खेतों में फसल अवशेष जलाना दंडनीय अपराध – अपर जिलाधिकारी – बहुजन इंडिया 24 न्यूज

खेतों में फसल अवशेष जलाना दंडनीय अपराध – अपर जिलाधिकारी

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संवाददाता : :मैनपुरी:: अवनीश कुमार :: Date :: 26 .10 .2022 ::पराली जलाने वालों के विरुद्ध होगी प्रभावी कार्यवाही साथ ही संचालित योजनाओं के लाभ से भी वंचित होंगे- राम जी मिश्र

मैनपुरी 26 अक्टूबर 2022 – अपर जिला अधिकारी राम जी मिश्र ने बताया कि तहसील किशनी, भोगांव, करहल क्षेत्र के ग्राम कुरारी, लेखराजपुर आदि मैं 09 पराली जलाने की घटनाएं प्रकाश में आई जिनका कृषि विभाग के अधिकारियों के साथ तत्काल मौके पर जाकर निरीक्षण कर मौके से ही दो व्यक्तियों को पराली जलाते हुए गिरफ्तार किया गया दोनों दोषी व्यक्तियों के विरुद्ध सुसंगत धाराओं में प्रभावी कार्यवाही के साथ अर्थदंड वसूलने की कार्रवाई की जा रही है।शेष 7 दोषियों से अर्थदंड वसूलने की कार्यवाही की जा चुकी है ।उन्होंने उप जिलाधिकारियों, तहसीलदारों , कृषि विभाग के अधिकारियों को आदेशित करते हुए कहा है कि नियमित रूप से भ्रमणशील रहकर किसानों से संवाद कर उन्हें पराली न जलाने के लिए जागरूक करें, पराली खेतों में जलाने से होने वाले नुकसान के साथ-साथ उन्हें पर्यावरण प्रदूषण के बारे में भी जानकारी दें। उन्होंने लेखपालों के साथ-साथ ग्रामीण स्तरीय अधिकारियों, कर्मचारियों से कहा है कि वह भी अपने अपने क्षेत्र में पराली जलाने की घटनाओं पर नजर रखें यदि कोई भी कृषक खेतों में फसल अवशेष जलाए तो तत्काल संज्ञान में लाएं, लेखपाल नियमित रूप से अपने अपने क्षेत्र में भ्रमण कर किसानों को फसल अवशेष खेतों में न जलाने के लिए जागरूक करें।
अपर जिलाधिकारी ने कहा कि कृषक गेहूं की बुवाई के कारण खेतों में फसल अवशेष जलाते हैं लेकिन उसका विपरीत असर भूमि की मिट्टी पर पड़ता है, भूमि की मिट्टी का तापमान बढ़ने के साथ-साथ कीट मित्र नष्ट होते हैं साथ ही पर्यावरण प्रदूषण के कारण लोगों में तमाम प्रकार की गंभीर बीमारियां पैदा होने की आशंका बनी रहती है, इसके दृष्टिगत मा राष्ट्रीय हरित अभिकरण द्वारा खेतों में फसल अवशेष जलाने को दंडनीय अपराध घोषित कर विधिक कार्यवाही के साथ-साथ अर्थ दंड का भी प्रावधान किया है साथ ही एक से अधिक बार फसल अवशेष जलाने पर पकड़े जाने पर कृषक को सरकार की तमाम योजनाओं का लाभ देने से भी वंचित किया जाएगा। उन्होंने किसानों का आह्वान करते हुए कहा कि ऐसा कोई कृत्य न करें जिससे जिला प्रशासन को अन्नदाता किसान के विरुद्ध कार्यवाही करने को विवश होना पड़े|निरीक्षण के दौरान उप जिलाधिकारी किशनी, जिला कृषि अधिकारी, तहसीलदार किशनी आदि उपस्थित रहे।

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