गटर व सीवर की सफाई में हर साल होती है हजारों की संख्या में मौत – बहुजन इंडिया 24 न्यूज

गटर व सीवर की सफाई में हर साल होती है हजारों की संख्या में मौत

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दुनिया तरक्की की दौड़ में बहुत आगे चली गयी लेकिन एक तबका आज भी बदहाली के साथ जीता है रोज की जिंन्दगी से लड़ता है और लड़ते लड़ते जहरीली गैस का सीकर हो जाता है। स्मार्ट और काबिल लोग कभी ध्यान नहीं देते कि आखिर ये भी तो इन्शान है। समय के किस दौर में इनकी जिंदगी बदलेगी 15 शताब्दी से एक खेल शुरू हुआ इन्शान ने अपनी टट्टी इन्शान से साफ करवानी शुरू की और आज भी जारी है। तब तलवार के बल पर जबरन काम करवाया जाता था और आर्थिक तंगी से परेशान लोग चंद रूपये के लिए करते है सफाई और कोई साफ़ नहीं करवाता है जो श्रेष्ठ पुरुष है जो अपने आप को पढ़े लिखे कहते है ये घिनौना कृत उनकी साजिश है। पढ़े लिखे की करतूत आगे पढ़िए पढ़े लिखे लोगों की सारी चमक धमक, ज्ञान ,शिष्टता,तहज़ीब एलिटिज़्म और खूबसूरती के बावजूद आपका रिश्ता आपके उस महकते बाथरूम के मार्फत ‘गटर’ से है । उस गटर से ,जिसे आप देखते तक नहीं पर उसमे हर सुबह शाम इज़ाफ़ा करते जाते हैं।हर पाँच सितारा होटल और उसके खाने के नेपथ्य में छिपा है एक गटर… उस गटर में रोज़ उतरते हैं हज़ारों साँस लेते जीते जागते व्यक्ति , अपने अपने परिवार ,बाल बच्चों के साथ ..हंसते खेलते लाखों लोग…और एक साल में उनमें औसतन 22 हज़ार..है लेकिन सरकार इसके बाबजूद ध्यान नहीं देती है 22 हज़ार से ज़्यादा उसकी जहरीली गैस से अंदर ही मर जाते हैं।

चौंकिए मत, मुझे पता है आपको ये पता भी नही चलता, किसी मीडिया चैनल,किसी एयरक्राफ्ट के भीतर की लाइफ स्टाइल-फैशन-स्पोर्ट्स -या फैमली मैगज़ीन में ये स्टोरी नही आती.. और आपका खुद का दिमाग ऐसी गंदी चीजों तक क्यों जाए ? आप तो सिर्फ फ्लश बटन दबाते हैं, अपना किया धरा भी पलट कर नही देखते। कल से सोशल मीडिया पर ऐसे ही एक पिता की तस्वीर तैर रही है जिसका मासूम बच्चा कफन उठा के इस गटर में मरे अपने पिता का चेहरा देख रहा है। किसी भी मंदिर मस्जिद, अनूप जलोटा, तैमूर, सालगिरह, योगी मोदी चुनाव बुलेट ट्रेन ,पेट्रोल से ज़्यादा ज़रूरी है इस गटर पॉलिटिक्स को सामने लाना… कला की खूबसूरती भी एक नकलीपन है.. हर कला में भी हमारी दुनिया के गटर की कहानी आनी चाहिये…दुनिया बदलनी चाहिये..। from सोशल मीडिया हलचल

 

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