काला चावल, काला गेहूं, मशरूम की खेती कर काफी नाम कमाया है, सभी कृषक नई पद्धति से खेती करें। इस वर्ष जनपद में कम से कम 500 हे. में काले गेहूं की बुवाई करें, गेहूं के बीज की व्यवस्था कृषि विभाग के अधिकारी प्रगतिशील कृषकों से समन्वय स्थापित कर कराएंगे। उत्पादन के बाद जनपद के ही फ्लोर मिलसर् द्वारा काले गेहूं की खरीद सामान्य गेहूं की दर से दोगुनी कीमत पर की जाएगी। इस हेतु जनपद के कुछ फ्लोर मिलर्स से किसानों का एम.ओ.यू. भी कराया जा चुका है। उन्होंने किसानों का आह्वान करते हुए कहा कि सभी कृषक काले गेहूं की खेती से जुड़ें, यह प्रजाति कैंसर, डायबिटीज, हृदय रोग जैसी गंभीर बीमारियों के बचाव में सहायक है। इसमें एन्थोसाइनीन प्रचुर मात्रा में पाया जाता है साथ ही जिंक, आयरन भी भरपूर मात्रा में मौजूद है। उन्होंने कहा कि जनपद के लहसुन, मूंगफली को भी प्रदेश स्तर पर पहचान दिलाने के लिए कार्य योजना तैयार की जा रही है, एक पुति के लहसुन में भी औषधीय गुण समाहित हैं। मुख्य विकास अधिकारी विनोद कुमार ने उपस्थित किसानों का आह्वान करते हुए कहा कि कृषक फसल अवशेष को किसी भी दशा में खेतों में न जलाएं बल्कि पलारी का प्रयोग पशुओं के चारे के रूप में करें। पलारी को अपने क्षेत्र की संचालित गौशालाओं को दें, गौशाला तक लाने की व्यवस्था जिला प्रशासन द्वारा की जाएगी। पलारी को चारे के साथ 33 प्रतिशत तक मिलाकर पशुओं को खिलाया जा सकता है इसके साथ ही पलारी को खाद के रूप में भी प्रयोग किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि काले गेहूं की खेती से किसानों की आय में दोगुनी वृद्धि होगी, सामान्य गेहूं की लागत में ही काले गेहूं की पैदावार होगी लेकिन यह सामान्य गेहूं की तुलना में दोगुनी दर पर बिकेगा। सी.डी.ओ. ने कहा कि जो भी कृषक काले गेहूं की खेती करना चाहें वह बीज के लिए जिला कृषि अधिकारी के मो.नं. 9956620948, प्रगतिशील कृषक मेघ सिंह के मो.नं. 7906756173, कृषि उत्पादन संगठन भू-क्रांति प्रोड्यूसर के अध्यक्ष के मो.नं. 8787001100 पर संपर्क कर सकते हैं। काले गेहूं के उत्पादन के उपरांत बिक्री हेतु श्रीराम फ्लोर मिल मैनपुरी के स्वामी के मो.न. 7906225610 पर सम्पकर् कर अपने गेहूं की बिक्री करें। आलू की खेती से जुड़े कृषक नरेश चन्द्र शाक्य के मो.नं. 9837581754 पर संपर्क करें। इनके द्वारा उत्तम प्रजाति का आलू बीज रू. 2600 प्रति क्विंटल की दर से उपलब्ध कराया जाएगा और इन्हीं के द्वारा उक्त प्रजाति के आलू को रू. 1100 प्रति कुंतल की दर से किसानों के खेत से ही क्रय किया जाएगा। अपर जिलाधिकारी राम जी मिश्र ने कहा कि फसल अवशेषों के जलाये जाने से निकलने वाली विषैली गैसों कावर्न मोनो आक्साईड, कावर्न डाई आक्साईड एवं सल्फर डाइ आक्साईड आदि गैसें है। जो कि पयार्वरण को प्रदूषित करती है तथा मानव स्वास्थय के लिए भी हानिकारक है। फसल अवशेषो की निगरानी सैटेलाइट के माध्यम से की जा रही है, गत दिवस फसल अवशेष जलाने की घटना सैटेलाइट के द्वारा चिन्हित हुई, जिसका मौके पर सत्यापन कृषि विभाग एवं राजस्व विभाग की टीम द्वारा किया जा रहा है। मा. राष्ट्रीय हरित अभिकरण के द्वारा पारित आदेशों के क्रम में दोषी कृषकों पर अथर्दण्ड लगाया जायेगा। जिलाधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी, अपर जिलाधिकारी, उप कृषि निदेशक ने निःशुल्क बीज वितरण योजना के अन्तगर्त अनूप पांडेय, गिरीश चंद्र, रामवीर सिंह, सुधीर कुमार, जसकरन सिंह, जयंत, प्रमोद कुमार, कौशलेंद्र, विवेक कुमार, विजय प्रताप, रामनिवेश, बालेंद्र सिंह, सुनील, सत्यभान, राजेंद्र सिंह चैहान, मेघ सिंह, देशराज, पंकज, सर्वेश, सरोज, जितेंद्र सिंह, देवेंद्र कुमार, अखिलेश कुमार, हुकुम सिंह, बलराम, सत्यवीर को सरसों मिनी किट एवं आलू बीज उपलब्ध कराये। इस दौरान उप जिलाधिकारी नवोदिता शर्मा, जिला कृषि अधिकारी सूयर् प्रताप, भूमि संरक्षण अधिकारी विजय पाल, कृषि वैज्ञानिक, बड़ी संख्या में कृषकगण आदि उपस्थित रहे, कायर्शाला का संचालन उप कृषि निदेशक डी.वी. सिंह ने किया।
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